फ़ैज़ फ़ज़ल ने दो सप्ताह पहले ही संन्यास लेने की घोषणा की थी • PTI
इस रणजी सीज़न के दौरान फ़ैज फ़ज़ल के अनेक दिनों की शुरुआत दर्द से हुई। उनके लिए अब प्रथम श्रेणी क्रिकेट के कठिन फ़िटनेस मानकों को पूरा करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। उन्होंने कुछ दिन सोचा-विचारा और फिर सीज़न के बीच में ही संन्यास लेने का फ़ैसला किया।
21 साल के प्रोफ़ेशनल क्रिकेट करियर को विराम देने के फ़ैसले से वह भावुक तो हुए, लेकिन यह एक सच्चाई थी, जिसे उन्हें स्वीकार करना ही था। उन्होंने इस सीज़न की शुरुआत में लगातार दो मैच खेले थे, लेकिन जब उनके शरीर ने जवाब देना शुरू कर दिया तो उन्होंने फ़ैसला किया कि वह अगला मैच जब भी खेलेंगे, वह उनका आख़िरी मैच होगा।
यह मौक़ा दो सप्ताह पहले रणजी सीज़न के अंतिम लीग राउंड के मुक़ाबले का दौरान आया, जब उनकी टीम विदर्भ, हरियाणा से भिड़ रही थी। हालांकि फ़ज़ल की कहानी का सुखांत तो नहीं हुआ और उन्होंने दोनों पारियों में सिर्फ़ एक और शून्य का स्कोर किया। लेकिन अब वह बहुत ही सुकून महसूस कर रहे हैं।
38 साल के फ़ज़ल ने ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा, "मेरे बाएं पैर के घुटने में पिछले एक साल से दर्द था। पिछले साल मैंने दर्द को कम करने के लिए इंजेक्शन लिए थे और लगातार क्रिकेट खेल रहा था। हालांकि मेरे पैरों की मूवमेंट इससे प्रभावित हुई। मैं गर्मियों के दौरान इंग्लैंड गया और वहां लीग क्रिकेट खेला। फिर जब मैं सितंबर में वापस लौटा तो बहुत ही अधिक दर्द हो रहा था। इसके बाद मेरी सर्जरी हुई। सर्जरी के बाद भी चीज़ें ठीक नहीं हुईं और मुझे अन्य उच्च तकनीक चिकित्सा का सहारा लेना पड़ा।"
इसके कारण फ़ज़ल विदर्भ के लिए सफ़ेद गेंद क्रिकेट नहीं खेल सके और उन्हें रणजी ट्रॉफ़ी की तैयारियों का भी अधिक मौक़ा नहीं मिला। वह कहते हैं, "मुझे लगा कि मैं सही से तैयारी नहीं कर सका। मैं बस एक या दो अभ्यास मैच खेल पाया और मैं अपने ख़राब प्रदर्शन के लिए कोई बहाना नहीं देना चाहूंगा। मुझे लगता है कि मेरा घुटना अब अकड़ गया है और कठोर हो गया है। यह पहले जैसा मूवमेंट नहीं करता।"
"इस साल हुए मैचों के दौरान जब भी मैं टी या लंच ब्रेक के दौरान वापस लौटता था तो मुझे लगता था कि मेरे में वह इंटेंसिटी नहीं रह गई है, जो एक प्रथम श्रेणी मैच के लिए ज़रूरी है। इससे मेरा फ़ॉर्म प्रभावित हुआ और चयनकर्ताओं को भी लगा कि मैं थोड़ा धीमा हो गया हूं और मुझे ब्रेक की ज़रूरत है। मुझे नहीं पता कि मैं धीमा था या नहीं, लेकिन मुझे बाहर बैठना ही था। इसके बाद मैंने निर्णय लिया कि मैं अगला मैच जब भी खेलूंगा, वह मेरा आख़िरी मैच होगा," फ़ज़ल आगे कहते हैं।
फ़ज़ल ने विदर्भ को 2017-18 और 2018-19 सीज़न के दौरान दो रणजी ख़िताब जिताए थे। इसके अलावा उन्होंने 31 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया और फिर दलीप ट्रॉफ़ी में सेंट्रल ज़ोन की कप्तानी भी की।
वह कहते हैं, "मैं बहुत भावुक इंसान हूं। छोटी-छोटी चीज़ों से मैं ख़ुश या दुःखी होता हूं। इंडिया कैप प्राप्त करना मेरे और मेरे परिवार के लिए सबसे गौरवशाली पल था। मैं भारत के लिए सिर्फ़ एक मैच खेल पाया, लेकिन आपको यह भी देखना होगा कि मैं उस दल में एकमात्र ऐसा सदस्य था, जिसके पास उस समय IPL कॉन्ट्रैक्ट नहीं था। यह मेरे घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन का फल था। हां, मुझे आगे ना मौक़ा मिलने पर मुझे निराशा तो हुई, लेकिन कई बार आपका लक आपके साथ नहीं रहता।"
फ़ज़ल ने 138 प्रथम श्रेणी मैचों में 9184 रन बनाए, जिसमें 24 शतक और 39 अर्धशतक शामिल हैं। वह कहते हैं, "घरेलू क्रिकेट सर्किट में पहले विदर्भ की टीम को उतना सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन लगातार दो ख़िताब जीतने के बाद हमें वह सम्मान मिलना शुरू हुआ। 10-11 साल तक मैं अपने राज्य नहीं बल्कि ज़ोन में भी सर्वाधिक रन बनाने वाला खिलाड़ी होता था, लेकिन दलीप ट्रॉफ़ी मैचों में मुझे ड्रिंक्स ढोने का काम दिया जाता था। तब यूपी, एमपी और रेलवे के टीमों के ही तीन-तीन, चार-चार खिलाड़ी टीम में होते थे और विदर्भ से मुश्किल से एक या दो खिलाड़ी वहां जाता था। लेकिन रणजी जीतने के बाद हमने इसमें बढ़त ले ली।"
फ़ज़ल ने IPL 2010-11 के दौरान राजस्थान रॉयल्स के लिए सात मैच खेले थे, इसके बाद उन्हें लाल गेंद क्रिकेटर की संज्ञा दे दी गई। इसके बाद वह हर साल गर्मियों के दौरान इंग्लैंड चले जाते थे, जहां वह क्लब क्रिकेट खेलते थे।
फ़ज़ल बताते हैं, "मुझे एसी रूम में घर पर बैठकर टीवी पर IPL देखने में नफ़रत होता था। इसलिए मैंने निर्णय लिया कि मैं इंग्लैंड जाऊंगा और वहां क्लब क्रिकेट खेलूंगा। इस खेल से मैं प्यार करता हूं और इस खेल को खेलना ही मेरा सबसे बड़ा मोटिवेशन है। इतने सालों के बाद भी मैं अपनी कॉलोनी में गली क्रिकेट खेलना पसंद करता हूं। मुझे किसी भी स्तर पर क्रिकेट खेलना पसंद है।"
फ़िलहाल तो फ़ज़ल को काफ़ी बनाना पसंद है। वह उनका नया शौक़ है। वह हंसते हुए बताते हैं, "मैंने कुछ सामान और उपकरण मंगाए हैं, जो आने वाला है। मैं लाटे, फ़्रेंच प्रेस और कैपिचिनो बनाना सीख रहा हूं। मैं अब संन्यास ले चुके खिलाड़ियों के लीग में भी खेलना पसंद करूंगा। ज़िंदगी थोड़ी धीमी हो गई है और मैं उसका अभ्यस्त हो रहा हूं।"