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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ कुलदीप छा जाते हैं

क्या साउथ अफ़्रीका से वनडे मैचों में हार का सिलसिला तोड़ पाएगी भारतीय टीम?

Kuldeep Yadav celebrates after dismissing Aiden Markram, India vs South Africa, 1st ODI, Lucknow, October 6, 2022

पहले वनडे में कुलदीप ने शानदार गेंदबाज़ी की थी  •  BCCI

भारतीय टीम साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ जब रांची के दूसरे वनडे मुक़ाबले में उतरेगी, तो यह उनके लिए 'करो या मरो' का मुक़ाबला होगा। लखनऊ में मिली हार के बाद भारत को अब यह सीरीज़ जीतने के लिए बाक़ी के बचे दोनों मुक़ाबले जीतने होंगे। हालांकि यह करना आसान नहीं होगा क्योंकि भारतीय टीम का साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ वनडे रिकॉर्ड कुछ ख़ास नहीं रहा है, फिर चाहे वह घर पर खेलें या बाहर।
दोनों टीमों के बीच हुए पिछले चार मुक़ाबलों में चारों में जीत अफ़्रीकी टीम को हासिल हुई है। भारत, साउथ अफ़्रीका से अंतिम वनडे मुक़ाबला तीन साल पहले 2019 विश्व कप में जीता था। साउथ अफ़्रीका का भारतीय घरेलू मैदान पर भी रिकॉर्ड बढ़िया रहा है। दोनों टीमों के बीच भारत में कुल तीस मुक़ाबले हुए हैं, जिसमें साउथ अफ़्रीका ने 14 मुक़ाबले जीते हैं। जब दोनों टीमें पिछली बार 2015 में भारतीय सरज़मीं पर वनडे सीरीज़ में भिड़ी थी तब साउथ अफ़्रीका ने भारत को 3-2 से मात दी थी।
कप्तान धवन बन सकते हैं भारत के लिए 'गब्बर'
जहां साउथ अफ़्रीका के पास भारत में एक दशक के दौरान दो वनडे सीरीज़ जीतने का मौक़ा होगा, वहीं भारतीय कप्तान शिखर धवन इसमें खलल डाल सकते हैं। दरअसल जब भी 'करो या मरो' का मौक़ा आता है, धवन थोड़ा और ख़तरनाक हो जाते हैं। यह करो या मरो के मुक़ाबलों में उनके आंकड़े भी कहते हैं।
2019 विश्व कप के बाद जहां धवन 1000 वनडे रन बनाने वाले एकमात्र भारतीय हैं, वहीं इस दौरान उन्होंने चार करो या मरो के मुक़ाबले खेले हैं। इन मैचों में उन्होंने 105 के स्ट्राइक रेट और लगभग 47 की औसत से 187 रन बनाए हैं।
हालांकि इस दौरान बाएं हाथ का यह बल्लेबाज़, बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों के सामने लड़खड़ाने लगता है। 2021 से बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों ने धवन को चार बार पावरप्ले में आउट किया है। पावरप्ले के दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी गिरकर सिर्फ़ 75 का हो जाता है और वह 10 गेंदों पर ही एक बाउंड्री लगा पाते हैं, जबकि उस दौरान फ़ील्ड सीमित रहता है।
साउथ अफ़्रीकी टीम में भी एक बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने धवन को ख़ूब परेशान किया है। वेन पार्नेल ने भारतीय कप्तान को दो पारियों में दो बार आउट किया है। पिछले मैच में भी धवन, पार्नेल की एक अंदर आती गेंद पर बोल्ड हो गए थे। अगर मार्को यानसन को एकादश में मिलती है तो उन्हें और परेशानी हो सकती है।
साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ कुलदीप छा जाते हैं
पहले वनडे मैच में कुलदीप यादव ने शानदार गेंदबाज़ी की थी। उन्होंने अपने टर्न एंड बाउंस से अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों को परेशान किए रखा और पांच की कम से इकॉनमी से रन देते हुए एडन मार्करम का विकेट लिया।
दरअसल कुलदीप का साउथ अफ़्रीकी टीम के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड हमेशा से अच्छा रहा है। उन्होंने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ आठ पारियों में 17 की शानदार औसत और सिर्फ़ 4.7 की इकॉनमी से रन देते हुए 19 विकेट लिए हैं, जो कि किसी भी देश के ख़िलाफ़ कुलदीप का सर्वश्रेष्ठ वनडे प्रदर्शन है।
श्रेयस को रहना होगा एनगिडी से सावधान
श्रेयस अय्यर ने अपने पिछले पांच वनडे पारियों में हर पारी में 40+ का स्कोर बनाया है, जिसमें चार अर्धशतक हैं। इसके अलावा करो या मरो के मैचों में भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है और उन्होंने 2019 से पांच करो या मरो के मुक़ाबले में 32 की औसत और 103 के स्ट्राइक रेट से 161 रन बनाए हैं, जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं। हालांकि एक तथ्य यह भी है कि तेज़ गेंदबाज़ों ने उन्हें लगातार परेशान किया है।
जहां स्पिन गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ उनका स्ट्राइक रेट 100 से और औसत 75 से ऊपर है, वहीं तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ यह घटकर क्रमशः 90 और 30 हो जाता है। वह तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ 28 पारियों में 21 बार आउट हुए हैं। अफ़्रीकी तेज़ गेंदबाज़ लुंगी एनगिडी ने तो उन्हें चार पारियों में चारों बार आउट किया है। पिछले मैच में भी वह एनगिडी की तेज़ आती शॉर्ट गेंद पर पवेलियन लौटे। कुल मिलाकर उन्हें एनगिडी और अन्य साउथ अफ़्रीकी तेज़ गेंदबाज़ों से सावधान रहना होगा।
डिकॉक भारतीय टीम के ख़िलाफ़ 'ख़तरनाक' हो जाते हैं
वैसे तो क्विंटन डिकॉक पिछले एक दशक से साउथ अफ़्रीकी बल्लेबाज़ी की रीढ़ की हड्डी हैं और उन्होंने हर टीम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है, लेकिन भारत के ख़िलाफ़ वह और भी ख़तरनाक हो जाते हैं। भारत के ख़िलाफ़ उन्होंने 17 वनडे पारियों में 62 की शानदार औसत से 1061 रन बनाए हैं, जिसमें छह शतक शामिल है, जो कि सनत जयसूर्या (7) के बाद सर्वाधिक है। उनका औसत भारत के ख़िलाफ़ विश्व के किसी भी बल्लेबाज़ का तीसरा शानदार औसत है। पिछले मैच में भी उन्होंने शानदार 48 रन बनाए थे, जबकि अंतिम दो टी20 मैचों में भी उनका स्कोर नाबाद 69 और 68 का था। ऐसे में भारतीय गेंदबाज़ों को उन्हें शुरू में ही रोकना होगा।

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं