यह अल्टीमेट फ़ाइटिंग चैंपियनशिप में दो लड़ाकों को बेरहमी से घूंसे मारते हुए देखने जैसा है। एक छोर पर गेंदबाज़
हार्दिक पंड्या हैं। उनके प्रतिद्वंदी तूफ़ानी बल्लेबाज़
लियम लिविंगस्टन हैं। दर्द अगर महसूस हो तो कभी दिखाया नहीं जाता। पलक झपकना कोई विकल्प नहीं है।
हार्दिक को ओल्ड ट्रैफ़र्ड में सीरीज़ के निर्णायक मैच में अपने दूसरे स्पेल के लिए वापस लाया गया। उनके 4-3-2-2 के पहले स्पैल ने इंग्लैंड को बुरी तरह से चकनाचूर कर दिया था। उनके शिकार
जेसन रॉय और
बेन स्टोक्स थे, जिन्होंने अपनी क्रीज़ से बाहर निकलने की कोशिश की थी, एक बेहद सुंदर नियोजित शॉर्ट बॉल डाली गई और विकेट मिल गए।
35वें ओवर में हार्दिक अपने पांचवें ओवर की दूसरी गेंद पर लिविंगस्टन का पहली बार सामना करते हैं और यह गेंद चौथे स्टंप पर शॉर्ट बॉल होती है। लिविंगस्टन पुल करने की कोशिश करते हैं लेकिन गेंद से संपर्क नहीं कर पाते। हार्दिक मुस्कान से लिविंगस्टन को देखते हैं। यह उस योद्धा की मुस्कान है जिसने अपने को पहचान लिया है।
हार्दिक, रवींद्र जाडेजा को डीप स्क्वेयर लेग पर लगाते हैं। डीप फ़ाइन लेग भी तैनात है। कोई जगह नहीं है : ऐसा करके हार्दिक अपने प्रतिद्वंद्वी से जता रहे हैं कि गेंद अब सिर पर ही आएगी। अगली गेंद 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से शॉर्ट बॉल है। इस बार लिविंगस्टन डक करते हैं और मुस्कान लौटाते हैं। अब लिविंगस्टन तैयार हैं - वह जानते हैं कि क्या आने वाला है और वह कड़कदार पुल लगाते हैं और गेंद डीप स्क्वेयर लेग की ओर बोर्ड पर जाकर लगती है। पांचवीं गेंद भी हार्दिक ने शॉर्ट की। लिविंगस्टन ने इस पर भी पुल लगाने की सोची लेकिन बाद में रुक गए। अब आख़िरी गेंद भरी शॉर्ट थी, यह लगातार पांचवीं थी 140 किमी प्रति घंटे की गति से। लिविंगस्टन पीछे भी नहीं जा सके और पुल करने की सोची लेकिन गेंद सीधा हेलमेट की जाली पर जाकर लगी और हार्दिक अपने विरोधी का पता लेने गए।
लू के थपेड़ों को देखते हुए रविवार को पूरे ब्रिटेन में अलर्ट जारी कर दिया गया था। मौसम पहले से ही गर्म है और ओल्ड ट्रैफ़र्ड भी अब उत्साह और प्रत्याशा के साथ उबल रहा था।
हार्दिक के अगले ओवर की शुरुआत करने से पहले रोहित ने जाडेजा को दोबारा डीप स्क्वेयर लेग पर लगाया। यह लिविंगस्टन को और शॉर्ट बॉल आने का इशारा कर रहा था। प्लान यही था कि हार्दिक, लिविंगस्टन को लंबी स्क्वेयर बाउंड्री पर शॉट मारने की चुनौती दे रहे थे।
अब अगली गेंद स्क्वेयर लेग की ओर 88 मीटर लंबे छक्के के लिए गई। लगातार दो छक्के लगाने के बाद लिविंगस्टन क्रीज़ से आगे निकले यह सोचते हुए कि गेंदबाज़ अब अपना प्लान बदलेगा लेकिन वह ग़लत थे, ऐसे में उन्हें डक करना पड़ा।
क्या हार्दिक लगातार शॉर्ट बॉल करके पागलपन कर रहे थे? क्या वह ऐसा करके पुर्वानुमेय नहीं हो रहे और यह लड़ाई नहीं हार रहे थे? मैच ख़त्म होने के बाद हार्दिक ने माइकल ऐथर्टन को अपना प्लान बताया।
हार्दिक ने कहा, "मैं जब तक विकेट ले रहा हूं तब तक मुझे छक्के खाने से हर्ज़ नहीं है। यह उसका [लिविंगस्टन] भी गेम प्लान था। वह चुनौती लेना पंसद करता है और कुछ शॉट जो वह खेलता है एक गेंदबाज़ के तौर पर यह आपको तोड़ सकता है।"
लेकिन हार्दिक टूटने वालों में से कहां है। उन पर दो छक्के लगे और लगातार आठवीं गेंद उन्होंने लिविंगस्टन को शॉर्ट की। गेंद हवा में उड़ी और जाडेजा ने डीप बैकवर्ड स्क्वेयर लेग पर पंजों पर खड़े होकर संतुलन बनाते हुए लिविंगस्टन का कैच लपक लिया। हार्दिक और रोहित के चेहरों पर संतुष्टि वाली मुस्कान थी।
हार्दिक ने पहली पारी समाप्त होने पर कहा था, "मैंने जो महसूस किया है लिविंगस्टन को शॉर्ट बॉल खेलना पसंद है और जब कोई ऐसा करता है तो यह मुझे ऊर्जा देता है या तो आप इस लड़ाई को जीतोगे या मैं।"
"दो छक्के खाने के बावजूद मैंने कप्तान से भी कहा कि अगर मुझे चार छक्के भी लग जाएं लेकिन अगर मुझे एक विकेट मिलता है तो यह बड़ा अंतर पैदा करेगा।"
लिविंगस्टन के जाने के बाद भी शॉर्ट बॉल करना ख़त्म नहीं हुआ। दो गेंद बाद हार्दिक ने जॉस बटलर को भी चौथे स्टंप पर शॉर्ट बॉल की और वह उसको डीप मिडविकेट पर पुल कर गए। सभी को लग रहा था कि यह चौका होगा सिवाए इस कैच को लेने वाले के।
जाडेजा डीप स्क्वेयर लेग से चीते की रफ़्तार से भागते हुए आए और बायीं ओर डाइव लगाकर एक बेहतरीन कैच लपका। सभी जाडेजा की ओर बधाई देने के लिए भागे और हार्दिक बीच पिच पर दोबारा हंस रहे थे।
हार्दिक ने ऐथर्टन से कहा, "मुझे हमेशा लगता है कि एक गेंदबाज़ के तौर पर मैं बेशर्म हूं।" वह कहना चाहते थे कि वह पतली चमड़ी के हैं। कप्तान के तौर पर गुजरात टाइटंस को पहला आईपीएल ख़िताब जिताने से हार्दिक को अलग तरह से सोचने और प्लान बनाने का मौक़ा दिया है। पहले वनडे में हार्दिक ने चार ओवर में बिना कोई विकेट लिए 22 रन दिए। दूसरे वनडे में उन्होंने छह ओवर में 28 रन देकर दो विकेट लिए। जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में आख़िरी मैच में उन्होंने करियर में सर्वश्रेष्ठ सात ओवर में 24 रन देकर चार विकेट लिए।
हार्दिक की मानें तो साउथैंप्टन में दूसरे टी20 से पहले उन्हें अपनी लय मिली, जब उन्होंने खाली नेट पर गेंदबाज़ी की और अपनी फुर्ती और गति को वापस पाया। तेज़ गेंदबाज़ी करके उन्हें मज़ा आता है। हार्दिक अपने कार्य प्रबंधन को लेकर भी सतर्क हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के डाटा के मुताबिक़ तीसरे वनडे में उन्होंने 27 शॉर्ट लेंथ गेंद की, जहां 17 रन देकर चार विकेट लिए।
हार्दिक ने कहा, "मैं स्मार्ट था। मैं अपनी कमर को मोड़ता या जब भी ज़रूरत हो तेज़ से तेज़ गेंद डालने की कोशिश करता। अगर आप कुछ मैच पहले देखें तो मैं 130, 132 के करीब की गति से गेंदबाज़ी कर रहा था, इसीलिए नहीं कि मैं नहीं कर पा रहा था, बल्कि यह स्थिति पर निर्भर था। क्योंकि तब मुझे लगा कि गति कम करने में ही फ़ायदा है क्योंकि वे तेज़ गति की गेंदों के आदी थे।"
"आज मैदान के दोनों ओर बड़ी बाउंड्री थी और मैं फ़ोकस इस पर कर रहा था कि डीप स्क्वेयर लेग और फ़ाइन लेग पर क्षेत्ररक्षक लगाया जाए, तो इसी वजह से मैं तेज़ गति से गेंदों को पटक रहा था और अपने मौक़े बना रहा था।"
आईपीएल की कप्तानी ने हार्दिक को उनके रोल को अलग तरह से देखने में मदद की है : वह मुख्य हरफ़नमौला हैं, लेकिन अब वह एक नेतृत्वकर्ता के तौर पर सोचते हैं। रविवार को बाएं हाथ में पट्टी बांधने के लिए मैदान छोड़ा और जब वह लौट रहे थे तो उन्होंने देखा कि रोहित, युज़वेंद्र चहल को उनके एंड से ला रहे हैं। हार्दिक तुरंत मैदान पर पहुंचे, गेंद ली और दूसरे स्पेल के लिए गए।
भारत की सीरीज़ जीत में हार्दिक का योगदान केवल गेंदबाज़ी तक ही सीमित नहीं रहा। ऋषभ पंत ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली लेकिन हार्दिक के दूसरे छोर पर खड़े रहने की वजह से ही वह ऐसा कर पाए। हार्दिक ने 55 गेंद में 71 रनों की पारी खेली और भारत को चार विकेट पर 72 रन खो देने के बाद संभाला। वह 2011 में युवराज सिंह के बाद एक वनडे मैच में पचास रन बनाने और चार विकेट लेने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।
भूख, ताक़त, चतुर गेंदबाज़ी और इरादा अब हार्दिक के खेल को बयां कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से जिस हरफ़नमौला की भारत लंबे समय से कमी महसूस कर रहा था, वह अब एक नए अवतार में वापस आ चुका है।
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।