ओली पोप की सेंचुरी ने इंग्लैंड को मज़बूत शुरुआत दिलाई • Getty Images
ओली पोप ने कहा कि वह भारत के ख़िलाफ़ "लगातार रन बनाने" और "पीछे मुड़कर न देखने" के इरादे से उतरे थे। हेडिंग्ले में अपने करियर के नौवें टेस्ट शतक के साथ, उन्होंने इंग्लैंड के नंबर 3 के रूप में अपनी जगह मज़बूत कर ली है।
पोप ने 18 महीने पहले हैदराबाद में 196 रन बनाए थे, लेकिन आख़िरी चार टेस्ट में एक बार भी 40 का आंकड़ा नहीं पार कर पाए थे। उनका मानना है कि शांत दिमाग़ी रवैये और डिफेंस पर की गई तकनीकी मेहनत ने उन्हें उस छवि से बाहर निकलने में मदद की है जिसमें उन्हें एक नर्वस शुरुआत करने वाला बल्लेबाज़ माना जाता था। हालांकि उन्होंने माना कि इस सीरीज़ से पहले अपनी जगह को लेकर हो रही चर्चा को नज़रअंदाज़ कर पाना आसान नहीं था।
पोप ने कहा, "मैंने कोशिश की कि इन बातों का मुझ पर ज़्यादा असर न हो। मैं बस यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मेरा खेल सबसे अच्छी स्थिति में हो और जब भी मैं क्रीज़ पर आऊं, तो उसका पूरा फ़ायदा उठा सकूं। मैंने कोशिश की कि बाहर की बातें अपना काम करें और मैं अपना खेल बेहतर करता रहूं, साथ ही अपने दिमाग़ की स्थिति को भी मज़बूत बनाए रखूं।"
पोप पर इस सीरीज़ में जैकब बेथेल का दबाव था, जिन्होंने पिछले साल के अंत में न्यूज़ीलैंड दौरे पर नंबर 3 पर प्रभावित किया था।। पोप ने कहा कि उसी सीरीज़ में (जिसमें उन्होंने पांच पारियों में 194 रन बनए थे) उन्हें अपनी शुरुआती बल्लेबाज़ी में सुधार करने की नींव मिल गई थी।
उन्होंने कहा, "यह लगभग इस तरह है कि मैं अपने खेल को थोड़ा और आज़मा रहा हूं। ऐसा नहीं कि मुझे जल्दी से 30 रन बनाने हैं ताकि अच्छा महसूस कर सकूं। अब मैं एक पारी बनाने की प्रक्रिया का आनंद लेने की कोशिश करता हूं, बजाय इसके कि मैं बस 30 रन तक पहुंच जाऊं और फिर बड़ी पारी खेलूं... मैंने इस पर काफ़ी मेहनत की है। अपने खेल को बेहतर स्थिति में रखने और यह सुनिश्चित करने की कि मेरा डिफेंस जितना अच्छा हो सके, उतना हो।"
पोप ने दूसरे दिन की दोपहर को वास्तव में तेज़ी से 30 रन बना लिए थे। शुरुआती छह चौकों के साथ उन्होंने 25 गेंदों में 31 रन बना लिए थे। हालांकि उनकी तेज़ रनगति आउटफ़ील्ड की तेज़ी और भारत की आक्रामक गेंदबाज़ी का नतीजा थी। जैसे ही फ़ील्ड खुला, उनकी लय बदली: दूसरी फिफ़्टी में पहले की तुलना में कम बाउंड्री आईं, लेकिन उन्होंने स्ट्राइक रोटेट करते हुए और भी तेज़ी से रन बनाए।
उन्होंने इससे पहले किसी भी टेस्ट सीरीज़ में एक से ज़्यादा शतक नहीं बनाए हैं। बल्कि उनके पिछले आठ शतक आठ अलग-अलग टीमों के ख़िलाफ़ आए थे। लेकिन इस गर्मी की शुरुआत में ट्रेंट ब्रिज में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ 171 रन बनाने के बाद, पोप ने लगातार दो शतक जमाए हैं और अब और रन बटोरने की होड़ में हैं।
उन्होंने आगे कहा, "यह एक लंबी सीरीज़ है, और इस मैच में भी अभी बहुत कुछ होना बाक़ी है। यह निश्चित रूप से एक ऐसी पारी थी जिसका मैंने भरपूर आनंद लिया। यह निराशाजनक रहा कि मैं आज सुबह उसे आगे नहीं बढ़ा पाया, लेकिन मैं जिस तरह से खेला, उससे संतुष्ट हूं। और अपने खेल की स्थिति से भी खु़श हूं, तो उम्मीद है कि मैं इसे आगे बढ़ा सकूं।"
तीन दिन के बाद पहला टेस्ट बराबरी पर है, और भारत का टॉप ऑर्डर रविवार की शाम पहली पारी की मामूली बढ़त को आगे बढ़ा रहा है। पोप ने कहा कि इंग्लैंड के लोअर ऑर्डर का योगदान "वाक़ई अहम" था, जिसमें क्रिस वोक्स और ब्रायडन कार्स की छोटी-छोटी पारियों ने बढ़त को सिर्फ़ छह रन तक सीमित रखने में मदद की।
पोप ने कहा, "अगर बढ़त 40 या 50 की होती, तो मानसिकता के लिहाज़ से उन्हें थोड़ा और आत्मविश्वास मिलता कि उनके पास शुरुआत में ही बढ़त है, लेकिन एक बराबरी की स्थिति से खेलना हमारे लिए ज़्यादा अहम था। हमने दो विकेट लिए; उन्होंने अच्छी बल्लेबाज़ी की। केएल राहुल ने बहुत ही बढ़िया खेला। हमारे लिए ज़रूरी है कि हम कल सुबह जल्दी विकेट हासिल करें।"
"शायद यह बेहतर होता अगर आज शाम को हम एक-दो और विकेट ले पाते, लेकिन मुझे लगता है कि पिच अब भी बहुत अच्छी खेल रही है। यह मैदान तेज़ी से रन बनाने के लिए जाना जाता है, आउटफ़ील्ड भी बहुत तेज़ है। कल सुबह का सेशन काफ़ी अहम है, और मैच बहुत ही रोमांचक मोड़ पर है।"