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शास्त्री : रहाणे की वापसी सिर्फ़ आईपीएल से नहीं बल्कि घरेलू क्रिकेट में लाजवाब प्रदर्शन के दम पर हुई

'लोग भूल जाते हैं कि आईपीएल में आने से पहले रहाणे ने घरेलू क्रिकेट में 600 से अधिक रन बनाए हैं'

Ajinkya Rahane chats with coach Ravi Shastri in the nets, Melbourne, December 23, 2020

नेट्स में रवि शास्त्री के साथ अजिंक्य रहाणे (फ़ाइल फ़ोटो)  •  Getty Images

भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ख़ुश हैं कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फ़ाइनल के लिए अजिंक्य रहाणे के अनुभव को महत्व दिया गया है और वे ओवल में होने वाले फ़ाइनल में खेलते हुए दिखाई दे सकते हैं। रहाणे ने 2022-23 की रणजी ट्रॉफ़ी में 11 पारियों के दौरान 57.64 की औसत से 634 रन बनाए थे, जिसमें दो शतक भी शामिल था। इसके बाद उन्होंने आईपीएल में भी अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल के लिए टीम की घोषणा होने से एक दिन पहले उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध 29 गेंदों पर 71 रन की प्लेयर ऑफ़ द मैच पारी खेली और अपनी पावर हिटिंग क्षमता से लोगों को प्रभावित किया।
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए शास्त्री ने कहा, "मैं बहुत ख़ुश हूं कि उन्हें टीम में जगह मिली है। उन्होंने पिछले तीन-चार मैचों में शानदार बल्लेबाज़ी की है और वह अच्छे लय में दिखाई दे रहे हैं। यह भी मत भूलिए कि उनके पास अपार अनुभव है। जब श्रेयस अय्यर चोटिल हुए तो चयनकर्ताओं को इसी दिशा में देखना था। लोगों को लगता है कि रहाणे अपने आईपीएल फ़ॉर्म की वजह से यहां हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने पिछले छह महीनों के दौरान ख़ूब प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और 600 से अधिक रन बनाए।"
रहाणे ने अपना आख़िरी टेस्ट शतक 2020-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न में बनाया था। इस सीरीज़ में कप्तानी करते हुए उन्होंने भारत को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उनकी सरज़मीं पर लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज़ जीत दर्ज कराई थी।
शास्त्री ने रहाणे की वापसी की तुलना चेतेश्वर पुजारा से की। जहां पुजारा ने वापसी करने के लिए काउंटी क्रिकेट का सहारा लिया, वहीं रहाणे ने भारत में घरेलू क्रिकेट खेला। शास्त्री ने कहा, "डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल एक बड़ा मैच है और आपको वहां अनुभव की ज़रूरत होती है। आप ये मत भूलिए कि डेढ़ साल पहले वह ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीतकर आए थे। वह कप्तान थे और उन्होंने बेहतरीन कप्तानी की थी। लोग मेलबर्न में लगाए गए उनके शतक को भूल गए हैं। पुजारा ने भी ऐसा किया, वह घरेलू क्रिकेट खेलें, काउंटी क्रिकेट में गए और रनों का अंबार खड़ा किया। रहाणे भी ऐसा कर रहे हैं और उम्मीद है कि उनका यह अनुभव टीम के काम आएगा।"
'मुझे टीम चयन मीटिंग में नहीं बुलाया जाता था'
शास्त्री 2014 से 2021 के दौरान टीम इंडिया के दो बार कोचिंग स्टाफ़ का सदस्य रह चुके हैं। पहले वह टीम के डायरेक्टर थे, फिर उन्हें प्रमुख कोच बनाया गया। शास्त्री ने खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें टीम चयन मीटिंग में नहीं बुलाया जाता था। उन्होंने बताया, "मेरे पास ऐसे मीटिंग में शामिल होने का कोई अनुभव नहीं है। सात साल तक मैं टीम के साथ किसी न किसी रूप में जुड़ा रहा लेकिन मुझे कभी भी चयन मीटिंग में जाने का मौक़ा नहीं मिला। मुझे कभी भी इसके लिए आमंत्रित नहीं किया गया। मुझे लगता है कि कोच को भी ऐसे मीटिंग का हिस्सा होना चाहिए। अगर उनके पास वोट करने की क्षमता ना हो फिर भी उनकी बात तो मीटिंग में सुनी ही जानी चाहिए क्योंकि वे खिलाड़ियों के साथ सबसे अधिक समय बिताते हैं।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं