ढाका में गांगुली-कोहली, शारजाह में मियांदाद-आक़िब और अन्य भारत-पाकिस्तान हीरो
भारत और पाकिस्तान के बीच आठवें वनडे विश्व कप मैच से पहले इतिहास पर एक नज़र
14 अक्तूबर को विश्व कप 2023 के मैच में इस सूची में क्या किसी नए हीरो का नाम जुड़ेगा? फ़िलहाल आपको पांच ऐसे यादगार किरदारों के बारे में याद दिला देतें हैं जिन्होंने विश्व कप के बाहर हुए भारत-पाकिस्तान मुक़ाबलों में अपनी छाप छोड़ी।
आक़िब जावेद (पाकिस्तान), 1991
जावेद मियांदाद (पाकिस्तान), 1986
भारत के लिए तीन विकेट लेकर चेतन शर्मा दिन के सफलतम गेंदबाज़ थे, लेकिन उनकी आख़िरी गेंद पर चार की आवश्यकता थी। उन्होंने यॉर्कर का प्रयास किया लेकिन मियांदाद ने क्रीज़ की गहराई से इसे फ़ुल टॉस में तब्दील किया। मिडविकेट के ऊपर लगे उस छक्के के बाद शारजाह में पाकिस्तान ने इस राइवलरी को काफ़ी एकतरफ़ा बना दिया।
सौरव गांगुली (भारत), 1998
उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ी की पिटाई तो की ही, लेकिन सक़लैन मुश्ताक़ को भी बेहतरीन तरीक़े से खेलकर 124 रनों की पारी खेली। इस मैच को ऋषिकेश कानितकर के चौके के लिए याद किया जाता है, जिससे भारत ने वनडे इतिहास में तब तक का सर्वाधिक सफल चेज़ पूरा किया।
सईद अनवर (पाकिस्तान), 1997
अनवर आख़िर विश्व रिकॉर्ड 194 रन बनाकर तेंदुलकर की ही गेंद पर आउट हुए। यह रिकॉर्ड 13 सालों तक बना रहा, जिसके बाद तेंदुलकर ने ख़ुद पुरुष वनडे अंतर्राष्ट्रीय मैच में पहला दोहरा शतक जमाते हुए इसे तोड़ा।
विराट कोहली (भारत), 2012
कुछ हद तक इस मैच के बाद भी भारत-पाकिस्तान मैच उतना ही एकतरफ़ा बन गए हैं, जो कभी मियांदाद की शतकीय पारी के बाद हुआ था।
देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड हैं @debayansen