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फ़ीचर्स

अंडर-19 विश्व कप विजेता लड़कियां, जो अब भविष्य में सितारा बनकर चमकेंगी

भारतीय महिलाओं का यह पहला विश्व कप ख़िताब है

अंडर-19 टी20 विश्व कप ट्रॉफ़ी के साथ शेफ़ाली  •  ICC/Getty Images

अंडर-19 टी20 विश्व कप ट्रॉफ़ी के साथ शेफ़ाली  •  ICC/Getty Images

भारत जब भी विश्व कप जीतता है, चीज़ें बदलती हैं। ऐसा हमेशा होता आ रहा है, फिर चाहे कपिल देव का 1983 विश्व कप जीत हो या फिर महेंद्र सिंह धोनी द्वारा 2007 और 2011 की विश्व कप जीत। इससे ना सिर्फ़ भारत का क्रिकेट स्तर सुधरा बल्कि खेल की आर्थिक स्थिति को भी फ़ायदा हुआ। इसलिए ज़रूरी है कि भारत विश्व कप जीतता रहे।
बेहतरीन कप्तान
इस टीम में शेफ़ाली वर्मा का जुड़ाव एक मास्टरस्ट्रोक था। उनकी उपस्थिति ने टीम को अनुभव और नेतृत्व दोनों दिया।
शानदार उपकप्तान
दिल्ली की श्वेता सेहरावत टीम की उपकप्तान थीं और उन्होंने टूर्नामेंट में सर्वाधिक 297 रन और सर्वाधिक बाउंड्री (50 चौके और दो छक्के) बनाए। जहां अधिकतर बल्लेबाज़ों ने लेग साइड और सीधी बाउंड्री पर रन बनाए, श्वेता ने सीधी बाउंड्री को निशाना बनाया।
स्पिन तिकड़ी
जब भी भारतीय टीम में तीन स्पिनर्स आते हैं, टीम के लिए बेहतरीन होता है। मन्नत कश्यप, पार्शवी चोपड़ा और अर्चना देवी ने इस टीम के लिए कुछ ऐसा ही किया। जहां मन्नत ने अपने बाएं हाथ के स्पिन से टीम को सटीकता प्रदान किया, वहीं पार्शवी ने अपने लेग ब्रेक और गुगली से बल्लेबाज़ों को बांधे रखा। ऑफ़ स्पिनर अर्चना देवी तो अपनी सीधी गेंदों के साथ कमाल की थीं।
तेज़ गेंदबाज़ी
फ़ाइनल में प्लेयर ऑफ़ द मैच रहीं तितास साधु ने छह में से पांच बार अपने ओपनिंग स्पेल में विकेट लिया। वह अपनी लाइन और लेंथ में निरंतर थीं और चीज़ों को एकदम सरल रखते हुए अपना काम करती गईं।
विकेट के पीछे सुरक्षित हाथ
बल्लेबाज़ी की दृष्ठि से यह ऋचा घोष के लिए यह एक शांत टूर्नामेंट था और उन्होंने चार पारियों में सिर्फ़ 93 रन बनाए। यूएई के ख़िलाफ़ उन्होंने 49 का स्कोर ज़रूर बनाया लेकिन उनका कम से कम चार बार कैच छूटा। हालांकि विकेट के पीछे उनका अनुभव बहुत काम आया। उन्होंने मैदान में कप्तान शेफ़ाली की बहुत मदद की।
कमाल की कोच
भारत की पहली टी20 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और अब पहली विश्व विजेता महिला कोच नूशीन अल ख़दीर ने टीम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने टीम चयन और मैच-अप में कई रणनीतिक और सफल फ़ैसले किए। टीम की फ़ील्डिंग भी टूर्नामेंट बढ़ने के साथ बेहतर होती गई। टीम की सफलता में उनके योगदान को कप्तान शेफ़ाली ने भी बार-बार भावुक होकर दोहराया।

रौनक कपूर ESPNcricinfo में डिप्टी वीडियो एडिटर हैं