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'डैड आर्मी' पहले भी प्रभावी थी और आज भी हो सकती है

शुक्रवार को सब कुछ सीएसके के परिचित अंदाज़ में हो रहा था

जब आप अंग्रेज़ी में अपने फ़ोन में 'फ़ाफ' लिखते हैं, तो ऑटो-करेक्ट उसे 'डैड' यानि पिताजी में बदल देता है। मैं मज़ाक नहीं कर रहा हूं, आप चाहें तो ख़ुद आज़मा कर देख सकते हैं।
शुक्रवार को जब फ़ाफ़ डुप्लेसी ने चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए अपना 100वां मैच खेला तो कुछ हद तक वह डैड डुप्लेसी नज़र आ रहे थे। जब सीएसके की पारी अपने अंतिम चरण में थी तब दो-दो रन भागने पर उनकी सांस फूल रही थी और जब वह धीमी गति की गेंदों पर बल्ला चला रहे थे तब थकान के कारण वह ताक़तवर शॉट नहीं लगा पा रहे थे।
यह इसलिए भी हो सकता है क्योंकि डुप्लेसी ने दुबई में 36 डिग्री की गर्मी में 20 ओवर बल्लेबाज़ी की थी लेकिन फ़िलहाल हम 'डैड कथा' के साथ जुड़े रहते हैं। डुप्लेसी सीएसके की प्लेइंग XI में 35 वर्ष से ज़्यादा की उम्र वाले पांच खिलाड़ियों में से एक हैं और इस टीम के लिए 100 मैच खेलने वाले चौथे खिलाड़ी। इन दोनों मापदंड़ों को पूरा करने वाला एक और खिलाड़ी डगआउट में बैठा था।
जैसे ही आईपीएल 2021 का फ़ाइनल अपने अंत के क़रीब पहुंचा और सीएसके ने अपना चौथा ख़िताब जीता, एक युग समाप्त होता दिख रहा था। महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना, ड्वेन ब्रावो, डुप्लेसी, रवींद्र जाडेजा - इनमें से कुछ खिलाड़ी अगले सीज़न भी पीली जर्सी में खेलते नज़र आ सकते हैं, लेकिन ये सभी एक साथ अब शायद ही होंगे।
एक बड़ी नीलामी और टूर्नामेंट में दो नई टीमों के आगमन से यह संभावना है कि सीएसके पिछली बार की तरह इस बार परिचित चेहरों से भरी एक टीम इकट्ठा नहीं कर पाएगी। साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या वह अपनी पुरानी रणनीति को दोहराना चाहते हैं क्योंकि जब 2018 में इन खिलाड़ियों को पहली बार टीम में जोड़ा गया था, तभी से इनकी आयु को ध्यान में रखते हुए सभी ने इन्हें "डैड आर्मी" कहना शुरू कर दिया था।
जब मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उनसे पूछा गया कि क्या यह सच में एक युग का अंत है, तो सीएसके के मुख्य कोच स्टीवन फ़्लेमिंग ने कहा, "शायद, हम नहीं जानते। यह एक भावुक पल है। जब आप नीलामी चक्र के अंत तक पहुंचते हैं तो आपको कुछ खिलाड़ी वापस नहीं मिलेंगे। चेन्नई में हमेशा एक प्रणाली और विश्वास रहा है कि अगर आप खिलाड़ियों को साथ जोड़े रखते है तो आप उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकाल सकते हैं। यहां कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो लंबे समय से हमारे साथ हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में चीज़ें किस प्रकार बदलती है। अधिकांश टीमों में बदलाव होने वाला और और हम भी उन टीमों में से एक होंगे लेकिन फ़िलहाल कुछ भी कह पाना जल्दबाज़ी होगी।"
एक कोच के लिए उन खिलाड़ियों के समूह को अलविदा कहना बहुत कठिन होगा जिन्हें वह इतनी अच्छी तरह से जानता है। यह और भी ज़्यादा कठिन होगा क्योंकि पिछले चार वर्षों में टीम ने दो ख़िताब जीते और एक बार फ़ाइनल में हारे। सभी टीमें बदलाव से गुज़रती है लेकिन आईपीएल में यह बदलाव कभी भी और कहीं से भी आ सकते है।
इसलिए ऐसा भी हो सकता है कि 86 रनों की मैच जिताऊ पारी खेलकर टीम को चौथी ट्रॉफ़ी जीताने वाले डुप्लेसी इस टीम के लिए फिर कभी खेले ही ना। अगर ऐसा होता है तो उन्होंने शानदार अंदाज़ में अपने सीएसके करियर को अंजाम तक पहुंचाया है। इस सीज़न में 600 रन बनाने के साथ-साथ उन्होंने हर बार टीम को बढ़िया शुरुआत दिलाई और आने वाले बल्लेबाज़ों के लिए बड़े स्कोर की नींव रखी।
पिछले दो सालों में डुप्लेसी को शीर्ष क्रम में तेज़ गेंदबाज़ों की ख़िलाफ़ आक्रमण करने की ज़िम्मेदारी दी गई, जिसे उन्होंने बख़ूबी ढंग से निभाया। तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ वह 150 से अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे थे।
शुक्रवार को भी उन्होंने यही काम किया। कोलकाता नाइट राइडर्स के सबसे तेज़ गेंदबाज़ लॉकी फ़र्ग्युसन को आड़े हाथों लेकर उन्होंने 16 गेंदों में 40 रन बटोरे जबकि अन्य बल्लेबाज़ों ने स्पिनरों पर आक्रमण किया। यह रणनीति पहले भी कारगर साबित हुई थी और फ़ाइनल में फिर एक बार सीएसके ने इसका मुज़ाहिरा दिया।

कार्तिक कृष्णस्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।