फ़ीचर्स

आंकड़े झूठ नहीं बोलते : हर्षल पटेल के विकेट झटकने का 'स्लो' राज़

दिल्ली के इस गेंदबाज़ की रफ़्तार से कोहली और मैक्सी को लगता है डर !

विकेट लेने के बाद जश्न मनाते हुए हर्षल पटेल  •  BCCI

विकेट लेने के बाद जश्न मनाते हुए हर्षल पटेल  •  BCCI

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 का आख़िरी लीग मुक़ाबला रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) और दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) के बीच शुक्रवार को खेला जाएगा। दोनों टीमें प्लेऑफ़ से पहले इसे एक बेहद महत्वपूर्ण तैयारी के तौर पर देख रही हैं, तो चलिए हम भी नज़र डालते हैं कि क्या कहते हैं आंकड़े।

अश्विन-अक्षर के ख़िलाफ़ कोहली का 'विराट' प्रदर्शन

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की धीमी पिचों पर दिल्ली की ताक़त है उनके दो बेहतरीन स्पिनर आर अश्विन और अक्षर पटेल। लेकिन विराट कोहली के सामने इन दोनों ही गेंदबाज़ों का आंकड़ा कुछ और कहानी बयां करता है। कोहली ने अश्विन के ख़िलाफ़ जहां 162 की औसत से 20 पारियों में 127 गेंदों पर 162 रन बनाए हैं, तो अक्षर के ख़िलाफ़ उन्होंने आठ पारियों में 64 की औसत से 64 रन हैं। कोहली बस एक बार ही इन दोनों के ख़िलाफ़ आउट हुए हैं।

मिस्टर 360 का तोड़ है अश्विन के पास

कोहली के ख़िलाफ़ भले ही अश्विन का आंकड़ा अच्छा न हो लेकिन जब सामने एबी डीविलियर्स आते हैं तो फिर अश्विन अलग स्तर पर रहते हैं। मिस्टर 360 को अश्विन ने 17 पारियों में अब तक पांच बार पवेलियन की राह दिखाई है। इस दौरान एबीडी ने 101 के स्ट्राइक और 17.8 की ओसत से 89 रन ही बना पाए हैं।

कोहली और मैक्सवेल हैं रबाडा का मनपसंद शिकार

दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ कगिसो रबाडा के लिए यूएई का लेग भले ही कुछ ख़ास न जा रहा हो लेकिन बेंगलुरु के ख़िलाफ़ ये गेंदबाज़ हमेशा आग उगलता है। रडाबा ने नौ पारियों में तीन बार विराट का शिकार किया है, जबकि उनके ख़िलाफ़ किंग कोहली 12.3 की औसत से 37 रन ही बनाए हैं। इतना ही नहीं इस सीज़न में अब तक कमाल की बल्लेबाज़ी करने वाले ग्लेन मैक्सवेल को कैसे शांत रखना है, रबाडा ये भी बख़ूबी जानते हैं। मैक्सवेल को पांच पारियों में तीन बार रबाडा ने आउट किया है, जबकि उनके ख़िलाफ़ मैक्सी 10.3 की औसत से 31 रन ही बना पाए हैं।

हर्षल 'पर्पल' पटेल की सफलता का राज़

बेंगलुरु के लिए इस सीज़न क़ामयाबी का सबसे बड़ा राज़ उनके तेज़ गेंदबाज़ हर्षल पटेल हैं। हालांकि उन्हें तेज़ गेंदबाज़ कहना कितना मुनासिब है, उसको चुनौती दे रहे हैं ये आंकड़े। हर्षल फ़िलहाल 29 विकेट लेकर इस सीज़न लगातार पर्पल कैप अपने सिर पर पहने हुए हैं। लेकिन इन 29 में से 20 विकेट उन्हें धीमी गेंदों पर मिली है, और धीमी गेंदों पर एक सीज़न में सबसे ज़्यादा विकेट लेने के मामले में भी वह सबसे आगे निकल चुके हैं। इससे पहले 2020 में जयदेव उनादकट के नाम धीमी गेंदों पर सबसे ज़्यादा 19 विकेट का रिकॉर्ड था।
हर्षल ने इस सीज़न 24 ओवर धीमी गेंदें डाली हैं और इस दौरान उन्होंने 8.3 की औसत और 6.9 की इकॉनमी से 20 विकेट झटके हैं। जबकि धीमी गेंदों के अलावा उन्होंने जो 24.2 ओवर डाले हैं उसपर उन्हें सिर्फ़ नौ विकेट मिली है और इकॉनमी भी 9.9 की रही है। यानी हर्षल की सफलता की कुंजी उनकी तेज़ गेंदें नहीं बल्कि दौड़ते हुए आकर धीमी गेंदों के साथ बल्लेबाज़ों को चकमा देना है।

सैयद हुसैन ESPNCricinfo हिंदी में मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं।@imsyedhussain