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डुप्लेसी और बदानी ने बताया DC क्यों प्लेऑफ़ तक नहीं पहुंच पाया

IPL 2025 में पहले चार मैच लगातार जीतने के बाद, इस कारण से DC की टीम को प्लेऑफ़ की रेस से बाहर होना पड़ा

ESPNcricinfo स्टाफ़
22-May-2025 • 5 hrs ago
दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने अपनी IPL 2025 मुहिम की शुरुआत चार लगातार जीतों के साथ की थी। पहले छह मुक़ाबलों में उन्हें सिर्फ़ एक बार हार मिली। लेकिन बुधवार को मुंबई इंडियंस (MI) के ख़िलाफ़ 59 रन की हार उनके पिछले छह मुक़ाबलों में पांचवीं शिकस्त थी। इसी के साथ उनकी प्लेऑफ़ में पहुंचने की उम्मीदें भी टूट गईं।
टीम के हेड कोच हेमंग बदानी ने माना कि टूर्नामेंट से बाहर होने की एक बड़ी वजह उनकी ओपनिंग जोड़ी रही। सीज़न की शानदार शुरुआत के दौरान भी DC ने तीन अलग-अलग ओपनिंग कॉम्बिनेशन आज़माए थे। पहले फ़ाफ डुप्लेसी और जेक फ्रेज़र-मक्गर्क, फिर फ्रेज़र-मक्गर्क और केएल राहुल, और उसके बाद अभिषेक पोरेल और फ्रेज़र-मैकगर्क को आज़माया गया। सीज़न के अंत तक उन्होंने चार और नई ओपनिंग जोड़ियां इस्तेमाल कीं। DC के ओपनर्स का सीज़न में औसत 19.23 रहा, जो सभी टीमों में सबसे कम था।

बदानी ने मुंबई में कहा, "एक सेट ओपनिंग जोड़ी तभी बन सकती है जब वो शुरुआत में रन दें। अगर शुरुआत नहीं मिलती, तो आपको बदलाव करने ही पड़ते हैं ताकि उस खाली जगह को भरा जा सके। जबकि दूसरी टीमें पॉवरप्ले में बेहतरीन बल्लेबाज़ी कर रही थीं, हम वो नहीं कर पाए। ओपनिंग हमारे लिए चिंता का विषय रहा।"
करुण नायर को DC ने सीज़न के पांचवें मुक़ाबले में टीम में शामिल किया था और उन्होंने दिल्ली में MI के ख़िलाफ़ तीसरे नंबर पर खेलते हुए 40 गेंदों में 89 रन की शानदार पारी खेली थी। इसमें उन्होंने पॉवरप्ले के आख़िरी ओवर में जसप्रीत बुमराह के ख़िलाफ़ 18 रन बटोरे थे। यह पारी काफ़ी चर्चित रही। लेकिन इसके बाद खेले छह मैचों में नायर तीन बार सिंगल डिजिट में आउट हुए, जिसमें दो बार वो खाता भी नहीं खोल पाए, और एक बार सिर्फ़ 31 रन बनाए। इनमें से दो मैचों में उन्हें ओपनिंग करने भेजा गया।

>इसी तरह, राहुल ने सीज़न की शुरुआत चौथे नंबर पर की थी लेकिन बाद में उन्हें ओपनिंग और तीसरे नंबर पर भेजा गया। DC के गेंदबाज़ी कोच मुनाफ़ पटेल के मुताबिक़, राहुल ने खुद गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ दिल्ली में ओपनिंग करने की मांग की थी, और तब उन्होंने नाबाद 112 रन बनाए थे। इसके बाद वो मुंबई में भी ओपनिंग करने उतरे।
बदानी ने कहा, "आप चाहते हैं कि खिलाड़ी खेल को पढ़ें और उसी के हिसाब से खेलें। ज़्यादातर खिलाड़ी इतने अनुभवी हैं कि उन्हें ज़्यादा कुछ सिखाने की ज़रूरत नहीं होती। करुण नायर जैसे खिलाड़ी जो दो-तीन साल बाद IPL में लौटे हैं, वो भी अनुभवी हैं। हां, कुछ युवा खिलाड़ियों को सही जानकारी और उनकी भूमिका के बारे में बताना ज़रूरी होता है।"
उन्होंने आगे कहा, "जैसे फ़ाफ, केएल और करुण जैसे खिलाड़ियों के साथ आप केवल मैच-अप्स की बात करते हैं। किस गेंदबाज़ को टारगेट कर सकते हैं, पॉवरप्ले में कितने रन चाहिए, सतह के हिसाब से लक्ष्य क्या हो सकता है और उसे कैसे हासिल किया जा सकता है। उन्हें बैटिंग सिखाने की ज़रूरत नहीं होती।"
MI ने बुधवार को अपने आख़िरी दो ओवरों में मुकेश कुमार से 27 और दुश्मंता चमीरा से 21 रन बटोरे और DC को जीत के लिए 181 रनों का लक्ष्य दिया। यह पिच शॉट खेलने के लिए अनुकूल नहीं थी। सूर्यकुमार यादव ने नाबाद 73 (43) रन की पारी में तीन छक्के और दो चौके लगाए, वहीं नमन धीर ने आख़िरी दो ओवरों में 8 गेंदों में नाबाद 24 रन बनाए, जिसमें दो चौके और दो छक्के शामिल थे।
दिल्ली कैपिटल्स के कार्यवाहक कप्तान डुप्लेसी ने बताया कि मुंबई इंडियंस (MI) की बल्लेबाज़ी के दौरान अंतिम दो ओवरों में उनकी टीम का मोमेंटम टूट गया, जबकि उससे पहले 17-18 ओवर तक वे बेहतरीन गेंदबाज़ी कर रहे थे। इसका नतीजा यह रहा कि उन्हें वानखेड़े स्टेडियम में 59 रन से हार झेलनी पड़ी।
डुप्लेसी ने मैच के बाद कहा, "मुझे लगा कि हमने फ़ील्ड में आज बेहतरीन प्रदर्शन किया। लड़कों ने अच्छी जुझारूपन दिखाई। ज़ाहिर है, बल्लेबाज़ी के लिए यह आसान पिच नहीं थी, जिससे गेंदबाज़ों का काम थोड़ा आसान हो गया। लेकिन फिर भी, यह एक बहुत मज़बूत बल्लेबाज़ी क्रम है (MI का), और मुझे लगा कि हमने बेहतरीन प्रदर्शन किया। और फिर आख़िरी दो ओवरों में हमने वह फिसलने दिया... क्रिकेट में मोमेंटम एक महत्वपूर्ण चीज़ होती है। आख़िरी दो ओवरों में उन्होंने जिस तरह से पलटवार किया और लगभग 50 रन बना डाले, वह हमें बहुत भारी पड़ा। 17-18 ओवरों तक जो मेहनत की थी, उस सबका मोमेंटम हमने खो दिया।"
DC पर इस मैच में जीत का दबाव था क्योंकि इस मुक़ाबले से पहले वे अंक तालिका में MI से एक अंक पीछे थे, और बुधवार से पहले अपने पिछले पांच में से चार मुक़ाबले हार चुके थे। इसके अलावा, उनके नियमित कप्तान अक्षर पटेल भी इस मैच से पहले बीमारी के चलते बाहर हो गए, जिनकी वानखेड़े जैसी पिच पर अहम भूमिका हो सकती थी। डुप्लेसी ने कहा कि यहां मिचेल सैंटनर ने 4 ओवर में 11 रन देकर 3 विकेट लिए, जिससे अक्षर की कमी और ज़्यादा खली।
उन्होंने कहा, "मैं इस बात में यक़ीन करता हूं कि मोमेंटम को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। जब आप अच्छा खेल रहे होते हैं तो सब कुछ आपके पक्ष में जाता है। और हमें ऐसा लगा कि पिछले कुछ मैचों से हम उस मोमेंटम को फिर से पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दोनों विभागों में बुनियादी चीज़ें अच्छी तरह नहीं कर पाए।"