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अक्षर की सादगी ने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती को ढहा दिया

अगर हार्दिक पांड्या भारत की सफ़ेद गेंद "चीट कोड" का एक हिस्सा हैं, तो अक्षर पटेल दूसरा हिस्सा हैं और करारा ओवल पर उन्होंने एक बार फिर अपनी ऑलराउंड क्लास से यह साबित कर दिया

Axar Patel used angles to take his wickets and then to celebrate them, Australia vs India, 4th T20I, Gold Coast, November 6, 2025

अक्षर पटेल ने विकेट लेने और उसका जश्न मनाने दोनों में एंगल्स का शानदार इस्तेमाल किया  •  Getty Images

T20 इतना तेज़ी से आगे बढ़ता है कि कई बार समझ ही नहीं आता कि मैदान पर क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है। एक पल ऑस्‍ट्रेलिया 168 रनों के लक्ष्य का पीछा आराम से करते हुए दिख रही थी। अगले ही पल वे शिवम दुबे की शॉर्ट गेंदों पर आउट हो रहे थे और फिर अचानक वॉशिंगटन सुंदर हैट्रिक पर थे। भारत ने करारा ओवल T20 में 48 रनों से जीत दर्ज कर ली।
ऑस्ट्रेलिया मैच पर हावी थी। अर्शदीप सिंह का एक ओवर 15 रन का गया था, वरुण चक्रवर्ती को भी छक्के पड़े थे और भारत को मुक़ाबले में बने रहने के लिए किसी बदलाव की ज़रूरत थी। ऐसे में अक्षर पटेल पावरप्ले के अंदर गेंदबाज़ी करने आए और ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया। उन्होंने एक साधारण लेकिन असरदार योजना पर अमल किया। जो बल्लेबाज़ सीधा खेलना चाहते थे, उन्हें 5-6 मीटर की लंबाई पर गेंद डाली और जो स्वीप करना चाहते थे उन्हें फुल गेंद फेंकी।
अक्षर ने अपनी वाइड रिलीज़ का इस्तेमाल करते हुए दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए एंगल बनाया, जिससे उन्हें जगह नहीं मिल पाई। उनके 4 ओवर में सिर्फ़ आठ गेंदें ही ऑफ स्टंप के बाहर गईं। बाकी या तो स्टंप्स पर पड़ीं या बल्लेबाज़ के पीछे आईं। एक भी गेंद ऐसी नहीं थी जिस पर बल्लेबाज़ बैकफुट पर जाकर आक्रामक शॉट खेल सके।
अक्षर ने मैट शॉर्ट को स्वीप पर आउट किया, लेकिन कमाल यह था कि उन्होंने गेंद को इतना फुल फेंका कि वह बल्लेबाज़ को इनलाइन लगी और स्टंप्स पर जाती दिखी। कप्तान को उन्होंने DRS लेने के लिए मनाया, क्योंकि अंपायर को यकीन नहीं था कि दोनों चीज़ें एक साथ संभव हैं। जॉश इंग्लिस के ख़िलाफ़ अक्षर ने उनकी आगे बढ़ने की कोशिश भांप ली और गेंद को धीमा करते हुए लंबाई पीछे कर दी।
यह स्पेल इसलिए भी अहम था क्योंकि अक्षर भारत के चौथे गेंदबाज़ के रूप में आए थे। भारत को पांचवें गेंदबाज़ के तौर पर दुबे, वॉशिंगटन सुंदर (जिन्होंने तीसरे T20 में गेंदबाज़ी नहीं की थी) और अभिषेक शर्मा में से किसी एक का इस्तेमाल करना था। भारत को रनरेट का दबाव बनाना ज़रूरी था। अक्षर ने अपने पहले तीन ओवरों में सिर्फ़ 17 रन देकर वही किया। शुरुआती नौ ओवरों में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को रोके रखा, जिससे भारत को असमान उछाल और बड़ी स्क्वेयर बाउंड्रीज़ का फ़ायदा उठाने का मौक़ा मिला। दुबे ने इसका अच्छा इस्तेमाल करते हुए समझदारी से धीमी गति वाले बाउंसर फेंके।
अक्षर की गेंदबाज़ी जितनी स्मार्ट रही, उतनी ही असरदार उनकी बल्लेबाज़ी भी रही। सीमित ओवरों का क्रिकेट फिंगर स्पिनर्स के लिए निर्दयी होता है, लेकिन अक्षर की बल्लेबाज़ी ने उन्हें भारत के T20 प्रभुत्व का अहम हिस्सा बना दिया है। करारा ओवल में उन्होंने 11 गेंदों में नाबाद 21 रन बनाए, जिससे भारत एक मज़बूत स्कोर तक पहुंचा।
दिल्ली कैपिटल्स और वनडे में लगातार बल्लेबाज़ी ज़िम्मेदारी बढ़ने के साथ अक्षर एक ऑलराउंडर के रूप में खिल उठे हैं। वह "चीट कोड" का एक हिस्सा हैं। दूसरा हिस्सा हैं हार्दिक पंड्या जो भारत को दोनों विभागों में गहराई देते हैं।
आप आसानी से ऐसी टीमों की कल्पना कर सकते हैं जो सिर्फ़ अक्षर को बल्लेबाज़ के तौर पर भी खिलाने को तैयार हों। रवींद्र जाडेजा के विपरीत, जिन्हें अक्षर से पहले भारत का T20 स्पिन ऑलराउंडर माना जाता था। अक्षर को रोक पाना आसान नहीं है। वह स्पिन को बाधित कर सकते हैं, मिडिल ऑर्डर में स्थिर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं और डेथ ओवरों में फ़िनिशर की भूमिका भी निभा सकते हैं।
यह अक्षर का आठवां "प्लेयर ऑफ़ द मैच" अवॉर्ड था, जिससे उन्होंने एक और बाएं हाथ के स्पिनर और बल्लेबाज़ युवराज सिंह को पीछे छोड़ दिया। अब भारत के लिए विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव और रोहित शर्मा ही उनसे ज़्यादा बार यह अवॉर्ड जीत चुके हैं। अगर यह सब उनकी अहमियत साबित करने के लिए काफ़ी नहीं, तो यह सोचिए भारत की मौजूदा टीम में ज़्यादातर खिलाड़ियों के लिए आपको विकल्प मिल जाएंगे। भले थोड़े कमजोर हों, लेकिन जो वही भूमिका निभा सकते हैं। मगर अक्षर जैसा कोई नहीं, जो एक साथ इतनी भूमिकाएं इतनी सहजता से निभा सके।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में वरिष्ठ लेखक हैं