चेन्नई सुपर किंग्स ने एक बार फिर सनराइज़र्स हैदराबाद को अपने घर में आईपीएल मुक़ाबला जीतने से रोका और सात विकेट से आसान जीत दर्ज कर ली। पहले तो हैदराबाद की रणनीति इस मैच में भी बेअसर नज़र आई, वहीं अपने घर में पहले चेन्नई के गेंदबाज़ों ने और बाद में ओपनरों ने ख़ुद को साबित करके दिखाया। तो चलिए देखते हैं कि सात विकेट से मिली जीत में चेन्नई और विरोधी टीम को किस क्षेत्र में कितने ग्रेड मिले हैं।
बल्लेबाज़ी
चेन्नई (A+) - चेन्नई के सलामी बल्लेबाज़ पूरी तरह से हैदराबाद के गेंदबाज़ों पर हावी रहे। पहला विकेट भी ऋतुराज गायकवाड़ के रूप में 87 के स्कोर पर गिरा तो वह दुर्भाग्यपूर्ण तरह से नॉन स्ट्राइकर एंड पर आउट हुए, जब
डेवन कॉन्वे का शॉट उमरान मलिक के हाथ से लगकर स्टंप्स से जा टकराई। मध्य ओवरों में चेन्नई के लिए मुश्किल र्हु लेकिन कॉन्वे अकेले खड़े रहे और चेन्नई को जीत दिलाकर ही बाहर निकले।
हैदराबाद (C) - बल्लेबाज़ी में हैदराबाद की शुरुआत अच्छी रही। पारी का आग़ाज़ करने हैरी ब्रूक और
अभिषेक शर्मा आए। हालांकि ब्रूक रन आउट का मिले जीवनदान का फ़ायदा नहीं उठा पाए। वहीं लय में लग रहे अभिषेक अपनी पारी को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए। शुरुआत में संघर्ष करने के बाद राहुल त्रिपाठी भी लय में आ ही रहे थे कि वह भी जाडेजा का शिकार हो गए। मध्य ओवरों में विकेटों की झड़ी लगी और स्पिनर्स के सामने हैदराबाद के बल्लेबाज़ बेबस नज़र आए।
गेंदबाज़ी
चेन्नई (A+) - पहले चार ओवर में चेन्नई की गेंदबाज़ी ने उतना प्रभावित नहीं किया लेकिन पांचवें ओवर में आकाश ने पहले ब्रूक को सेट किया और लगातार गेंद को उनसे वाइड रखते रहे। आख़िरकार ब्रूक ने उनकी बाहर वाली गेंद को छेड़ा और बैकवर्ड प्वाइंट पर ख़ुद का कैच थमा बैठे। इसके बाद अभिषेक और राहुल की बीच जब साझेदारी पनपी तो
रवींद्र जाडेजा ने अभिषेक का काम तमाम कर दिया। हालांकि काम अभी भी पूरा नहीं हुआ था। 14वें ओवर में भी जाडेजा ने राहुल को स्वीप खेलने के प्रयास में शॉर्ट फ़ाइन लेग पर कैच आउट करा दिया। राहुल के आउट होने के बाद चेपॉक पर स्पिनर्स का बोलबाला शुरु हो गया और 13वें ओवर तक हैदराबाद की आधी टीम पवेलियन लौट गई। मध्य ओवरों के बाद डेथ में भी सीएसके के गेंदबाज़ों का ही बोलबाला रहा और हैदराबाद की टीम एक बड़े स्कोर से वंचित रह गई।
हैदराबाद (A) - हैदराबाद की गेंदबाज़ी शुरू से ही बेअसर नज़र आई। ओस की वजह कहें या एम चिदंबरम का यह अभेद किला, चेन्नई के ओपनरों ने अपने मैदान पर पूरा लुत्फ़ उठाया। ख़राब लाइन और लेंथ के साथ हैदराबाद के गेंदबाज़ ख़ास नहीं कर सके। इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर मयंक डागर को लाया गया लेकिन जो क़ामयाबी दिलाई वह मयंक मारर्कंडे रहे। इसके अलावा हैदराबाद के लिए कुछ सही नहीं गया।
क्षेत्ररक्षण
चेन्नई (A+) - फ़ील्ड पर चेन्नई ने पावरप्ले में ही रन आउट के दो चांस मिस किए। सबसे पहले मोईन ने कवर से नॉन स्ट्राइकर एंड पर ब्रूक को रन आउट करने का मौक़ा गंवाया तो कॉन्वे ने प्वाइंट से अभिषेक को स्ट्राइकर एंड पर रन आउट करने से चूक गए। हालांकि जब कैच लेने का मौक़ा आया तो चेन्नई के फ़ील्डर नहीं चूके और पहले चार झटके हैदराबाद को कैच के ज़रिए ही लगे। हालांकि जाडेजा के हाथों से 14वें ओवर में अग्रवाल का कैच गेंदबाज़ी करते हुए ज़रूर छूटा लेकिन अग़र क्लासेन बीच में नहीं आते तो जाडेजा मयंक को स्टंप के बजाय कॉट एंड बोल्ड ही आउट करते। धोनी ने स्टंपिंग के साथ-साथ थीक्षणा की गेंद पर मारक्रम का लाजवाब कैच पकड़ा, गेंद ऊंची भी थी और तेज़ भी आई थी। ऋतुराज ने 18वें ओवर में भी कवर पर क्लासेन का कैच अपनी दायीं तरफ गोता लगाकर लपक लिया। पारी की आख़िरी गेंद पर विकेटों के पीछे से धोनी ने मार्को यानसन को रन आउट कर हैदराबाद का सातवां विकेट गिरा दिया।
हैदराबाद (A) - क्षेत्ररक्षण में हैदराबाद के लिए केवल एक ही सही चीज़ गई जब ऋतुराज गायकवाड़ नॉन स्ट्राइकर एंड पर रन आउट हो गए, इसके अलावा शायद ऐसा कोई मौक़ा बना जब हैदराबाद इस मैच में वापसी कर सकती थी।
रणनीति
चेन्नई (A+) - आज ब्रूक और अभिषेक पारी की शुरुआत करने आए थे। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि दोनों बल्लेबाज़ों के विरुद्ध धोनी स्पिनर्स को पहले ला सकते हैं। हालांकि वह थीक्षणा को छठे, मोईन को सातवें और जाडेजा को आठवें ओवर में लेकर आए। एक बार जैसे ही जाडेजा ने विकेट लिया वैसे ही धोनी ने विपक्षी टीम पर स्पिन का आक्रमण कर दिया और मध्य ओवरों में चेन्नई को इसका फ़ायदा भी मिला।
हैदराबाद (B) - बल्लेबाज़ी के दौरान हैदराबाद के बल्लेबाज़ों की कोई ख़ास रणनीति नज़र नहीं आई और चेन्नई के गेंदबाज़ पहले तीन ओवरों को छोड़कर पूरे समय हैदराबाद के बल्लेबाज़ों पर हावी रहे। अभिषेक शर्मा को ओपनिंग पर उतारना भी सफल नहीं नज़र आया। लगातार बल्लेबाज़ी लाइन अप में बदलाव इस टीम की मुश्किलें बढ़ाते दिखे हैं। बाद में जब गेंदबाज़ी आई तब भी उनकी टीम में कोई जोश नज़र नहीं आया।