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जयसूर्या : श्रीलंका के लिए खेलने के लिए मैंने सब कुछ दांव पर लगाया

टेस्ट क्रिकेट के नवीनतम सुपरस्टार ने अपने पहले तीन टेस्ट में 29 विकेट लिए हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने का सफ़र आसान नहीं था

Prabath Jayasuriya rattled Pakistan with his fourth Test five-for, Sri Lanka vs Pakistan, 2nd Test, Galle, 5th day, July 28, 2022

प्रभात ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चौथी बार अपना पंजा खोला  •  AFP/Getty Images

लगभग तीन हफ़्ते पहले प्रभात जयसूर्या श्रीलंका के टेस्ट एकादश तो क्या, पूरे दल के आस-पास नहीं थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ निराशाजनक गेंदबाज़ी करने पर लसिथ एम्बुलदेनिया को ड्रॉप कर दिया गया और प्रवीण जयविक्रमा को कोविड हो गया। ऐसे में श्रीलंका को नए स्पिन गेंदबाज़ों की ज़रूरत पड़ी और कप्तान दिमुथ करुणारत्ना ने जयसूर्या को टीम में शामिल करने की मांग की।
करुणारत्ना और जयसूर्या दोनों सिंहलीज़ स्पोर्ट्स क्लब (एसएससी) में और घरेलू चार-दिवसीय प्रतियोगिता नेशनल सुपर लीग में एक ही टीम से खेलते हैं। जयसूर्या ने भले ही तब तक टेस्ट मैच नहीं खेला था लेकिन वह 62 प्रथम श्रेणी मैचों के अनुभव के धनी थे। इसके अलावा उनकी गेंदबाज़ी में नियंत्रण कप्तान के लिए एक अनमोल चीज़ थी। गॉल में हुए चार लगातार टेस्ट मैच के पहले पड़ाव में श्रीलंकाई स्पिनर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को लगातार बाउंड्री मारने के मौक़े दे रहे थे, और करुणारत्ना को ऐसे गेंदबाज़ की तलाश थी जो बाउंड्री खाने के बाद भी अच्छी लेंथ पर टिका रहे।
अब जयसूर्या ने अपने जीवन के पहले तीन टेस्ट में से दो में अपने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने छह पारियों में 20.37 के औसत से 29 विकेट लिए हैं, जिनमें चार बार पारी में पांच विकेट शामिल हैं। 2.73 की इकॉनमी उनके नियंत्रण को दर्शाती है लेकिन शायद इस प्रकार का असर करुणारत्ना के उम्मीदों से भी बढ़कर रहा है।
मूलतया कैंडी के उत्तर में स्थित मातले शहर के निवासी जयसूर्या ने पाकिस्तान के ऊपर 246 रनों की जीत के बाद कहा, "मेरे लिए सफ़र आसान नहीं था। मुझे क्रिकेट के लिए कोलंबो आना पड़ा और यहां ना तो कोई रिश्तेदार था और ना तो कोई ठिकाना। फिर भी कई लोगों ने मेरी मदद की, जैसे मेरे कोच दिनेश वीरासिंघा। मुझे कोल्ट्स और एसएससी में खेलने का मौक़ा मिला। लेकिन मेरे लिए आर्थिक दृष्टिकोण से यह काफ़ी मुश्किल था। मैं अपने परिवार पर बोझ भी नहीं बनना चाहता था। मुझे देश के बाहर खेलने के भी अवसर मिले थे लेकिन मैं यहीं रह कर एक दिन श्रीलंका के लिए खेलने का सपना देखता था। मैंने उस लक्ष्य के लिए सब कुछ दांव पर लगाया और इसलिए आज इस दिन सफल हुआ हूं।"
हर अच्छे बाएं हाथ के स्पिनर की तरह जयसूर्या के सफलता का राज़ रहा है उनका आर्म बॉल, यानी टप्पा खाकर सीधे जाने वाली गेंद। यह किसी भी बल्लेबाज़ के विरुद्ध बोल्ड और पगबाधा, दोनों को संभावित कर देता है। गॉल टेस्ट के पांचवें दिन ऐसी ही एक गेंद से उन्होंने पाकिस्तान के लिए एक ज़िद्दी तीसरी विकेट की साझेदारी को तोड़ा जब मोहम्मद रिज़वान गेंद छोड़ने गए और बोल्ड हो गए। इसके बाद श्रीलंका के गेंदबाज़ों को मैच ख़त्म करने में सिर्फ़ 23 ओवर लगे।
जयसूर्या ने कहा, "आर्म बॉल से मैं स्कूल के स्तर से ही विकेट ले रहा हूं। जब पिच टर्न लेती है तब बल्लेबाज़ टर्न की अपेक्षा करता है और ऐसे में सीधी गेंद आपके लिए उसको छकाने का एक बड़ा मौक़ा देता है। आप इसका बहुत ज़्यादा इस्तेमाल भी नहीं कर सकते। आप पहले बल्लेबाज़ को दिखाइए कि पिच कितनी टर्न ले रही है और फिर सीधी गेंद पर फंसाइए। रिज़वान के लिए मैंने स्टंप्स के पास से गेंद को छोड़ा था जो मैं अक्सर नहीं करता। शायद इसीलिए उन्हें टर्न की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।"
जयसूर्या के साथी रमेश मेंडिस पहले टेस्ट में थोड़े बेअसर ज़रूर थे लेकिन इस मैच में उन्होंने नौ विकेट लेकर अपना योगदान दिया। पाकिस्तान की दूसरी पारी में फ़वाद आलम के रनआउट के अलावा बाक़ी के सभी विकेट जयसूर्या और मेंडिस ने ही लिए। जयसूर्या ने कहा, "हमने कोच और कप्तान के साथ यही तय किया था कि हमें दोनों छोर से दबाव बनाए रखना होगा। अगर एक छोर से रन बनते हैं तो विकेट लेना उतना ही मुश्किल हो जाता है। रमेश जब विकेट ले रहे थे तब हमने दूसरे छोर पर भी दबाव बरक़रार रखा था। मैंने काफ़ी कसी हुई गेंदबाज़ी की।"

एंड्रयू फिदेल फर्नांडो ESPNcricinfo के श्रीलंकाई संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन ने किया है।