रिस्क लेकर आक्रमण करना
अभिषेक शर्मा का इलाका है।
चार गेंद में शून्य? यह उनके इलाके का हिस्सा है।
अगले दिन शतक तक पहुंचने के लिए तीन छक्के लगाना? यह उनका इलाका है। पहली 20 गेंद में आठ डॉट बॉल? हां यह भी दिखाता है कि उनका इलाका बढ़ा है।
IPL 2024 में बेहतरीन प्रदर्शन करके अभिषेक ने टीम इंडिया में जगह बनाई, जहां पर उन्होंने
204 के स्ट्राइक रेट से 484 रन बनाए हैं। 16 पारियों में उन्होंने 42 छक्के लगाए और 237 गेंद में 78 बाउंड्री लगाई।
आप जानते हैं कि अभिषेक से आपको क्या मिल सकता है। यह वह प्रहार है जो शर्मसार कर सकता है या आप जानते हैं यह भयानक भूल हो सकता है। यह टी20 की आवश्यकता है, जिसे भारत अपनी प्रगति में लेने की कोशिश कर रहा है, ताकि अस्थिर प्रारूप की बदलती मांगों से सामंजस्य बैठाया जा सके और पिछली पीढ़ी से आगे निकला जा सके।
एक सप्ताह पहले टी20 विश्व कप जीतने वाले सीनियर्स को चीज़ों के सही होने से पहले काफ़ी काम करना पड़ा और काफ़ी असफलताओं का सामना करना पड़ा। जो युवा अब आए हैं, वे इस तरह का बोझ नहीं रखते हैं, लेकिन वे द्विआधारी होने का ज़ोखिम भी नहीं उठा सकते हैं।
हरारे में अभिषेक का जो टेस्ट किया गया उन्होंने दिखाया कि ऐसा क्यों है। पिच IPL से बहुत दूर थी, उनके पास दूसरे छोर पर ट्रेविस हेड या हाइनरिक क्लासेन नहीं थे, और भारत पहले गेम में 116 रनों का पीछा करने में विफल रहने के बाद 0-1 से पीछे था।
हालांकि उन्होंने पहली गेंद पर गेंद को बाहर पहुंचाया, लेकिन वह स्विंंग जारी नहीं रख सके। ब्लेसिंग मुज़राबानी और टेंडई चतारा अच्छी लंबाई होने के कारण कड़ी परीक्षा लेते हैं।
अभिषेक बीट हो रहे थे और उन्होंने इस समस्या से दूर होने के लिए लगातार स्ट्राइक को बदला। जब आठवें ओर में ल्यूक जोंगवे आए तो उन्होंने मौक़े को देखा और वह 27 रन पर आउट हो गए होते लेकिन वेलिंगटन मसाकाट्जा ने उनका कैच छोड़ दिया।
अभिषेक ने मिले मिले इस जीवनदान का अच्छे से फ़ायदा उठाया। उन्होंने मैच के बाद कहा, "जब कैच छूटा तो मैंने सोचा यह मेरा दिन है। मैंने सोचा कि मुझे कुछ ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। ऋतुराज ने मुझे कह रहे थे कि तेज़ गेंदबाज़ों को मारना मुश्किल है। तो आपने देखा होगा कि मैंने जोंगवे पर अधिक शॉट नहीं खेले थे और बस दूसरे छोर पर जाने का प्रयास कर रहा था और इससे मुझे मदद मिली।"
सिकंदर रज़ा खुद को नौवें ओवर के लिए लाए और वह पारंपरिक उंगलियों के स्पिनर से बहुत अलग हैं। जब उन्होंने एक गेंद को थोड़ा छोटा किया, तो यह एक सीमर की तरह अच्छी लेंथ पर कटर फेंकने जैसा था, लेकिन अभिषेक ने गेंद को तेज़ी से हिट किया। अगली गेंद पर सक्रियता दिखाते हुए अभिषेक ने लंबाई में समायोजन की उम्मीद करते हुए आगे बढ़कर रज़ा पर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से उठा कर मारा।
शायद किसी और दिन, वह अगली गेंद भी लॉन्च करने की कोशिश करेंगे। 9.2 ओवर में एक विकेट पर 71 रन पर भारत को बड़े हिट की ज़रूरत थी और उसके पास ऐसा करने के लिए संसाधन थे लेकिन अभिषेक जोश बचाए रखने से खुश थे।
उन्हें अधिक इंतज़ार नहीं करना पड़ा क्योंकि रज़ा ने अपनी जगह डियोन मेयर्स को लगाया। मेयर्स ने गायकवाड़ को वाइड से शुरुआत की, लेकिन कीपर से फंबल हुआ और अभिषेक स्ट्राइक पर आ गए। अभिषेक ने अगली बाउंसर गेंद पर पुल लगाकर उसको डीप स्क्वायर लेग पर सिंगल के लिए भेज दिया लेकिन ओवर थ्रो के कारण अभिषेक दोबारा स्ट्राइक पर आ गए। इसका नतीज़ा यह रहा कि अभिषेक ने अगली पांच गेंद पर 26 रन निकाल लिए। अभिषेक ने लगातार तीन छक्के लगाकर अपना शतक पूरा किया। इसके बाद उनकी तुलना रोहित शर्मा से की गई।
उन्होंने जवाब दिया, "सिक्सर किंग? अगर आप मेरे को देखेंते तो आप ऐसा नहीं सोचेंगे। मैं अपने पिता के बारे में कहना चाहूंगा। कई कोच बच्चों को बड़े शॉट खेलने से मना करते हैं लेकिन उन्होंने मुझसे हमेशा कहा कि अगर मैं कोई शॉट हवा में खेल रहा हूं तो वह बाउंड्री होना चाहिए। तो बचपन से ही मुझे लगा है कि मैं बाउंड्री लगाने वाला शॉट पूरे आत्मविश्वास के साथ लगा सकता हूं, तो मैं बस चाहता हूं कि खुद को दिखाऊं, फिर चाहे पहली गेंद हो या दूसरी गेंद।"
"आज मेरा माइंडसेट ऐसा ही था जैसा IPL और घरेलू क्रिकेट में रहा है। यह सब बस अमल में लाने वाली बात थी। यह कल से बेहतर था। बल्लेबाज़ के तौर पर मैंने खेली गई हर गेंद के बारे में सोचा। मैं देखकर रिस्क ले रहा था कि पहले ही ओवर में आक्रमण करना चाहिए या गेंद के हिसाब से खेलना चाहिए। मुझे लगता है कि आज मैं अच्छे से इसे अमल में ला पाया।"
अभिषेक एक समय 30 गेंद में 41 रन बनाकर खेल रहे थे लेकिन उन्होंने 47 गेंद में शतक लगाया जो टी20आई में भारत की ओर से संयुक्त रूप से तीसरा सबसे तेज़ शतक था।
एकांत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।