टी20 विश्व कप 2024 का
चौथा लीग मैच साउथ अफ़्रीका और
श्रीलंका के बीच खेला जाएगा। 3 जून को यह मैच भारतीय समययानुसार रात आठ बजे से शुरू होगा। इस टूर्नामेंट के इतिहास में साउथ अफ़्रीकी टीम के प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने अब तक कुल 40 मैच खेले हैं, जिसमें से 24 मैचों में उन्हें जीत और 15 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है।
साउथ अफ़्रीका की टीम इस विश्व कप में ग्रुप डी में है। उनके अलावा इस ग्रुप में श्रीलंका,
बांग्लादेश,
नीदरलैंड्स और
नेपाल है। अगर उनकी टीम सुपर आठ में जगह बनाती है, तो वहां उन्हें पाकिस्तान, वेस्टइंडीज़ और इंग्लैंड का सामना करना पड़ेगा।
ग्रुप स्टेज में साउथ अफ़्रीका का शेड्यूल
पहले मैच में श्रीलंका का सामना करने के बाद, साउथ अफ़ीका का अगला मैच नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ 8 जून को है। उसके बाद 10 जून को बांग्लादेश और 14 जून को उन्हें नेपाल का सामना करना है। पहले तीन मैच भारतीय समयानुसार रात 8 बजे से और आख़िरी मैच सुबह पांच बजे है।
विश्व कप के लिए साउथ अफ़्रीका का दल
एडन मारक्रम (कप्तान), ओटनिएल बार्टमैन, जेराल्ड कट्ज़ी, क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), ब्योर्न फोर्टुइन, रीजा हेंड्रिक्स, मार्को यानसन, हाइनरिक क्लासन, केशव महाराज, डेविड मिलर, अनरिख़ नॉर्खिए, कगिसो रबाडा, रयान रिकल्टन, तबरेज़ शम्सी और ट्रिस्टन स्टब्स।
क्लासन ने 2024 में 26 टी20 पारियां खेली हैं, जिसमें उन्होंने 194.65 की स्ट्राइक रेट और 39.85 की औसत से कुल 837 रन बनाए हैं। 2023 की शुरुआत से फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में क्लासन ने तीन टीमों के लिए धाकड़ प्रदर्शन किया है। डरबन सुपर जायंट्स की तरफ़ से उन्होंने 47.64 की औसत और 185.77 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की है। वहीं ओवल इनविंसिबल और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए उनका औसत क्रमश: 46.29 और 31.50 का है। इस दौरान किसी भी फ्रेंचाइज़ी के लिए उनका स्ट्राइक रेट 160 से कम का नहीं है।
टी20 क्रिकेट में भले ही डिकॉक का फ़ॉर्म अच्छा नहीं था लेकिन वह वनडे विश्व कप में बेहतरीन फ़ॉर्म में थे। 2021 से 2023 के बीच डिकॉक ने लगभग 30 की औसत और 139 के बेहतरीन स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की है। वहीं सिर्फ़ पावरप्ले में उन्होंने इस दौरान कुल 1617 रन बनाए थे और उनका स्ट्राइक रेट भी काफ़ी अच्छा रहा है। हालांकि इस साल पावरप्ले के दौरान 25 टी20आई मैचों में उनका औसत 16.76 और स्ट्राइक रेट 121.27 का रहा है। कुल मिला कर अगर डिकॉक अपनी फ़ॉर्म में वापसी कर पाए तो यह साउथ अफ़्रीका की टीम के लिए काफ़ी कारगर साबित हो सकता है।
टी20 विश्व कप में उनका प्रदर्शन
काग़जों पर हमेशा से बेहतरीन दिखने वाली साउथ अफ़्रीकी टीम का प्रदर्शन बाक़ी के बड़े टूर्नामेंट की तरह ही निराशाजनक रहा है। उन्होंने सिर्फ़ दो बार सेमीफ़ाइनल में प्रवेश किया। 2014 में आख़िरी बार सेमीफ़ाइनल मे प्रवेश करने के बाद से उनकी टीम ने कभी भी फ़ाइनल या सेमीफ़ाइनल में प्रवेश नहीं किया है। पिछले दो विश्व कप में भी वे सिर्फ़ सुपर 12 तक ही पहुंच पाए थे।