स्पिन के ख़िलाफ़ अपने खेल को सुधारकर इस रणजी सीज़न को बड़ा बनाना चाहते हैं समद
जम्मू कश्मीर के इस बल्लेबाज़ की शुरूआत पिछले सीज़न बहुत बेहतरीन रही थी, लेकिन वह इसे बरक़रार नहीं रख पाए थे
हिंमांशु अग्रवाल
03-Sep-2025 • 2 hrs ago
"मुझे लगता है कि पिछले साल से इस साल तक, मैं अपने शॉट्स को लेकर थोड़ा चुनिंदा हो गया हूं" • BCCI
जम्मू कश्मीर के आक्रामक बल्लेबाज़ अब्दुल समद को उम्मीद है कि एक संतुलित अंदाज़ उन्हें आने वाले रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न में बड़ा प्रदर्शन करने में मदद करेगा।
23 वर्षीय समद ने ओडिशा के ख़िलाफ़ 2024-25 रणजी सीज़न के दूसरे मैच में दोनों पारियों में शतक लगाया था और ऐसा करने वाले वह जम्मू कश्मीर के बल्लेबाज़ बने थे। हालांकि वह अपना फ़ॉर्म बनाए नहीं रख पाए और सीज़न की बाक़ी आठ पारियों में उनके नाम सिर्फ़ 158 रन ही थे।
समद ने चेन्नई में बुची बाबू टूर्नामेंट से इतर ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा,"एक मैच में दो शतक लगाना आपको काफ़ी आत्मविश्वास देता है। लेकिन इसके बाद हमें घर पर हरी पिचों पर खेलना पड़ा। उन दो शतकों का फ़ायदा उठाकर मैं इसे 700-800 रन के बड़े सीज़न में नहीं बदल पाया, लेकिन मैं अपनी बल्लेबाज़ी पर काम कर रहा हूं। उम्मीद है कि यह सीज़न मेरे लिए अच्छा होगा।
"मुझे लगता है पिछले साल से इस साल तक मैं अपने शॉट्स को लेकर थोड़ा चुनिंदा हो गया हूं। अब मैं गेंदों को अपने इलाके में आने का इंतज़ार करता हूं और जैसे ही वह
मेरे ज़ोन में आती है, मैं उस पर शॉट खेलता हूं।"
मंगलवार को बुची बाबू टूर्नामेंट के सेमीफ़ाइनल में TNCA प्रेसीडेंट्स XI के ख़िलाफ़ CSK हाई परफ़ॉर्मेंस एकेडमी ग्राउंड पर समद ने टर्न होती पिच पर बल्लेबाज़ी की। उन्होंने अपने शॉट खेलने में काफ़ी सोच-समझ दिखाई और स्पिन के ख़िलाफ़ सूझ-बूझ का प्रदर्शन किया।
वह आगे या पीछे हटकर डिफ़ेंस करते रहे और रिवर्स-स्वीप सिर्फ़ तब खेला जब स्पिनर की गेंद विकेट तक नहीं आ रही थी। 96 गेंदों पर 75 रनों की इस पारी के दौरान वह पिच पर आगे आकर भी खेले और गेंद को सही टाइमिंग से खेला।
समद ने कहा, "मैंने स्पिन के ख़िलाफ़ अपनी तकनीक में बदलाव किया है और वह मेरे लिए अभी तक फ़ायदेमंद साबित हुआ है। मैं अपनी बल्लेबाज़ी को ख़ासकर स्पिन गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ लागू करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं पिछले दो साल से हमारे मुख्य कोच अजय शर्मा के साथ काम कर रहा हूं और उसके बाद से मेरी बल्लेबाज़ी में काफ़ी बदलाव आया है। वह हमेशा एक बात कहते हैं स्पिन के ख़िलाफ़ खेलते हुए अपना सिर नीचे रखो और गेंद तक पहुंचने की कोशिश करो और यह मेरे लिए काम कर रहा है।"
समद को अपने नए IPL टीम लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के साथ समय बिताने से भी आत्मविश्वास मिला है। उन्होंने 12 पारियों में 93 गेंदों का सामना किया और 176.34 के स्ट्राइक रेट से 164 रन बनाए।
"SRH [सनराइजर्स हैदराबाद] से LSG में जाना मेरे लिए एक अच्छा बदलाव था। मुझे नए लोग और नए साथी देखने को मिले। पिछला सीज़न मेरे लिए अच्छा था [लेकिन] मैं आख़िरी तीन मैचों में अच्छा फ़िनिश नहीं कर पाया। मुझे ऋषभ पंत का माइंडसेट बहुत पसंद है और वह बल्लेबाज़ी करते हुए ज़्यादा नहीं सोचते। गेंद देखो और मारो। अगर गेंद वहां है, तो मारो।"
SRH से LSG जाने पर: "नई टीम मेरे लिए एक अच्छा बदलाव थी"•BCCI
पिछले सीज़न में J&K ने पाँच सीज़न बाद पहली बार रणजी नॉकआउट में जगह बनाई थी, मुंबई और बड़ौदा पर जीत के बाद। वे पहली बार रणजी सेमीफ़ाइनल में जाने के क़रीब थे और अब बुच्ची बाबू के सेमीफ़ाइनल तक पहुँचकर उन्होंने नए सीज़न की तैयारी की है।
समद के लिए, J&K इस समय रणजी की शीर्ष टीमों में से है। "मुझे लगता है इस समय हम भारतीय घरेलू क्रिकेट सर्किट की शीर्ष तीन टीमों में होंगे," उन्होंने कहा। "अगर आप हमारी टीम को देखें, लड़कों की क्षमता और अनुभव को देखें, तो मुझे अपनी टीम शीर्ष तीन में लगती है। मुझे लगता है कि यह टीम पिछले पाँच साल से साथ खेल रही है और अब हमें वह कॉम्बिनेशन और कोऑर्डिनेशन मिल गया है। हमें पता है कि हमारे खिलाड़ी क्या कर सकते हैं, तो इस समय कॉम्बिनेशन बहुत अच्छा है।"
समद की कभी-कभी की लेगस्पिन J&K को एक अतिरिक्त गेंदबाज़ी विकल्प देती है, ख़ासकर धीमी पिचों पर। वह अपनी दूसरी कला पर पर्दे के पीछे काम कर रहे हैं और मुख्य स्पिनर अबिद मुश्ताक़ और ऑफ़स्पिन ऑलराउंडर साहिल लोत्रा के लिए सहायक भूमिका निभाने की सोच रहे हैं।
"मुझे लगता है मेरा काम टीम के लिए वही करना है जो ज़रूरी है," समद ने कहा। "इसलिए मैं नेट्स पर अपनी गेंदबाज़ी पर काम करता रहता हूं। जब भी ज़रूरत होती है, जब भी कोई साझेदारी बनती है, मैं आता हूं और अपनी टीम को ब्रेकथ्रू देता हूं।"