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विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के सबसे प्रबल दावेदार दो ही हैं : वॉटसन

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर का मानना है कि इस में आने वाले महीनों में बदलाव की संभावना है

Shane Watson fields questions at a press conference prior to the third T20I, Cape Town, March 8, 2016

वाटसन: भारत और पाकिस्तान की टीमें मैच जिताऊ खिलाड़ियों से लैस है  •  Getty Images

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन का मानना है कि अगले साल लॉर्ड्स में होने वाली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के लिए सबसे बड़ी दावेदारी वर्तमान अंक तालिका की शीर्ष की दो टीमें साउथ अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया की ही होगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बाक़ी के कार्यक्रम को देखते हुए भारत और पाकिस्तान के भी इस मुक़ाबले में खेलने के आसार बने हुए हैं।
'आईसीसी रिव्यू' पर डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल के लिए अपनी भविष्यवाणी पर वॉटसन ने कहा, "फ़िलहाल मुझे साउथ अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया का वहां नहीं पहुंचना मुश्किल लग रहा है। यह दोनों ही टीमें अच्छा खेल रहीं हैं और ऑस्ट्रेलिया भी श्रीलंका में आख़िरी पारी में विपरीत परिस्थितियों में हारा था।"
साउथ अफ़्रीका ने आठ में से छह मैच जीतकर अंक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल की है और उन्होंने गुरुवार को इंग्लैंड को पारी के अंतर से हराकर अपने स्थान को और सुरक्षित किया। वहीं ऑस्ट्रेलिया के लिए भी श्रीलंका में दूसरे टेस्ट में हार के अलावा अब तक इस डब्ल्यूटीसी चक्र में किसी ने नहीं हराया।
हालांकि उनका सबसे कठिन मुक़ाबला अगले साल भारत में चार टेस्ट के लिए होगा, जिसे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्लेन मैकग्रा इस टीम के लिए "परम चुनौती" बुला चुके हैं। पाकिस्तान को भी अपने अगले पांचों टेस्ट अपने घर पर खेलने हैं।
वॉटसन ने कहा, "आप कभी भारत और पाकिस्तान को इस दावेदारी से बाहर नहीं मान सकते हैं क्योंकि दोनों टीमें इतने सारे मैच जिताऊ प्लेयर से लैस हैं। यह टीमें अपने देश के बाहर भी अच्छा खेलती हैं। मैं बहुत आचंभित हो जाऊंगा अगर यह टीमें भी फ़ाइनल में जगह बनाने के क़रीब नहीं पहुंचीं।"
वॉटसन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ 2015 में वनडे विश्व कप अपनी सरज़मीं पर जीता था और उन्होंने 2005 और 2015 के बीच 59 टेस्ट खेलें, जिसमें 2005 में अपनी दूसरी ही टेस्ट मैच में आईसीसी वर्ल्ड XI के ख़िलाफ़ उन्हें खेलने का मौक़ा मिला।
उन्होंने कहा, "मेरे खेल जीवन के दौरान भी कई बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के आयोजन की बात हुई लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था। मैंने 2005 में ऑस्ट्रेलिया के लिए 'सुपर टेस्ट' ज़रूर खेला था और वह मेरे करियर के शुरुआती दिनों में था। एक आईसीसी इवेंट को टेस्ट क्रिकेट में जीतना बहुत ख़ास अनुभव था। मौजूदा खिलाड़ियों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने में बहुत मज़ा आता होगा जब आपको पता है कि अंत में एक रोमांचक फ़ाइनल खेलने का पुरस्कार भी है।"

देबायन सेन ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड हैं।