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साकिब हुसैन: विराट कोहली सर को आउट करना मेरा सपना है

'मैंने हिम्मत छोड़ दी थी कि IPL नीलामी में मुझे कोई ख़रीदेगा लेकिन जैसे ही कोलकाता ने चयन किया पूरा घर भावुक हो गया'

"बैटिंग करने के लिए किट चाहिए लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे यहां तक कि बोलिंग के लिए जूते भी किसी और ने दिए थे, तो मेरे पास गेंदबाज़ बनने के अलावा कोई और चारा नहीं था।"
एक किसान का बेटा जिसने तेज़ गेंदबाज़ बनने का फ़ैसला सिर्फ़ इसलिए किया क्योंकि आर्थिक तौर पर वह कमज़ोर था। बल्ले या किट ख़रीदने के लिए पैसे नहीं थे, टेनिस गेंद से खेलते-खेलते अचानक लेदर गेंद से खेलने का मौक़ा मिला और फिर साकिब हुसैन की क़िस्मत उनकी गेंदबाज़ी रफ़्तार की ही तरह बदल गई।
कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ अपना IPL करियर शुरु करने जा रहे दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ साकिब हुसैन काफ़ी उत्साहित हैं और फ़िलहाल अपने घर गोपालगंज में तैयारी कर रहे हैं। बेस प्राइस (20 लाख रुपये) पर कोलकाता की टीम में शामिल किए गए साकिब ने ESPNcricinfo के साथ खुलकर बात की और अपने इस सफ़र को साझा किया।

रोहित सर, विराट सर और धोनी सर को बोलिंग करने के लिए बेताब

साकिब ने बताया कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन उनके साथ क्रिकेट खेलूंगा जिनको सिर्फ़ टीवी पर देखा करता था। उन्होंने कहा, "रोहित शर्मा सर, विराट कोहली सर और एमएस धोनी सर को गेंदबाज़ी करना किसी सपने से कम नहीं है। मेरा सपना है कि मैं विराट कोहली सर को आउट करूं और अपनी टीम को जीत दिला सकूं। मैं अभी 145 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से गेंदबाज़ी कर रहा हूं लेकिन मुझे उम्मीद है मैं इसे 150 के भी पार ले जाऊंगा।"
साकिब इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के नेट गेंदबाज़ भी रह चुके हैं। चेन्नई कैंप की यादें उन्होंने साझा करते हुए बताया कि कैसे वह पहली बार धोनी से मिले थे और तब धोनी ने उनसे भोजपुरी और हिंदी में बात की थी।
"चेन्नई के साथ मैं जब बतौर नेट गेंदबाज़ जुड़ा था तो पहली बार धोनी सर से मिलने का मौक़ा मिला। उन्होंने मुझसे भोजपुरी में भी बात की थी और हिंदी में भी, और तब उन्होंने मुझसे बोला था कि तुम्हारे पास अच्छा टैलेंट है, बस मेहनत करते रहो और ख़ुद पर भरोसा रखो सब अच्छा होगा। मेरे लिए वह समय सपने सच होने जैसा था क्योंकि उससे पहले मैं धोनी सर को बस टीवी में देखा करता था और उनके लंबे-लंबे बाल और लंबे-लंबे छक्के मारना ही याद था।"
साकिब हुसैन जब पहली बार धोनी से मिले
19 वर्षीय दाएं हाथ का ये तेज़ गेंदबाज़ उसी गोपालगंज से आता है जहां से भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ मुकेश कुमार आते हैं। साकिब ने कहा, "मुकेश भैया से मुझे न सिर्फ़ प्रेरणा मिली है बल्कि वह मुझे छोटे भाई की तरह प्यार करते हैं और हमेशा मुझे बेहतर बनाने के लिए समझाते रहते हैं। मुझे जब भी कुछ पूछना होता है फिर चाहे वह गेंदबाज़ी के लिए हो या फ़िटनेस के लिए, मैं उनसे बात करता हूं और वह हमेशा मेरी मदद करते हैं।"
साकिब ने यह भी बताया कि कैसे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) और उनके अध्यक्ष राकेश तिवारी ने हमेशा उनका समर्थन किया है। यहां तक कि साकिब के पास जो बैटिंग किट है वह भी उन्हें BCA की ही तरफ़ से मिली है।
उन्होंने कहा, "BCA का मैं हमेशा शुक्रगुज़ार रहूंगा, आज मैं जहां हूं उसमें राकेश तिवारी जी का भी बहुत बड़ा योगदान है। पहली बार मैं गोपालगंज में ही एक टूर्नामेंट में खेल रहा था, जहां पहली बार उन्होंने मुझे गेंदबाज़ी करते देखा था और फिर उन्होंने मुझे बोला कि जिस भी तरह की ज़रूरत हो, मुझसे बोलना मैं मदद करूंगा। मुझे मेरी ज़िंदगी का पहला बैटिंग किट भी BCA की ही तरफ़ से मिला था।",

पुरानी लेदर गेंद को मैं टेनिस गेंद समझ कर फेंकता हूं

साकिब के करियर की शुरुआत भी भारत में हर उस दूसरे या तीसरे लड़के की ही तरह हुई, जो टेनिस गेंद से गली, मुहल्ले या स्थानीय प्रतियोगिता में खेलता है। साकिब भी पहले टेनिस गेंद से ही खेला करते थे और उसी दौरान उनकी इस क़ाबिलियत को एक स्थानीय कोच टुन्ना भैया ने परखा, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। साकिब उस पल को आज भी याद करते हैं और यहां तक पहुंचने में उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकते। इसके अलावा रॉबिन ने भी उनकी काफ़ी मदद की।
साकिब ने कहा, "टेनिस गेंद और लेदर गेंद का फ़र्क़ मुझे रॉबिन भैया ने सिखाया। लेदर गेंद को कैसे नियंत्रण करना होता है, सीम क्या होती है, स्विंग कैसे होती है ये सब मुझे उन्होंने ने ही बताया।"
साकिब के करियर को एक नई दिशा स्वर्गीय टुन्ना भाई की क्रिकेट ऐकेडमी (टुन्ना गिरी क्रिकेट ऐकेडमी) में मिली और वहां से वह पूरी तरह बदल गए। साकिब ने कहा, "स्वर्गीय टुन्ना भैया मेरी गेंदबाज़ी देखकर काफ़ी प्रभावित हुए और उन्होंने मुझे अपनी ऐकेडमी में आने को कहा। पास में ही उनकी क्रिकेट ऐकेडमी थी फिर मैं वहां गया तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम टेनिस से नहीं लेदर गेंद से खेलो और जो मदद चाहिए मैं करूंगा। वहां मेरी गेंदबाज़ी काफ़ी निखर गई थी फिर उसके बाद पटना में आयोजित बिहार क्रिकेट लीग (BCL) में भी मुझे खेलने का मौक़ा मिला और वहां मेरे प्रदर्शन से प्रभावित होकर मुझे बिहार की टीम में भी मौक़ा मिला और फिर मैंने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में भी बिहार का प्रतिनिधित्व किया।"
साकिब ने फिर वहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा और आख़िरकार IPL में भी उन्हें अवसर मिल गया।

IPL नीलामी में मैंने हिम्मत छोड़ दी थी

साकिब के साथ बिहार के एक और खिलाड़ी बिपिन सौरभ भी IPL 2024 नीलामी का हिस्सा थे। नीलामी क़रीब-क़रीब ख़त्म होने के कगार पर थी लेकिन तब तक इन दोनों खिलाड़ियों को किसी टीम ने नहीं ख़रीदा था। साकिब को तो आख़िरकार कोलकाता ने बेस प्राइस पर अपने साथ जोड़ लिया लेकिन बिपिन अनसोल्ड रह गए। साकिब बताते हैं कि उन्होंने भी हिम्मत छोड़ दी थी।
साकिब ने कहा, "मुझे लगा था कि अब कोई नहीं ख़रीदने वाला और फिर मैंने अपने आप को तसल्ली दी कि कोई बात नहीं बिहार के होने के बावजूद यहां तक आए, यही बड़ी बात है। घर के सारे लोग मायूस बैठे थे तभी रॉबिन भैया का कॉल आया और उन्होंने बताया कि मुझे कोलकाता ने ले लिया है। मुझे और मेरे घर वालों को पहले यक़ीन नहीं हुआ और मैंने बोला कि मज़ाक मत करिए लेकिन फिर सच पता चला तो पूरा घर भावुक हो गया था।"
साकिब हुसैन के साथ पूरी बातचीत वीडियो इंटरव्यू में देखिए यहां

सैयद हुसैन ESPNCricinfo हिंदी में मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं।@imsyedhussain