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गंभीर : भविष्य में हार्दिक या शॉ बन सकते हैं भारतीय कप्तान

शॉ का नाम तब लिया गया है जब वह भारत के किसी भी टीम में नहीं हैं

Hardik Pandya is all smiles after India won the three-match series 1-0, New Zealand vs India, 3rd T20I, Napier, November 22, 2022

न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ जीतने के बाद हार्दिक  •  Getty Images

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर के अनुसार हार्दिक पंड्या और पृथ्वी शॉ भविष्य में भारतीय टीम के कप्तान बनने की क्षमता रखते हैं।
फ़िलहाल कम से कम टी20 में हार्दिक को रोहित शर्मा का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। उन्हें हाल ही में कप्तानी का ढेर सारा अनुभव भी प्राप्त हुआ है। मई में उन्होंने आइपीएल में नई टीम गुजरात टाइटंस की कप्तानी की थी और ख़िताब जिताया था। इसके बाद वह आयरलैंड और न्यूज़ीलैंड दौरे पर भारतीय टी20 टीम के भी कप्तान बने और सीरीज़ जीती।
गंभीर ने कहा, "हार्दिक निश्चित रूप से कतार में हैं। लेकिन यह रोहित के साथ नाइंसाफ़ी है क्योंकि हम उन्हें सिर्फ़ एक आईसीसी टूर्नामेंट के प्रदर्शन के आधार पर आंक रहे हैं।"
गंभीर ने कप्तानी के दूसरे दावेदार के तौर पर आश्चर्यजनक रूप से शॉ का नाम लिया, जो कि फ़िलहाल किसी भी भारतीय टीम में नहीं हैं। 2019 में उन्हें प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के आरोप में निलंबित किया गया था, तब से उनके व्यवहार और फ़िटनेस पर लगातार सवाल उठाए जाते हैं।
इस साल मार्च में शॉ यो-यो टेस्ट में असफल हुए थे। उनका स्कोर (15) बीसीसीआई के निर्धारित न्यूनतम मानक 16.5 से बहुत कम था।
2018 में टेस्ट डेब्यू करने वाले शॉ अब तक सिर्फ़ पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 ही खेल पाए हैं। जुलाई 2021 में उन्होंने अपना आख़िरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था। कप्तानी के अनुभव की बात करें तो भारत अंडर-19 टीम की कप्तानी करने के बाद शॉ ने मुंबई टीम की भी कप्तानी की है।
शॉ ने हाल ही में सैयद मुश्ताक़ अली टी20 टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था और 10 पारियों में 181 के स्ट्राइक रेट से 332 रन बनाए थे। हालांकि वह अपनी इस फ़ॉर्म को विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में बरक़रार नहीं रख पाए और सात पारियों में 31 की औसत से सिर्फ़ 217 रन बना सके।
गंभीर ने कहा, "पृथ्वी शॉ बेहद आक्रामक और सफल कप्तान साबित हो सकते हैं। मुझे पता है कि कई लोग उनके मैदान से बाहर की गतिविधियों पर बात करते हैं लेकिन यह चयनकर्ताओं और कोच का काम है कि उनसे बात करें। उनका काम सिर्फ़ 15 खिलाड़ियों का चयन करना ही नहीं बल्कि युवा ख़िलाडियों को सही रास्ता भी दिखाना है।"