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IPL 2025 : ख़रीदे जाने के बाद अपना नाम वापस लेने पर विदेशी खिलाड़ियों पर लगेगा 2 साल का प्रतिबंध

अगर कोई विदेशी खिलाड़ी बड़ी नीलामी में पंजीकरण नहीं कराता है तब उसे छोटी नीलामी का हिस्सा बनने नहीं दिया जाएगा

अगर कोई विदेशी खिलाड़ी IPL की नीलामी में ख़रीदे जाने के बाद बिना किसी ठोस वजह के ख़ुद को IPL के किसी सीज़न के लिए अनुपलब्ध बताता है तो ऐसे खिलाड़ी पर दो साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके इतर छोटी नीलामी में विदेशी खिलाड़ी का प्राइस टैग सबसे ज़्यादा रिटेंशन प्राइस (18 करोड़) या बड़ी नीलामी की सबसे बड़ी बोली से अधिक नहीं होगा।
जैसा कि अगस्त में ESPNcricinfo ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि IPL की सभी फ़्रैंचाइज़ी ने जुलाई में IPL गवर्निंग काउंसिल के समक्ष यह मांग रखी थी कि नीलामी में ख़रीदे जाने के बाद ख़ुद को अनुपलब्ध करने वाले खिलाड़ियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
रिटेंशन नियमों को साझा करते हुए IPL ने कहा, "कोई भी खिलाड़ी जो नीलामी के लिए ख़ुद को पंजीकृत करता है और नीलामी में ख़रीदे जाने के बाद वह सीज़न की शुरुआत से पहले ख़ुद को अनुपलब्ध बता देता है तब उसे अगले दो सीज़न के लिए IPL खेलने या IPL नीलामी में हिस्सा लेने से रोक दिया जाएगा।"
हालांकि अगर खिलाड़ी चिकित्सीय या चोट के कारणों से अनुपलब्ध रहता है तो ऐसी स्थिति में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी लेकिन इस संबंध में खिलाड़ी के होम बोर्ड से भी पुष्टि की जाएगी।

छोटी नीलामी में विदेशी खिलाड़ियों के लिए अधिकतम फ़ीस

IPL ने फ़्रैंचाइज़ी के इस प्रस्ताव को भी स्वीकारा है कि विदेशी खिलाड़ियों का बड़ी नीलामी में पंजीकरण अनिवार्य होगा। फ़्रैंचाइज़ी ने यह तर्क दिया था कि इससे खिलाड़ी सिर्फ़ बड़ी धनराशि पाने की लालच से छोटी नीलामी में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। छोटी नीलामी में टीमें अमूमन कुछ ख़ास खिलाड़ियों पर बड़ा दांव खेलती हैं।
इसकी एक बानगी 2024 सीज़न की नीलामी में भी देखने को मिली थी जब कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और सनराइज़र्स हैदराबाद (SRH) ने क्रमशः मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस के लिए बड़ी बोली लगाई थी। कमिंस को 20.50 करोड़ जबकि स्टार्क को 24.75 करोड़ में ख़रीदा गया था।
इस स्थिति को दोहराने से रोकने के लिया IPL ने दो तरह की रणनीति अपनाई है। पहला तो यह कि अगर किसी विदेशी खिलाड़ी ने बड़ी नीलामी में ख़ुद को पंजीकृत नहीं किया है तब उसे छोटी नीलामी में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा।
"विदेशी खिलाड़ी को बड़ी नीलामी के लिए ख़ुद को पंजीकृत करना होगा। अगर खिलाड़ी ऐसा नहीं करता है तो उसे अगली छोटी नीलामी में हिस्सा लेने से वंचित रहना पड़ेगा। इस मामले में सिर्फ़ चोट या चिकित्सीय स्थिति को अपवाद माना जाएगा जिसकी पुष्टि खिलाड़ी के होम बोर्ड से की जाएगी।"
IPL ने छोटी नीलामी में विदेशी खिलाड़ी के लिए अधिकतम फ़ीस का प्रावधान भी लागू करने का निर्णय लिया है।
"किसी विदेशी खिलाड़ी की छोटी नीलामी की फ़ीस अधिकतम रिटेंशन प्राइस (18 करोड़) या बड़ी नीलामी में लगाई गई अधिकतम बोली से कम होगी। अगर बड़ी नीलामी में सबसे बड़ी बोली 20 करोड़ की लगती है तब कैप (छोटी नीलामी में विदेशी खिलाड़ी की अधिकतम फ़ीस) 18 करोड़ होगा। अगर बड़ी नीलामी में अधिकतम बोली 16 करोड़ की लगती है तब यह कैप 16 करोड़ का होगा।"
मतलब अगर बड़ी नीलामी में अधिकतम बोली अधिकतम रिटेंशन प्राइस से अधिक रहती है तब ऐसी स्थिति में छोटी नीलामी में विदेशी खिलाड़ी की अधिकतम फ़ीस, अधिकतम रिटेंशन प्राइस (18 करोड़) ही होगी। अगर किसी खिलाड़ी को इससे अधिक राशि में ख़रीदा जाता है तो शेष राशि को BBCI के पास जमा किया जाएगा जिसका उपयोग खिलाड़ियों के हित में किया जाएगा।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के कंसल्टेंट सब एडिटर नवनीत झा ने किया है।