पुजारा: भारत का भारत में हारना स्वीकार्य नहीं और ट्रांजिशन को इसका कारण नहीं बोल सकते
'अगर भारतीय टीम ऐसी ही पिचों पर खेलना चाहती है तो बल्लेबाज़ों को कुछ अलग तरह की तैयारी करनी होगी'
ESPNcricinfo स्टाफ़
17-Nov-2025 • 4 hrs ago
पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि ट्रांजिशन की वजह से भारत का भारत में हारना स्वीकार्य नहीं किया जा सकता।
कोलकाता टेस्ट में साउथ अफ़्रीका से मिली 30 रनों की हार के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए पुजारा ने कहा, "ट्रांजिशन की वजह से भारतीय टीम, भारत में हारे, वह स्वीकार नहीं है। चूंकि ट्रांजिशन का समय चल रहा है, इसलिए अगर भारतीय टीम इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया जाकर हारे, वह चल सकता है। लेकिन इस टीम के पास जो प्रतिभा और क्षमता है, चाहे वह फिर यशस्वी जायसवाल हों, केएल राहुल हों, वॉशिंगटन सुंदर हों या फिर कप्तान शुभमन गिल हों, सबका प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड बहुत शानदार है। इसके बावज़ूद अगर हम भारत में हार रहे हैं, तो कुछ गड़बड़ है।"
इसके अलावा उन्होंने पिच की भी आलोचना की और कहा कि अगर भारत को अपनी जीत की संभावना को बढ़ानी है तो उन्हें अच्छी पिचों पर खेलना होगा, जहां भारतीय बल्लेबाज़ों को रन बनाने के अधिक मौक़े हों।
उन्होंने कहा, "अगर आप यही मैच अच्छी विकेट पर खेलते तो भारतीय टीम के जीतने का मौक़ा ज़्यादा होता। आपको देखना होगा कि किस विकेट पर आपके जीतने की संभावना अधिक है। ऐसी पिचों पर आपकी जितने की प्रायिकता कम हो जाती है। ऐसी पिचों पर विपक्षी टीम भी बराबरी पर आ जाती है। अगर आप भारत ए की टीम को इस साउथ अफ़्रीकी टीम के सामने खड़ी कर दिजिए, तो वह भी जीत सकती है। भारत में इतनी प्रतिभा है, प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। फिर भी आप कहते हैं कि ट्रांजिशन की वजह से टीम हारी है, तो वह स्वीकार नहीं है।"
ग़ौरतलब है कि मैच के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा था कि पिच में कोई गड़बड़ी नहीं थी और उन्होंने ऐसी ही पिच की मांग की थी। उन्होंने इस हार के लिए भारतीय बल्लेबाज़ों की तकनीक पर दोषारोपण किया और कहा कि ऐसी पिचों पर आपको आक्रामक होकर नहीं बल्कि सिर नीचे झुकाकर रक्षात्मक ढंग से खेलना होता है।
हालांकि पुजारा इससे सहमत नहीं नज़र आए। उन्होंने कहा, "आप सिर्फ़ बल्लेबाज़ों पर दोषारोपण नहीं कर सकते। आप अगर ऐसी पिचों पर खेलना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपकी तैयारी अलग होनी चाहिए। मुझे नहीं लग रहा है कि भारतीय टीम ऐसी पिचों के लिए तैयार थी, भले ही गौती भाई (गंभीर) बता रहे थे कि उन्हें ऐसी ही पिच चाहिए थी। लेकिन यह पिच बल्लेबाज़ी के लिए आसान नहीं थr, यह एक तथ्य है, जिससे इनकार नहीं किया जा सकता।
"दोनों टीमों के आंकड़े देख लिजिए। एक ही बल्लेबाज़ ने सिर्फ़ पचास रन बनाया है। इसका मतलब है कि यह विकेट अच्छी नहीं थी। विकेट तो ख़राब ही थी। अगर आप ऐसी विकेट पर खेलना चाहते हैं, तो आपके बल्लेबाज़ तैयार होने चाहिए। लेकिन मुझे नहीं लगा कि भारतीय बल्लेबाज़ इसके लिए तैयार थे।"
पुजारा ने बताया कि ऐसी विकेटों पर खेलने के लिए भारतीय बल्लेबाज़ों को अलग तकनीक और अलग शॉट का ईज़ाद करना होगा और बहुत ही अधिक सकारात्मक रहना होगा। उन्होंने कहा, "अगर आप ऐसी विकेटों पर खेलते हो तो आपके शॉट अलग होने चाहिए, जिसमें आप स्वीप पर ज़्यादा भरोसा करते हैं, थोड़ा सकारात्मक खेलने की कोशिश करते हैं और स्कोरबोर्ड को चलाते रहने की कोशिश करते हैं। उम्मीद यह थी कि यह पिच थोड़ी अच्छी होगी, जिसमें गेंद घूमेगी, लेकिन आप अच्छी बल्लेबाज़ी करके रन बना सकते हैं।
"लेकिन वैसा हुआ नहीं। ऐसी पिचों के लिए आपको थोड़ी अलग तरीके से तैयारी करनी होगी। अगर भारतीय टीम ऐसे ही टर्निंग विकेट चाहती है, जहां गेंदबाज़ों (स्पिनरों) को पहली ही गेंद से मदद हो तो बल्लेबाज़ों की तैयारी में बहुत ज़्यादा बदलाव की ज़रूरत है।"
