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194 रनों की पारी से शाहरुख़ ने रणजी ट्रॉफ़ी में चार चांद लगा दिए

162 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद बल्लेबाज़ी करने उतरे और तमिलनाडु को पहली पारी में महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई

पिछले सप्ताहांत इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की बड़ी नीलामी में करोड़पति बनने के बाद तमिलनाडु के शाहरुख़ ख़ान ने एक हफ़्ते बाद फिर से धूम मचाई है। दिल्ली के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी के मैच में उन्होंने मात्र 89 गेंदों पर अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक लगाया। 26 वर्षीय शाहरुख़ अपने पहले शतक को दोहरा शतक बनाने के काफ़ी पास आए लेकिन छह रनों से चूक गए।
तीसरे दिन के अंतिम सेशन में जब शाहरुख़ नितीश राणा की ऑफ़ स्पिन गेंद पर पगबाधा हुए, तमिलनाडु ने पहली पारी में बढ़त बना ली थी। बाएं हाथ के स्पिनर विकास मिश्रा ने पुछल्ले बल्लेबाज़ों को सस्ते में आउट कर तमिलनाडु की पहली पारी को 494 रन पर समेट दिया।
162 रन पर पांचवां विकेट गंवाने के बाद जब शाहरुख़ क्रीज़ पर आए तब तमिलनाडु की बढ़त बनाने की संभावना काफ़ी कम थी। कप्तान विजय शंकर पांच रन के निजी स्कोर पर आउट हुए थे और दिल्ली मैच पर अपनी पकड़ मज़बूत कर रही थी। सलामी बल्लेबाज़ कौशिक गांधी 55 रन बनाकर विकास का शिकार बने थे जबकि रात्रि-प्रहरी आर साई किशोर 11 रन बनाकर ललित यादव के सटीक थ्रो पर रन आउट हुए थे। शाहरुख़ ने चौकों और छक्कों की बौछार करते हुए मैच का रुख़ पलट दिया।
शाहरुख़ ने मिडऑन की दिशा में पुल लगाकर अपनी पारी की शुरुआत की। वह उस शॉट पर नियंत्रण में नहीं थे लेकिन उन्होंने अपने कौशल पर विश्वास जताया और दिल्ली के गेंदबाज़ी क्रम को धराशाई किया। बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ कुलदीप यादव शाहरुख़ के मन को ऐसे भाए कि उन्होंने मात्र 20 गेंदों पर उनके ख़िलाफ़ 50 रन बनाए। अपनी इस पारी में शाहरुख़ ने 20 चौके और 10 लंबे छक्के लगाए।
यह बात तो भारतीय घरेलू क्रिकेट में प्रचलित है कि तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ शाहरुख़ बहुत मज़बूत खिलाड़ी हैं। हाल में संपन्न हुई विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में प्रसिद्ध कृष्णा को भी इस कहर का सामना करना पड़ा था। शनिवार को जहां शाहरुख़ के बड़े शॉट चर्चा का विषय थे, स्पिन के ख़िलाफ़ उनका धैर्य आश्चर्यजनक था और इस प्रारूप में उनके विकास का प्रतीक था।
विकास मिश्रा की फिरकी गेंदों पर वह पैर आगे निकालकर खेल रहे थे और जब भी लेंथ थोड़ी सी भी छोटी रहती, वह कट या पुल लगाने में शरमा नहीं रहे थे। विकास के ख़िलाफ़ शाहरुख़ ने 29 गेंदों पर 48 रन बनाए। पिछले दो वर्षों में तमिलनाडु के सहायक कोच आर प्रसन्ना ने नेट में शाहरुख़ को कई स्पिनरों के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी करने का अभ्यास करवाया और दिल्ली के विरुद्ध शाहरुख़ ने इस अभ्यास का पूरा लाभ उठाया।
2018 में अपने रणजी डेब्यू पर शाहरुख़ ने चेपॉक की उस पिच पर नाबाद 92 रन बनाए जहां असंभावित रूप से तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिल रही थी। उसके बाद से शाहरुख़ ने केवल चार ही प्रथम श्रेणी मैच खेले थे लेकिन इस बात के संकेत हमेशा से थे कि वह लंबे प्रारूप में भी मैच-जिताऊ खिलाड़ी बन सकते हैं।
इस रणजी सीज़न से पहले ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से एक विशेष बातचीत में शाहरुख़ ने बताया था, "सौभाग्यपूर्ण रूप से मेरे लिए सीमित ओवर क्रिकेट में चीज़ें अच्छी जा रही है। मुझे लगता है कि लोग किसी को भी एक प्रारूप का खिलाड़ी समझने में जल्दबाज़ी करते हैं। मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और सभी प्रारूपों में सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंचना चाहता हूं।"
"मैं रणजी ट्रॉफ़ी में बड़ी पारियां खेलना चाहता हूं। लाल गेंद की क्रिकेट में भी मुझे नीचले क्रम में बल्लेबाज़ी करनी होगी और मैं उन स्थितियों को बेहतर ढंग से संभालना चाहूंगा। प्रसन्ना ने कई मौक़ों पर तमिलनाडु को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला था और मैं उन्हीं के मार्ग पर चलना चाहता हूं। इस प्रारूप में ग़लती करने के बहुत कम मौक़ें मिलते हैं और मुझे वह चुनौती पसंद हैं।"
शाहरुख़ अपनी बात पर खरे उतरे और उन्होंने पहले बाबा इंद्रजीत और फिर नारायण जगदीशन के साथ शतकीय साझेदारी निभाई। 126 गेंदों पर इंद्रजीत ने भी अपना शतक पूरा किया। सात ओवर बाद राणा ने उन्हें भी एक कम उछाल वाली गेंद पर पगबाधा किया। हालांकि वह शाहरुख़ को रोकने में असफल रहे जब उन्होंने लगातार दो छक्कों के साथ 90 का आंकड़ा पार किया।
लांग लेग पर सिंगल के साथ अपना शतक पूरा करने के बाद शाहरुख़ ने अपनी सफ़ेद जर्सी की तरफ़ इशारा किया और तमिलनाडु खेमे से मिल रहे अभिवादन को स्वीकार किया। 100 से 150 तक का सफ़र इस धाकड़ बल्लेबाज़ में महज़ 24 गेंदों में पूरा किया।
धीमी शुरुआत के बाद जगदीशन ने भी अपना गियर बदला और विकास को दो छक्के जड़े। एक समय दिल्ली ने डीप मिडविकेट, लांग ऑन और डीप बैकवर्ड स्क्वेयर लेग पर फ़ील्डर जमाया था लेकिन शाहरुख़ आसानी से उन खिलाड़ियों के सिर के ऊपर से गेंद को सीमा रेखा के बाहर भेज रहे थे।
राणा और विकास ने लगातार विकेटों के साथ दिल्ली को वापसी ज़रूर करवाई लेकिन पिछले हफ़्ते की तरह इस बार भी सूर्ख़ियां शाहरुख़ ने ही बटोरी।

देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।