फ़ाइनल में पहुंचने वाले दोनों टीमों के कप्तानों ने भी टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट में जगह बनाई है • Getty Images
अंडर-19 विश्व कप का 15वां संस्करण साउथ अफ़्रीका में संपन्न हुआ, जिसके फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर चौथी बार ख़िताब जीता। आइए डालते हैं टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट पर एक नज़र:
डिक्सन इस टूर्नामेंट के पांच सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में से एकमात्र ऐसे बल्लेबाज़ रहे, जिनके नाम शतक नहीं था। लेकिन सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल में खेली गई उनकी पारियों की मदद से ही ऑस्ट्रेलिया ख़िताब तक पहुंचने में सफल रहा।
साउथ अफ़्रीका के सलामी बल्लेबाज़ प्रिटोरियस में आक्रामकता और रक्षात्मकता का सटीक संगम है। वह टूर्नामेंट में बेहतर से बेहतर होते गए और सेमीफ़ाइनल में बाहर होने से पहले उन्होंने लगातार तीन अर्धशतक लगाए। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ पहले मैच में जब साउथ अफ़्रीका के गेंदबाज़ जुआन जेम्स चोटिल हो गए तो इस विकेटकीपर ने ग्लव्स निकालकर नौ ओवर ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी भी की।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने अपनी टीम की तरफ़ से नंबर तीन की ज़िम्मेदारी संभाली और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टूर्नामेंट का सबसे मुश्किल शतक लगाया। उन्होंने कप्तान के रूप में कुछ महत्वपूर्ण और साहसी निर्णय लिए और अपनी टीम को ख़िताबी जीत दिलाई। फ़ाइनल में भी जब आसमान में बादल छाए हुए थे तो उन्होंने गेंदबाज़ों की मददग़ार परिस्थितियों में भी टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाज़ी का निर्णय लिया और पहला विकेट जल्दी गिरने के बाद महत्वपूर्ण 48 रन बनाए।
भारतीय कप्तान इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे। उन्होंने ग्रुप और सुपर सिक्स मैचों में धमाकेदार बल्लेबाज़ी की और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में सचिन धस के साथ एक महत्वपूर्ण और मैच-जिताऊ साझेदारी निभाई।
मैच 7, रन 360, औसत 60.00, स्ट्राइक रेट 98.09, विकेट 7, औसत 26.57, इकॉनमी 3.63
मुशीर इस टूर्नामेंट में दो शतक लगाने वालए एकमात्र बल्लेबाज़ थे। उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दिया। हालांकि सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल में ना चलना उन्हें ज़रूर खलेगा।
दबाव में शांत रहना और अच्छी गेदों को भी बाउंड्री पहुंचाना धस की सबसे बड़ी ख़ासियत है। उन्हें इस टूर्नामेंट का सबसे प्रतिभाशाली और कुशल बल्लेबाज़ माना जाना चाहिए।
टीम के सेमीफ़ाइनल में ना पहुंचने के बाद भी एंटीगा के इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने एकादश में जगह बनाई है। उन्होंने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अपनी टीम को अकेले मैच-जिताया और फिर स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ भी शानदार अर्धशतक लगाया। ऐंड्रयू की आक्रामकता उन्हें बहुत आगे तक ले जा सकती है।
बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने अपनी स्विंग और सीम से सबको प्रभावित किया। उन्होंने इस टूर्नामेंट में तीन बार पांच विकेट लिए और इतनी ही बार प्लेयर ऑफ़ द मैच का भी ख़िताब जीता। उनकी गेंदबाज़ी को देखकर उन्हें जूनियर रबाडा भी कहा जाने लगा है और वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेकर प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ भी बने।
शाह ने पाकिस्तान की तरफ़ से लगभग हर मैच में महत्वपूर्ण विकेट चटकाए और अपनी टीम को लगभग अकेले ही सेमीफ़ाइनल में पहुंचाया। उनके पास गति और नियंत्रण दोनों है। ऐसा जल्दी ही हो सकता है जब वह अपने बड़े भाई नसीम शाह के साथ पाकिस्तानी जर्सी में गेंदबाज़ी करते हुए दिखें।
वाइडलर ने ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ी की अगुवाई की और नई गेंद से हर मैच में विकेट निकाला। उनके द्वारा बनाए गए दबाव की वजह से ही उनके साथी तेज़ गेंदबाज़ भी विकेट लेने में सफल रहे
सौम्य ने टूर्नामेंट के ग्रुप चरण और सुपर सिक्स में शानदार गेंदबाज़ी की थी, लेकिन मुशीर की तरह वह भी नॉकआउट में थोड़ा डावांडोल हुए। उन्होंने टूर्नामेंट में तीन बार 4-विकेट हॉल लिया और साउथ अफ़्रीका जैसी परिस्थितियों में भी अपनी फ़िरकी से सबको छकाया।
मैच 5, रन 101, औसत 50.50, स्ट्राइक रेट 53.43, विकेट 11, औसत 17.81, इकॉनमी 4.61
एडवर्ड इस टूर्नामेंट के सबसे प्रभावशाली तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर बने। उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों को अपनी बाएं हाथ की तेज़ गेंदबाज़ी से परेशान किया।