ऑलराउंडर
दीपक हुड्डा ने बड़ौदा की ओर से न खेलने का फ़ैसला किया है। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो का मानना है कि 2020-21 सीज़न में बड़ौदा क्रिकेट संघ (बीसीए) द्वारा उन्हें अनुशासनात्मक कारणों की वजह से निलंबित किए जाने की वजह से ही उन्होंने ये क़दम उठाया है। 13 जुलाई को हुड्डा ने बीसीए को चिट्ठी लिखकर आगामी सीज़न से ख़ुद को बड़ौदा क्रिकेट संघ से अलग कर लिया है और अब वह किसी और राज्य की ओर से खेल सकते हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि बीसीए ने भी उन्हें नो ऑबजेक्शन सर्टिफ़िकेट (एनओसी) दे दी है। हालांकि अब तक ये साफ़ नहीं हो पाया है कि हुड्डा किस राज्य के साथ जा सकते हैं।
26 वर्षीय हुड्डा हरियाणा से आते हैं और पहली बार उन्होंने 2012-13 सत्र में बड़ौदा की ओर से टी20 मैच में डेब्यू किया था। हुड्डा अब तक बड़ौदा के लिए 43 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं, जिसमें 293 नाबाद के सर्वश्रेष्ठ स्कोर और 43.14 की औसत के साथ उन्होंने कुल 2718 रन बनाए हैं। हुड्डा के नाम प्रथम श्रेणी मैचों में आठ शतक और 15 अर्धशतक भी हैं। लिस्ट ए क्रिकेट में हुड्डा ने 40 मैचों में 42 की औसत के साथ 1428 रन बनाए हैं जिसमें दो शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं। बात अगर टी20 क्रिकेट की करें तो उन्होंने बड़ौदा के लिए 51 मैच खेले हैं और इसमें 138.1 के स्ट्राइक रेट से उनके नाम 993 रन हैं।
बीसीए को लिखी गई चिट्ठी में हुड्डा ने बड़ौदा के साथ अपने पुराने दिनों को यादगार बताया है और साथ ही साथ लिखा है कि वह अब 2021-22 सीज़न में अपने आगे के करियर पर ध्यान दे रहे हैं।
मुंबई के पूर्व कप्तान शिशिर हटनगड़ी जो बीसीए के सीईओ भी हैं, उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बातचीत में कहा कि संघ ने उन्हें जून में ही कैंप के साथ जुड़ने को कहा था। लेकिन तब हुड्डा ने एक जुलाई को मेल के ज़रिए कहा था कि वह 10 जुलाई तक कैंप के साथ जुड़ेंगे।
बीसीए एपेक्स काउंसिल को लिखे गए मेल में शिशिर ने कहा है कि 25 जून को ही हुड्डा का चयनकर्ताओं ने 45 संभावितों के कैंप के लिए चयन किया था। और इसकी सूचना सभी खिलाड़ियों को उसी दिन दे दी गई थी, लेकिन इसके बाद 30 जून को चयनकर्ताओं ने शिशिर को बताया कि हुड्डा अब तक कैंप में शामिल नहीं हुए हैं। और फिर हुड्डा ने बीसीए अध्यक्ष और शिशिर दोनों को ही मेल किया था और बताया था कि वह 10 जुलाई तक कैंप के साथ जुड़ जाएंगे।
"अब हमें 13 जुलाई को दीपक हुड्डा का मेल आता है जिसमें उन्होंने एनओसी की मांग करते हुए लिखा है कि वह दूसरे राज्य से खेलना चाहते हैं। (टीम का नाम नहीं लिखा है।) सचिव के हस्ताक्षर के साथ हमने उन्हें एनओसी भेज दिया है और चयनकर्ताओं को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।"
इससे पहले आपको याद दिला दें छ: महीने पहले हुड्डा सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के पहले मैच के ठीक पहले अपने होटल को छोड़ दिया था। उन्होंने कप्तान क्रुणाल पंड्या के ख़राब बर्ताव का हवाला देते हुए ऐसा करने की बात की थी। साथ ही साथ उन्होंने कहा था कि क्रुणाल ने उन्हें गाली भी दी थी और धमकी भी दी थी जिसके बाद वह डिप्रेशन में चले गए थे और फिर होटल छोड़ने पर मजबूर हो गए थे।
हाल ही में टाइम्स ऑफ़ इंडिया के स्पोर्टकास्ट में क्रुणाल पंड्या ने कहा था कि उनके लिए हमेशा टीम पहले है और यही वजह थी कि उन्होंने इसपर कुछ बोला नहीं था।
"मुझ पर काफ़ी इल्ज़ाम हैं, सोशल मीडिया पर भी मेरे ख़िलाफ़ कई तरह के संदेश भरे पड़े हैं। लेकिन इससे मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता, मैंने अबतक उस बात पर अपनी तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, सिर्फ़ इसलिए कि मैं जहां से खेलता हूं उस संस्थान (टीम) की बहुत इज़्ज़त करता हूं। मैं जानता हूं कि मुझे बदनाम करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है, जो सिर्फ़ एकतरफ़ा बात सुनकर ही हो रहा है।"
"मैं हमेशा उसके साथ होता हूं जो सही हो, न मैं कोई एजेंडा चलाता हूं और न ही उसमें शामिल होता हूं। मैं हमेशा टीम और खिलाड़ियों के लिए खड़ा रहता हूं, मैं हमेशा युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की मदद के लिए आगे रहता हूं। मैं चाहता हूं कि बड़ौदा में छिपी प्रतिभा को निखारा जाए और उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा मौक़ा दिया जाए।"