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पीजेएल सीज़न 1 : अफ़रीदी बनाम रिचर्ड्स, मियांदाद, ताहिर, सैमी भी शामिल; जानिए सारी जानकारी

पीसीबी अध्यक्ष रमीज़ राजा द्वारा शुरू की जा रही अंडर-19 टी20 टूर्नामेंट से जुड़े हर सवाल के जवाब

गद्दाफ़ी स्टेडियम में पीजेएल के कुछ खिलाड़ियों के साथ बात करते हुए बाबर  •  PCB

गद्दाफ़ी स्टेडियम में पीजेएल के कुछ खिलाड़ियों के साथ बात करते हुए बाबर  •  PCB

विव रिचर्ड्स, जावेद मियांदाद, शाहिद अफ़रीदी, इमरान ताहिर। विश्व क्रिकेट के कुछ बड़े नाम जिन्होंने अपने क्रिकेट करियर में कुछ विशाल उपलब्धियां हासिल की हैं। और अब गुरुवार को शुरू होने वाले पाकिस्तान जूनियर लीग (पीजेएल) के पहले संस्करण में वह मेंटॉर के रूप में दिखाई देंगे। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) अध्यक्ष रमीज़ राजा द्वारा कल्पना की गई इस अंडर-19 टी20 प्रतियोगिता में छह टीमें 16 दिनों में 19 मैच खेलेंगी, जिसका फ़ाइनल 21 अक्तूबर को खेला जाएगा। इसमें पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ युवा प्रतिभाओं के अलावा दुनिया के और अंडर-19 वर्ग के खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे।
इस लीग के आयोजन के पीछे क्या सोच है?
रमीज़ ने टूर्नामेंट की घोषणा करते हुए कहा था, "सही परिवेश मिलने पर एक शागिर्द को जीनियस बनाया जा सकता है, और हम इस प्रारूप के द्वारा यही करना चाहते हैं।" इस लीग से सिर्फ़ प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों की पहचान नहीं होगी, बल्कि उनके लिए अंडर-19 और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बीच के अंतर को कम करने का काम भी किया जाएगा। ऐसा ज़रूर घरेलू क्रिकेट से भी किया जा सकता है। पाकिस्तान में पारंपरिक क्रिकेट देशों की तरह अंडर-15 और अंडर-19 के लिए पर्याप्त टूर्नामेंट नहीं होते हैं। आम तौर पर युवा खिलाड़ी सीधे दो या तीन दिवसीय क्रिकेट खेलने के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जाते हैं। इसके अलावा उनके पास अंडर-19 विश्व कप में पाकिस्तान के लिए खेलने का अवसर मिलता है।
पाकिस्तान क्रिकेट संरचना में युवाओं के लिए टी20 खेलने के कोई उपाय नहीं हैं। हालांकि 2016 से चल रहे पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में हर फ़्रैंचाइज़ को एक युवा खिलाड़ी को एकादश में रखना ही होता है और ऐसे में कई नई प्रतिभाएं उभरकर आए हैं। पीजीएल से पीसीबी इसी प्रक्रिया को बढ़ावा देना चाहता है।
टीमें कौन सी हैं और क्या इसमें भी फ़्रैंचाइज़ मॉडल है?
शुरुआती उम्मीद तो यही थी और 24 कंपनीयां फ़्रैंचाइज़ लेने के लिए इच्छा ज़ाहिर कर चुकी थीं। हालांकि आख़िरकार पीसीबी ने टीमों का स्वामित्व अपने पास रखना ही ठीक समझा।
पीसीबी ने पीएसएल के साथ टकराव से बचने के लिए छह ऐसे शहर चुने जहां पर पीएसएल की कोई टीम मौजूद नहीं है। ऐसे में छह टीमें हैं बहावलपुर रॉयल्स, गुजरांवाला जायंट्स, ग्वादर शार्क्स, हैदराबाद हंटर्स, मर्दान वॉरियर्स और रावलपिंडी रेडर्स।
वैसे इसी समय पाकिस्तान की सीनियर टीम भी तो खेल रही होगी?
हां इस टूर्नामेंट के आयोजन पर यह टकराव से बचना असंभव है। शुरुआती दिनों में पाकिस्तान की टीम न्यूज़ीलैंड में बांग्लादेश और मेज़बान के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला में भाग लेगी। और प्ले-ऑफ़ और फ़ाइनल तक टी20 विश्व कप के शुरुआती राउंड भी खेले जा रहे होंगे। हालांकि पहले इस टूर्नामेंट के लिए 1 से 15 अक्तूबर की तारीख़ रखी गई थी, जो पाकिस्तान बनाम इंग्लैंड सीरीज़ के आख़िरी मैचों के साथ चलती।
अब यह बताएं ज़रा कि खिलाड़ी कौन से हैं?
इस टूर्नामेंट में 90 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे और इनमें 24 विदेशी खिलाड़ी 11 अलग देशों से आए हैं। सारे खिलाड़ियों का चयन एक ड्राफ़्ट द्वारा हुआ था। विदेशी खिलाड़ियों में कुछ ऐसे हैं जो चार आईसीसी के फ़ुल सदस्य देशों से हैं - अफ़ग़ानिस्तान, साउथ अफ़्रीका, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़। हर दल में एक एसोसिएट देश का खिलाड़ी होना अनिवार्य है, और यहां पर स्कॉटलैंड के चार्ली टेयर, गेब्रिएल गॉलमन-फ़िंडले, यूएसए से मैथ्यू ट्रॉम्प, नेपाल के कुशल मल्ला, यूएई से अली नासेर और बेल्जियम से बुरहान निआज़ मौजूद हैं। कुछ अन्य प्रमुख विदेशी खिलाड़ी हैं वेस्टइंडीज़ से नेथन एडवर्ड्स, इसाई थॉर्न, इंग्लैंड के आर्ची लेनहम, जॉर्ज थॉमस, टॉम ऐस्पिनवॉल, दानियल इब्राहिम और जोसेफ़ एक्लंड और अफ़ग़ानिस्तान के हसन इसाख़ील।
कोचों के चयन में भी पीसीबी ने कुछ अनुभवी नामों को रखा है - गॉर्डन पारसंस (बहावलपुर), टोबी रैडफ़र्ड (रावलपिंडी), इजाज़ अहमद (गुजरांवाला), मुश्ताक़ अहमद (ग्वादर), अब्दुल रज़ाक़ (हैदराबाद) और अब्दुर रहमान (मर्दान) - जिन्होंने खिलाड़ियों के चयन में भी भूमिका निभाई थी। हर दल में 15 खिलाड़ी होंगे और इनमें भी चार विदेशी खिलाड़ी होंगे। हर टीम को अपनी एकादश में न्यूनतम दो और अधिकतम तीन विदेशी खिलाड़ियों को मौक़ा देना होगा।
वैसे इनको पैसे मिलेंगे क्या?
बिलकुल। और यही इस टूर्नामेंट को अन्य अंडर-19 प्रतियोगिताओं से अलग बनाएगा। हर दल के 15 खिलाड़ियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है - एलीट (चार खिलाड़ी), प्रीमियर (पांच) और एक्स-फ़ैक्टर (छह) और इन्हें क्रमशः लगभग 13 लाख रुपये, 9.76 लाख रुपये और 4.88 लाख रुपये मिलेंगे।
लीग के सारे ख़र्च पीसीबी ही उठाएगा। 2022-23 सीज़न के बजट में पीसीबी के शासक मंडल ने इस प्रतियोगिता के लिए लगभग 540 करोड़ रुपये अलग करके रखा था और इसी से क्रिकेट से जुड़े लगभग 78 प्रतिशत ख़र्चे निकल जाने की उम्मीद जताई गई है। इसमें मैच आयोजन, खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ के वेतन और ब्रॉडकास्ट, सब का इंतज़ाम हो जाएगा।
क्या यह टूर्नामेंट खिलाड़ियों के पढ़ाई में बाधा डाल सकता है?
पीसीबी ने रोज़ के कार्यक्रम में कुछ समय पढ़ाई और ऑनलाइन क्लास के लिए रखा है। इसके अलावा पीसीबी द्वारा नियुक्त किए गए मेंटॉर भी कुछ विशेष क्लास के लिए खिलाड़ियों से बातचीत करेंगे।
अरे हां...यह मेंटॉर ही वह बड़े नाम हैं?
पीसीबी ने हर टीम के साथ एक मेंटॉर को जोड़ा है - बहावलपुर के साथ इमरान ताहिर, गुजरांवाला के लिए शोएब मलिक, ग्वादर के साथ विव रिचर्ड्स, हैदराबाद से डैरन सैमी, मर्दान के लिए शाहिद अफ़रीदी और रावलपिंडी के साथ कॉलिन मनरो। इसके अलावा पूर्व पाकिस्तान कप्तान जावेद मियांदाद को "सार्वजानिक मेंटॉर" का दर्जा मिला है और वह हर टीम के साथ समय बिताएंगे।
मैच कहां दिखाए जाएंगे?
पाकिस्तान में लीग का प्रसारण पीटीवी स्पोर्ट्स पर होगा। मैच शाम के साढ़े छह बजे शुरू होंगे और जिन दिनों पर दो मैच हैं, उस रोज़ पहला मुक़ाबला डेढ़ बजे शुरू होगा। यह टाइमिंग ऐसे रखे गए हैं कि ज़्यादा स्कूल के बच्चे मैच देखने आ सकें।

उमर फ़ारूक़ ESPNcricinfo के पाकिस्तानी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर असिसटेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।