पूर्व इंग्लैंड तेज़ गेंदबाज़
स्टीव हार्मिसन के अनुसार भारत को अगर
जो रूट को ओवल में खेले जाने वाले चौथे टेस्ट में रन बनाने से रोकना है तो उनके मनपसंद स्कोरिंग एरिया पर रोक लगाना होगा और उनके धैर्य की परीक्षा लेनी होगी।
"अगर मैं गेंदबाज़ रहता तो रूट के ख़िलाफ़ उन्हीं जगहों पर फ़ील्ड सेटिंग में परिवर्तन करता, जहां पर वह सबसे अधिक रन बना रहे हैं," हार्मिसन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो 'मैच डे' पर कहा। "रूट जैसे बल्लेबाज़ को रोकने के लिए आपको उन्हें सबसे पहले रन बनाने और स्ट्राइक रोटेट करने से रोकना होगा और ऐसा आप तभी कर सकते हैं जब उन क्षेत्रों में फ़ील्डिंग में परिवर्तन करें, जहां पर वह सबसे अधिक रन बना रहे हैं।"
भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में रूट लगातार बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक उन्होने तीन टेस्ट मैंचों में 126 की औसत से 507 रन बनाए हैं और फलस्वरूप 2015 के बाद पहली बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग के शीर्ष पर पहुंच चुके हैं। जिस तरह से उनके बल्ले से रन निकल रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि भारतीय टीम के पास उनके बल्लेबाज़ी पर अंकुश लगाने के लिए कोई तोड़ नहीं हैं या फिर भारतीय गेंदबाज़ों के सभी प्लान फेल हो रहे हैं। कहीं ना कहीं हर मैच में भारत और इंग्लैंड के बीच हार और जीत के अंतर में रूट एक अहम भूमिका निभा रहे हैं।
हार्मिसन ने कहा, "रूट एक शानदार बल्लेबाज़ हैं और कहीं ना कहीं एक गेंदबाज़ के तौर पर आप उन्हें जल्दी आउट करना चाहते हैं क्योंकि पारी की शुरुआत में रूट जब 20-30 गेंद खेल लेते हैं या फिर जल्दी से 20-30 रन बना लेते हैं तो उन्हें रोकना या आउट करना काफ़ी मुश्किल हो जाता है।"
ग़ौरतलब है कि रूट लगातार थर्डमैन और प्वाइंट एरिया में काफ़ी रन बटोर रहे हैं। पिछले मैच में रूट ने इस इलाक़े में 50 फ़ीसदी से ज़्यादा रन बनाए थे। इस संदर्भ में हार्मिसन ने कहा, "अगर भारतीय गेंदबाज़ रूट को आउट करना चाहते हैं तो फ़ील्ड सेट-अप में ख़ास तौर पर ध्यान देना होगा। रूट को उन इलाक़ों में रन बनाने से रोकना होगा जहां वह लगातार अपने शॉट्स को खेल कर रन बना रहे हैं। उनके ज़्यादातर रन थर्डमैन के क्षेत्र से आ रहे हैं। अगर वहां का खिलाड़ी ऊपर रहता है तो रूट वहां से चौका निकाल लेते हैं और अगर वह फ़ील्डर डीप थर्डमैन के इलाक़े में तैनात रहता है तो वह सिंगल बटोर कर स्ट्राइक बदलते रहते हैं।"
"हालांकि इसके बावजूद भारतीय गेंदबाज़ों को इस बात पर भरोसा रखना होगा कि जब भी वह अपनी पारी की शुरुआत करते हैं, ऑफ़ स्टंप और उसके क़रीब की गेंदों पर एक डर तो रहता है कि कोई भी गेंद बाहर या अंदर आ सकती है। ऐसी ही एक गेंद पर रूट ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़
आउट हो चुके हैं।"
गेंदबाज़ी में अनुशासन की बात करते हुए उन्होंने कहा, "पिछले मैच में रूट और (डाविड) मलान दोनों को ऑफ़ स्टंप के काफ़ी बाहर गेंद फेंका गया था और दोनों बल्लेबाज़ों ने विकेट के दोनों तरफ़ काफ़ी रन बनाए थे। भारतीय गेंदबाज़ों को इस बात का ख़ासा ध्यान रखना होगा।"
वहीं भारत के पूर्व बल्लेबाज़
वीवीएस लक्ष्मण ने कहा, "जब भी एक बल्लेबाज़ अपने सबसे बेहतरीन फ़ॉर्म में होता है तब आप एक गेंदबाज़ के तौर पर ज़्यादा प्रयोग नहीं करना चाहते हैं।"
"आप सिर्फ़ उसी एरिया में गेंदबाज़ी करना चाहते हैं, जिस एरिया में उस बल्लेबाज़ को परेशानी होती है। रूट के लिए अभी सबसे कठिन एरिया अनिश्चितता का गलियारा है। कुल मिला कर अधिकतर बार वह अब तक ऑफ़ स्टंप के आस-पास की गेंदों पर ही आउट हुए हैं। (जसप्रीत) बुमराह हो या फिर कोई और गेंदबाज़, रूट हमेशा इसी लाइन की गेंदों पर आउट हुए हैं। मैं चाहूंगा कि भारतीय गेंदबाज़ इसी लाइन पर गेंदबाज़ी करते रहें और रूट के धैर्य की भी परीक्षा लें," लक्ष्मण ने कहा।
भारतीय टीम में
रविचंद्रन अश्विन को शामिल करने की बात करते हुए उन्होंने कहा,"रूट को आउट करने या उन पर दबाव बनाने का एक और तरीक़ा यह है कि अश्विन को टीम में लाया जाए। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जब कोई बल्लेबाज़ फ़ॉर्म में होता है तो वह बख़ूबी समझता है कि विपक्षी गेंदबाज़ किस तरीक़े की योजना के साथ गेंदबाज़ी कर रहा है, साथ ही साथ वह उस गेंदबाज़ी को खेलने के लिए तैयार रहता है। ऐसे में अगर एक नया गेंदबाज़ आएगा तो उस बल्लेबाज़ के सामने एक नई चुनौती भी होगी। अश्विन राउंड द विकेट गेंदबाज़ी कर के गेंद को बल्लेबाज़ से दूर ले जाते हैं और उनको परेशान करते हैं, ठीक वही लाइन रूट के ख़िलाफ़ भी प्रयोग में लाया जा सकता है।"