मध्य ओवरों की गेंदबाज़ी : भारतीय वनडे टीम का नया मसला
मज़बूत स्थिति में आने के बाद गेंदबाज़ों ने बांग्लादेश के विरुद्ध पहले दो वनडे मैचों को हाथ से फिसलने दिया
विशाल दीक्षित
08-Dec-2022
चयनकर्ताओं की बर्ख़ास्तगी, खिलाड़ियों के बार-बार चोटिल होने, वनडे विश्व कप के लिए खिलाड़ियों के बड़े समूह का आज़माया जाना - इन सबके अलावा बांगलादेश के विरुद्ध वनडे सीरीज़ में मिली हार के बाद भारतीय टीम के लिए चिंता का एक और विषय बढ़ गया है। हार के अंतर या लगातार दो वनडे सीरीज़ से ज़्यादा चिंता इस बात से होगी कि भारत ने जीत की स्थिति में आने के बाद बांग्लादेश के विरुद्ध दोनों मैच गंवाए।
सकारात्मक बात यह रही कि भारत ने दोनों मैचों में टॉस हारने के बावजूद एक अनुभवहीन गेंदबाज़ी क्रम के साथ मैच पर अपनी पकड़ बनाई। पहले मैच में 187 के लक्ष्य का बचाव करते हए मेज़बान टीम को 136 पर नौ विकेट की स्थिति में लाने के बाद भारत ने लगभग मैच को जीत ही लिया था। हालांकि मेहदी हसन मिराज़ ने अंतिम विकेट की साझेदारी के साथ अपनी टीम को जीत दिलाई। तीन दिनों बाद सभी बड़े नामों को पवेलियन भेजकर भारत ने बांग्लादेश को 69 पर छह विकेट के स्कोर पर ला खड़ा किया था। हालांकि एक बार फिर मेहदी ने 83 गेंदों पर नाबाद शतक लगाकर अपनी टीम को मैच जिताऊ स्कोर तक पहुंचाया।
हो सकता है कि इसने भारत की रणनीतियों को पूरी तरह से उजागर न किया हो क्योंकि यह घायल जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और रवींद्र जाडेजा की अनुपस्थिति में पूरी ताक़त वाला गेंदबाजी आक्रमण नहीं था। हालांकि यह विश्व कप से पहले उनके लिए जागने की एक पुकार हो सकती है।
क्या भारत को पता है कि वैश्विक टूर्नामेंट में मध्य ओवरों (ओवर 11-40) में उनके गेंदबाज़ी विकल्प कौन होंगे? घर में विश्व कप के लिए पिचें इस सप्ताह ढाका में देखी गई पिचों से बहुत अलग नहीं होंगी। पहले दो घंटों के बाद कभी-कभी बल्लेबाज़ी के लिए पिच काफ़ी आसान हो जाती हैं जो गेंदबाज़ी टीमों पर साझेदारियां तोड़ने का और भी अधिक दबाव डालती है। दूसरे वनडे में ऐसा ही हुआ जब शुरुआती स्विंग और सीम मूवमेंट कम हो गया और मेहदी और महमूदउल्लाह ने स्पिनरों के ख़िलाफ़ आसानी से खेलना शुरू कर सातवें विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी की।
भारतीय टीम प्रबंधन इस बात से प्रसन्न नहीं होगा कि साल 2020 की शुरुआत से वनडे क्रिकेट के मध्य ओवरों में भारत का 5.56 का इकॉनमी रेट सबसे ख़राब है। यहां तक कि इस दौरान भारत में खेले गए वनडे मैचों में मध्य ओवरों में टीम की इकॉनमी 5.76 की रही है। मध्य ओवरों में इंग्लैंड थोड़े अधिक रन ख़र्च कर सकता है क्योंकि उसके पास भरपाई करने के लिए पर्याप्त बल्लेबाज़ हैं लेकिन ऐसा भारत या किसी और टीम के लिए नहीं कहा जा सकता है।
बुधवार को मिली हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि उन्हें मध्य ओवरों की गेंदबाज़ी पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
दूसरे वनडे में उमरान मलिक पहले स्पेल में आग उगलने के बाद कुछ ख़ास नहीं कर पाए•AFP via Getty Images
प्रेज़ेंटेशन में रोहित ने कहा, "70 पर छह से 270 तक उन्हें जाने देना हमारे गेंदबाज़ों द्वारा बेहतरीन कार्य नहीं था। हमने अच्छी शुरुआत की और मध्य तथा अंतिम ओवर हमें क्षति पहुंचा रहे हैं। यह पहले मैच में और आज भी हुआ। हमें जल्द से जल्द यह समझना होगा क्योंकि हमारे पास (अगले विश्व कप से पहले) अधिक समय नहीं है। हमें यह देखना होगा कि बतौर व्यक्तिगत खिलाड़ी हमें क्या करना है और सभी को निश्चित भूमिका सौंपनी है।"
यह भूमिकाएं सौंपने के लिए भारत के पास आईपीएल से पहले घर पर श्रीलंका, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध वनडे (टेस्ट और टी20) सीरीज़ होंगी। इन नौ वनडे मैचों में भारत मध्य ओवरों में अपने विकल्पों को विश्व कप के लिए तैयार करने के लिए मैच की स्थिति में डाल सकता है।
साल 2020 से शार्दुल ठाकुर (26), युज़वेंद्र चहल (22), कुलदीप यादव (17), प्रसिद्ध कृष्णा (16) और वॉशिंगटन सुंदर (10) ने मध्य ओवरों में भारत के लिए सर्वाधिक विकेट लिए हैं। शार्दुल हालिया समय में निरंतर वनडे क्रिकेट खेल रहे हैं और चहल टीम के प्रमुख स्पिनर हो सकते हैं। हालांकि न्यूज़ीलैंड वनडे सीरीज़ से एक भी मैच नहीं खेलने वाले कुलदीप पर भी ध्यान दिया जा सकता है। जाडेजा और अक्षर पटेल के साथ वॉशिंगटन ऑलराउंडर की भूमिका के एक अन्य विकल्प हो सकते हैं।
जब आप मध्य ओवरों में 2020 से इकॉनमी रेट पर नज़र डालेंगे तो पता चलेगा कि मोहम्मद सिराज (4.89), प्रसिद्ध (5.14) आवेश ख़ान (5.26), बुमराह (5.34) और भुवनेश्वर कुमार (5.47) सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ रहे हैं। अपने हालिया प्रदर्शन से जहां आवेश पसंदीदा खिलाड़ियों की सूची में नीचे खिसक गए हैं, वहीं भुवनेश्वर ने इस साल बहुत कम वनडे मैचों में भाग लिया है। इससे मध्य ओवरों में तेज़ गेंदबाज़ी के विकल्पों में केवल सिराज और इस समय में चोटिल चल रहे प्रसिद्ध बचे रह जाते हैं।
कोच राहुल द्रविड़ ने भारतीय खिलाड़ियों को लग रही चोटों पर अपनी निराशा व्यक्त की। साथ ही उन्होंने बताया कि वह विश्व कप के लिए अपनी रणनीतियों को पुख्ता बनाने के लिए बांग्लादेश के विरुद्ध टेस्ट सीरीज़ के बाद घर पर खेली जाने वाली वनडे सीरीज़ की तरफ़ देख रहे हैं।
बुधवार को मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में द्रविड़ ने कहा, "उम्मीद है कि जनवरी से चोटों को मद्देनज़र रखते हुए एक पूरा दल होगा और हम इस पर ध्यान देंगे कि हम कैसे मध्य ओवरों में विकेट ले सकते हैं। मुझे लगा कि हमने आज अच्छा किया लेकिन एक ऐसा दौर था जहां हमने वह साझेदारी बनने दी। इन मैचों से सीखने के लिए बहुत कुछ है, विशेषकर इन परिस्थितियों में जहां बांग्लादेश बहुत अच्छा खेलती है। ज़ाहिर तौर पर हमारे लिए, एक बार जब हम जनवरी में अपने पूरे दल में से चयन करने में सक्षम होंगे, तो उम्मीद है कि हम इन सभी मुद्दों को हल कर सकते हैं।"
विशाल दीक्षित ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।