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पुजारा को स्टीव नाम से पुकारने पर ब्रूक्स ने मांगी माफ़ी

नस्लवाद पर पुराने दो ट्वीट पर भी सॉमरसेट के गेंदबाज़ ने जताया खेद

Tom Abell is delighted with Jack Brooks' success, Somerset vs Lancashire, County Championship, Division One, Taunton, September 12, 2021

सॉमरसेट ने पूरे मामले में जांच की बात कही है  •  Getty Images

सॉमरसेट के तेज़ गेंदबाज़ जैक ब्रूक्स ने 2012 में नस्लवाद पर अपने दो पुराने ट्वीट पर माफ़ी मांगी है। इसी के साथ उन्होंने यॉर्कशायर के दिनों में भारतीय बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा को स्टीव नाम देने के लिए भी माफ़ी मांगी।
ब्रूक्स इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ टिमाल मिल्स और स्टीवर्ट लॉडट के साथ भी ऑक्सफ़ोर्डशायर के लिए कुछ समय तक खेलते हुए नस्लवाद पर बातचीत करने में लिप्त थे। बुधवार को ही सॉमरसेट ने आरोपों पर जांच करने की बात कही है।
क्लब ने गुरुवार को ब्रूक्स की टिप्पणियों को "अस्वीकार्य" बताते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि उन्हें एक औपचारिक फटकार मिलेगी और उन्हें "समानता, विविधता और समावेश पर व्यापक प्रशिक्षण" में भाग लेने की आवश्यकता होगी।
37 वर्षीय ब्रूक्स ने कहा कि उन्हें इस शब्द का इस्तेमाल करते हुए "गहरा खेद" है और "पूरे दिल से" माफ़ी मांगी है।
ब्रूक्स ने कहा, "मैं स्वीकार करता हूं कि 2012 में मेरे द्वारा किए गए दो ट्वीट्स में इस्तेमाल की गई भाषा अस्वीकार्य थी और मुझे इसका इस्तेमाल करने का गहरा अफ़सोस है। मैं इन ट्वीट्स को देखने वाले किसी भी व्यक्ति को हुए किसी भी दुःख के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगता हूं।"
"जिन दो खिलाड़ियों को मैंने ट्वीट भेजे थे, वे मेरे दोस्त हैं और निश्चित रूप से मेरा इरादा उन्हें या उन्हें पढ़ने वाले किसी भी व्यक्ति को परेशान या अपमानित करने का नहीं था। यह मेरी समझ है कि उस समय कोई भी व्यक्ति नाराज़ नहीं था, लेकिन मैं इसे स्वीकार करता हूं कि भाषा महत्वपूर्ण है और यह कि मेरे द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द दूसरों को ठेस पहुंचा सकता है।"
"मैं किसी भी तरह के भेदभाव की निंदा करता हूं और मुझे कभी भी भेदभावपूर्ण भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, चाहे इरादा और संदर्भ कुछ भी हो। किसी भी अपराध के लिए मैं तहे दिल से माफ़ी मांगता हूं।"
मिल्स ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात में इंग्लैंड के लिए टी20 विश्व कप खेला था और उन्होंने अपने क्लब ससेक्स द्वारा जारी एक बयान में ब्रूक्स की माफ़ी का जवाब दिया, उन्होंने कहा "ब्रूक्स ने उन्हें टिप्पणी करने के लिए मजबूर किया।"
मिल्स ने कहा, "जैक और मैंने इसके बारे में बात की है और मुझे पता है कि उन्होंने अपनी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए कितना पछतावा किया। मेरा मानना ​​​​है कि यह सही है कि एक खेल के रूप में और एक समाज के रूप में, हमें एक-दूसरे से ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हम एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, उसके बारे में सोचने की ज़रूरत है और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।"
"जैक ने मुझसे गहरे दिल से ईमानदारी के साथ माफ़ी मांगी है जिसे मैंने स्वीकार कर लिया है और मैं अब भी उसे एक अच्छा दोस्त मानता हूं। मैं इस मामले को ख़त्म समझता हूं और इस पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।"
लॉडट ने ट्विटर पर भी इस मुद्दे को संबोधित करते हुए कहा, "मैं ब्रूक्स को लंबे समय से जानता था और हमारे द्वारा की गई किसी भी बातचीत में कभी भी असहज महसूस नहीं किया था।"
इससे पहले सप्ताह में, डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल चयन समिति के सामने अज़ीम रफ़ीक की गवाही में ब्रूक्स का नाम शामिल था। रफ़ीक़ ने कहा कि ब्रूक्स ने यॉर्कशायर में पुजारा को उनके नाम की जगह "स्टीव" कहकर बुलाया था।
ब्रूक्स ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि इसे नस्लवादी माना जा सकता है लेकिन "अब समझ सकता हूं कि यह स्वीकार्य नहीं है।
सॉमरसेट ने कहा कि उन्हें रविवार को किए गए ट्वीट की जानकारी है और उन्होंने अपनी जांच की है। उन्होंने गोपनीय प्रक्रिया के तहत लोगों से आग्रह किया कि अगर उनको ऐसी घटनाओं के बारे में जानकारी है तो दें, उनका नाम गोप​नीय रखा जाएगा। ताकि ऐसा करने वाले लोगों को सबक मिल सके।"