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भारतीय दौरे को टालने की ग़लती कोई देश नहीं करता क्योंकि पैसा बोलता है !

उस्मान ख़्वाजा का मानना है कि पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए, 'ऐसी कोई वजह नहीं है कि वहां न लौटा जाए'

एएपी
23-Sep-2021
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ उस्मान ख़्वाजा ने हालिया वक़्त में पाकिस्तान के रद्द हुए दौरों पर अफ़सोस जताया है और कहा है कि यह विश्व क्रिकेट में दोहरे मापदंड का प्रतीक है और "पैसा बोलता है"।
गत हफ़्ते में न्यूज़ीलैंड ने पाकिस्तान में सफ़ेद गेंद सीरीज़ शुरू होने से घंटों पहले सुरक्षा पर अनिश्चितता जताते हुए दौरे को रद्द कर दिया था। इसके बाद सोमवार को इंग्लैंड ने भी अपनी पुरुष और महिला टीमों को पाकिस्तान जाने से रोक लिया, हालांकि पाकिस्तान में बसे ब्रिटिश हाई कमिशनर ने साफ़ जताया कि इस फ़ैसले का सुरक्षा इंतेज़ामों से जुड़ा नहीं था।
टिम पेन की ऑस्ट्रेलिया टीम को भी ऐशेज़ के बाद पाकिस्तान का दौरा करना है, लेकिन पिछले कुछ सालों के मेहनत के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को डर है कि पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन शायद फिर से रुक जाए।
पाकिस्तान में जन्मे खब्बू बल्लेबाज़ ख़्वाजा ने इस हफ़्ते के घटनाक्रम पर दुख जताते हुए कहा, "शायद खिलाड़ियों और संस्थानों को पाकिस्तान को मना करना ज़्यादा आसान है क्योंकि वो पाकिस्तान है। शायद बांग्लादेश के साथ भी ऐसा हो सकता था। लेकिन ऐसी स्थिति में भारत को कोई मना नहीं कर पाता। पैसा बोलता है। पाकिस्तान ने लगातार क्रिकेट की मेज़बानी करते हुए दिखाया है कि वो क्षेत्र अब सुरक्षित है। वहां ना जाने का कोई कारण नहीं।"
लाहौर में 2009 में श्रीलंका टीम पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पीसीबी ने अपने अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेज़बानी यूएई में शुरू की थी। 2017 में पाकिस्तान में एक प्रदर्शनी टी20 सीरीज़ में ख़्वाजा के ऑस्ट्रेलियाई टीममेट टिम पेन और जॉर्ज बेली टीम का हिस्सा रह चुके थे। ख़्वाजा ख़ुद इस वर्ष पीएसएल का भाग रहें हैं हालांकि कोविड के चलते मैचों को यूएई में आयोजित करना पड़ा था। उनका मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को पाकिस्तान में लौटाना अब विश्व क्रिकेट समुदाय का कर्त्तव्य है।
ख़्वाजा ने कहा, "वहां सुरक्षा के इंतज़ाम बड़े ही कड़े होते हैं। मैंने कभी किसी खिलाड़ी को वहां असुरक्षित महसूस करते नहीं सुना है। पीसीएल में मेरे साथी भी कहते हैं कि शायद 10 साल पहले ऐसा नहीं था मगर अब वहां की सुरक्षा शत प्रतिशत होती है।"