विश्व कप टॉप 5 : नेहरा जी का जादू, कपिल देव का परिश्रम और प्रभाकर की कलाकारी
मोहम्मद शमी के अलावा किन भारतीय गेंदबाज़ों ने विश्व कप में सबसे ज़्यादा प्रभावित किया है?
देबायन सेन
22-Oct-2023
यह मोहम्मद शमी के लिए विश्व कप में दूसरा पांच विकेट हॉल है • ICC/Getty Images
मोहम्मद शमी ने 2023 विश्व कप में धर्मशाला में न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध इस संस्करण का पहला मैच खेला। उन्हें भले ही नई गेंद नहीं मिली, लेकिन उन्होंने अपने पहले ओवर की पहली गेंद पर ही विल यंग का विकेट लिया।
अपने दूसरे स्पेल में उन्होंने 75 रन बनाने के बाद रचिन रविंद्र को आउट किया। बिल्कुल आख़िर में अपनी डेथ गेंदबाज़ी के चलते उन्होंने 54 रन देकर पांच विकेट निकाले और शायद न्यूज़ीलैंड को 300 के आंकड़े से काफ़ी पहले रोका। यह शमी के लिए विश्व कप इतिहास में दूसरा पंजा है और ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय गेंदबाज़ बने।
आईए विश्व कप इतिहास में भारत द्वारा सबसे बढ़िया गेंदबाज़ी के टॉप 5 प्रदर्शनों पर एक नज़र डालते हैं।
अपने दूसरे स्पेल में उन्होंने 75 रन बनाने के बाद रचिन रविंद्र को आउट किया। बिल्कुल आख़िर में अपनी डेथ गेंदबाज़ी के चलते उन्होंने 54 रन देकर पांच विकेट निकाले और शायद न्यूज़ीलैंड को 300 के आंकड़े से काफ़ी पहले रोका। यह शमी के लिए विश्व कप इतिहास में दूसरा पंजा है और ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय गेंदबाज़ बने।
आईए विश्व कप इतिहास में भारत द्वारा सबसे बढ़िया गेंदबाज़ी के टॉप 5 प्रदर्शनों पर एक नज़र डालते हैं।
5. युवी का जलवा, 2011
यह एंट्री केवल सेंटीमेंटल कारणों से नहीं है। 2011 विश्व कप में युवराज सिंह भारत के सबसे अहम खिलाड़ी थे और इसको चरितार्थ करने के लिए बेंगलुरु में आयरलैंड के ख़िलाफ़ मुक़ाबले की बात करना ज़रूरी है।
एक धीमी पिच पर भारत ने गेंदबाज़ी चुनी और ज़हीर ख़ान ने दो विकेट केवल 9 के स्कोर पर गिरा दिए। इसके बाद कप्तान विलियम पोर्टरफ़ील्ड और नायल ओब्रायन के बीच शतकीय साझेदारी से आयरलैंड 250+ के स्कोर के सपने देखने लगा। ऐसे में युवराज ने एक निरंतर 10 ओवर के स्पेल में मैच का रुख़ पलटा। सटीक लाइन पर गेंदबाज़ी करते हुए उन्होंने गेंद को फ़्लाइट दी और पोर्टरफ़ील्ड सहित पांच खिलाड़ियों को आउट किया और स्कोर को 207 तक सीमित रखा। जवाबी पारी में उन्होंने 100 पर चार से पारी को संभाला और अपने नाबाद 50 रनों के साथ पुरुष विश्व कप इतिहास में एक मैच में पांच विकेट लेने और 50 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने।
2011 विश्व कप में युवराज सिंह ने गेंद से भी बड़ा योगदान दिया•AFP
4. कपिल का कीर्तिमान, 1983
1983 विश्व कप में ख़िताब जीतने के बावजूद भारत ने दो मैच हारे थे और कप्तान कपिल देव का यह प्रदर्शन नॉटिंघम में ऑस्ट्रेलिया के हाथ मिली 162 रनों की हार में आया था। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और कपिल के केप्लर वेसेल्स को जल्दी बोल्ड करने के बावजूद ट्रेवर चैपल और कप्तान किम ह्यूज़ ने शतकीय साझेदारी निभाई और भारत पर दबाव बढ़ाया।
ऑस्ट्रेलिया के समय चार विकेट पर 254 था, लेकिन कपिल ने अपने आख़िरी तीन ओवर में चार विकेट निकाले। उनका 43 रन देकर पांच विकेट का स्पेल भारत के लिए इस प्रारूप में पहला पंजा था। भारत बुरी तरह परास्त हुआ, लेकिन जवाब में कपिल ने 27 गेंदों पर 40 की तूफ़ानी पारी खेली।
ऑस्ट्रेलिया के समय चार विकेट पर 254 था, लेकिन कपिल ने अपने आख़िरी तीन ओवर में चार विकेट निकाले। उनका 43 रन देकर पांच विकेट का स्पेल भारत के लिए इस प्रारूप में पहला पंजा था। भारत बुरी तरह परास्त हुआ, लेकिन जवाब में कपिल ने 27 गेंदों पर 40 की तूफ़ानी पारी खेली।
3. मुंबई में दिल्लीवाले का स्विंग मास्टरक्लास, 1987
मनोज प्रभाकर नई गेंद से बल्लेबाज़ी के अलावा भारत के लिए विश्व कप में सलामी बल्लेबाज़ी भी कर चुके हैं•Getty Images
1987 विश्व कप में भारत और ज़िम्बाब्वे का मुक़ाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया। कप्तान जॉन ट्राइकॉस ने टॉस जीतकर बल्लेबाज़ी चुनी, लेकिन पिच पर नमी के चलते यह फ़ैसला उन पर भारी पड़ा। भारत के लिए कप्तान कपिल देव के साथ नई गेंद ली मनोज प्रभाकर ने, और दिल्ली के ऑलराउंडर को ज़बरदस्त स्विंग मिलने लगी। उन्होंने 17 गेंदों के भीतर चार विकेट निकाले और ज़िम्बाब्वे बिना क्षति के तीन रन से 13/4 पर लुढ़क गई। केविन आरनॉट पगबाधा होने के बाद डेविड हाउटन और ग्रांट पैटरसन बोल्ड हुए, तो केविन करन विकेट के पीछे कैच आउट हुए।
आख़िर में प्रभाकर के विश्लेषण थे 8-1-19-4 और ज़िम्बाब्वे के बनाए 135 रनों के स्कोर को भारत ने 28वीं ओवर में पार कर लिया।
आख़िर में प्रभाकर के विश्लेषण थे 8-1-19-4 और ज़िम्बाब्वे के बनाए 135 रनों के स्कोर को भारत ने 28वीं ओवर में पार कर लिया।
2. मैनचेस्टर के महारथी, 1999
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 विश्व कप का सुपर सिक्स मुक़ाबला कारगिल में चल रहे तनाव के साये में खेला गया। भारत के लिए मस्ट-विन मैच में बल्लेबाज़ों ने कठिन परिस्थितियों में 227 का स्कोर बनाया।
जवाब में सईद अनवर ज़बरदस्त फ़ॉर्म में नज़र आए लेकिन जवागल श्रीनाथ ने दो विकेट जल्दी गिराए। इसके बाद उनके कर्नाटका के साथी वेंकटेश प्रसाद ने अपने कटर और स्विंग के मिश्रण से पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी की रीढ़ की हड्डी निकाल दी। अनवर स्लिप पर कैच हुए, तो सलीम मलिक और इंज़माम-उल-हक़ पगबाधा आउट। पाकिस्तान की आख़िरी उम्मीद बने मोईन ख़ान और वसीम अकरम को भी आउटफ़ील्ड में कैच करवाते हुए प्रसाद ने 27 रन देकर पांच विकेट अपने नाम किए। यह 2023 से पहले तक विश्व कप में किसी भारतीय गेंदबाज़ के दूसरे सबसे सफल फ़िगर हैं।
जवाब में सईद अनवर ज़बरदस्त फ़ॉर्म में नज़र आए लेकिन जवागल श्रीनाथ ने दो विकेट जल्दी गिराए। इसके बाद उनके कर्नाटका के साथी वेंकटेश प्रसाद ने अपने कटर और स्विंग के मिश्रण से पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी की रीढ़ की हड्डी निकाल दी। अनवर स्लिप पर कैच हुए, तो सलीम मलिक और इंज़माम-उल-हक़ पगबाधा आउट। पाकिस्तान की आख़िरी उम्मीद बने मोईन ख़ान और वसीम अकरम को भी आउटफ़ील्ड में कैच करवाते हुए प्रसाद ने 27 रन देकर पांच विकेट अपने नाम किए। यह 2023 से पहले तक विश्व कप में किसी भारतीय गेंदबाज़ के दूसरे सबसे सफल फ़िगर हैं।
ओल्ड ट्रैफ़र्ड में वेंकटेश प्रसाद ग़ज़ब के फ़ॉर्म में थे•AFP
1. डरबन की आंधी, 2003
2003 विश्व कप में भारत के अभियान में नीदरलैंड्स, ज़िम्बाब्वे और नामीबिया को हराने के बाद इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैच एक बड़ी चुनौती थी। डरबन पर एक स्विंग और उछाल ले रही पिच पर सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के अर्धशतकों के चलते भारत ने नौ विकेट पर 250 रन बनाए। जवाब में निक नाइट रन आउट हो गए और मार्कस ट्रेस्कॉथिक ज़हीर ख़ान के शिकार बने।
इस मैच में भारत ने आशीष नेहरा को तीसरे सीमर के रूप में खिलाया। नेहरा को पिछले मैच में टखने पर चोट लगी थी और इस मैच में भी वह पूरी तरह अच्छे स्वास्थ्य में नहीं दिखे। बावजूद इसके उन्होंने गेंद को दोनों तरफ़ लहराते हुए कमाल की गेंदबाज़ी की। नासिर हुसैन को कीपर द्रविड़ की ओर निचले किनारे पर आउट करवाकर उन्होंने ऐलेक स्टुअर्ट को बड़े इनस्विंगर से क्रीज़ पर फंसाया और फिर माइकल वॉन को एक ज़बरदस्त कोण बनाती गेंद पर पीछे कैच करवाया। नेहरा के 6/23 के इस स्पेल में गति, स्विंग, उछाल सब थे और फलस्वरूप भारत ने 82 रनों से मैच जीता।
इस मैच में भारत ने आशीष नेहरा को तीसरे सीमर के रूप में खिलाया। नेहरा को पिछले मैच में टखने पर चोट लगी थी और इस मैच में भी वह पूरी तरह अच्छे स्वास्थ्य में नहीं दिखे। बावजूद इसके उन्होंने गेंद को दोनों तरफ़ लहराते हुए कमाल की गेंदबाज़ी की। नासिर हुसैन को कीपर द्रविड़ की ओर निचले किनारे पर आउट करवाकर उन्होंने ऐलेक स्टुअर्ट को बड़े इनस्विंगर से क्रीज़ पर फंसाया और फिर माइकल वॉन को एक ज़बरदस्त कोण बनाती गेंद पर पीछे कैच करवाया। नेहरा के 6/23 के इस स्पेल में गति, स्विंग, उछाल सब थे और फलस्वरूप भारत ने 82 रनों से मैच जीता।
देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड हैं @debayansen