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रूसो : यह शतक मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ी बात थी

रूसो ने वापसी के बाद 68 की औसत से रन बनाए हैं, जिनमें बांग्लादेश के ख़िलाफ़ सैकड़ा उनकी लगातार दूसरी शतकीय पारी थी

Rilee Rossouw fell after scoring a 56-ball 109, Bangladesh vs South Africa, T20 World Cup, Sydney, October 27, 2022

राइली रूसो अभी सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म में हैं  •  AFP/Getty Images

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी हो तो राइली रूसो जैसी। कोलपैक डील के चलते साउथ अफ़्रीका के नेशनल टीम से छह साल दूर रहने के बाद लौटने पर रूसो ने अब लगातार पारियों में टी20आई शतक जड़े हैं। इसके अलावा सात पारियों में उनके नाम एक नाबाद 96 रन की भी पारी है।
2022 के उनके आंकड़े ज़बरदस्त हैं - 68 की औसत और 184.78 के स्ट्राइक रेट से 340 रन। यह भी ध्यान रहे कि भारत के ख़िलाफ़ वह दो बार शून्य पर भी आउट हुए थे। उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में तीसरा स्थान मिला है और इस ज़िम्मेदारी पर वह खरे उतरे हैं।
टी20 क्रिकेट में उनके पांचों शतक 2019 के बाद आए हैं। 2019 तक टी20 क्रिकेट में 26.16 की औसत और 131.07 के स्ट्राइक रेट से रन बनाने वाले रूसो तब से 38.55 की औसत और 156.88 के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं। उनकी गेम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
अपने कमबैक की दूसरी ही पारी में रूसो शतक से एक शॉट पीछे रह गए थे। हालांकि इस टूर्नामेंट से पहले उन्होंने इंदौर में 48 गेंदों पर सैकड़ा लगा ही दिया था। उसके एक महीने के अंदर उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में यह कारनामा फिर से कर दिखाया है। एससीजी में उनकी भावनाएं साफ़ नज़र आई क्योंकि यह मैदान उनके लिए काफ़ी सुखद रहा है। उन्होंने यहां साउथ अफ़्रीका के लिए तीन पारियां खेली है और हर बार 50 का स्कोर पार किया है।
रूसो ने कहा, "मैं काफ़ी जज़्बाती इंसान हूं। ऐसे में इस मंच पर तिहरे फ़िगर तक पहुंचना मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ी बात थी। साउथ अफ़्रीका के लिए पुन: खेल पाने का सफ़र अपने-आप में उतार-चढ़ाव वाला रहा है। कभी-कभी सब कुछ आपके पक्ष में जाता है और यह साल कुछ ऐसा ही रहा है। मैं यहां ख़ुद को पाकर बहुत ख़ुश और गर्वित अनुभव कर रहा हूं। ऐसा मैंने सपनों में भी नहीं सोचा था।"
बांग्लादेश ने तेम्बा बवूमा को जल्दी आउट कर दिया था लेकिन रूसो ने उन्हें इसके जश्न में ज़्यादा समय बिताने नहीं दिया। अपनी आठवीं गेंद पर उन्होंने हसन महमूद को सिर के ऊपर मारकर छह रन बटोरे और अगले ओवर में मेहदी हसन की गेंदबाज़ी पर दो स्वीप द्वारा छक्के लगाए। रूसो ने बाद में कहा, "अगर मैं अपनी पारी की शुरुआत में बाउंड्री लगा लेता हूं तो इससे मेरे आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है। फिर मुझे लगता है कि मेरा दिन अच्छा होने वाला है।"
बारिश की वजह से मैच में एक छोटे विलंब से भी रूसो के लय में कोई बदलाव नहीं आया। 11वें ओवर में शाकिब अल हसन ख़ुद को आक्रमण पर लाए और रूसो ने उनकी गेंदों को दो बार लेग साइड में दर्शकों के बीच भेज डाला। विकेटकीपर नुरुल हसन एक फ़्री-हिट पर एक क़दम पीछे हट गए थे और ऐसे में पांच पेनल्टी रन बांग्लादेश के विरुद्ध गए।
शाकिब को ख़ुद को इतनी देर तक गेंदबाज़ी पर ना लाने के निर्णय पर रूसो ने कहा, "शायद हमारे फ़ॉर्म को देखते हुए वह मुझे या क्विंटन डिकॉक को गेंद नहीं डालना चाहते थे। उनकी उम्मीद रही होगी कि कोई और गेंदबाज़ हमें आउट कर सके। लेकिन वह जितनी देर से गेंदबाज़ी पर आनेवाले थे हम उतना ही तेज़ प्रहार के लिए तैयार थे।"
स्पिन के ख़िलाफ़ रूसो के आंकड़े उनकी बल्लेबाज़ी की कहानी बताते हैं। 2021 से केवल रूसो, ऐलेक्स हेल्स और मार्कस स्टॉयनिस ऐसे तीन बल्लेबाज़ हैं, जो स्पिन खेलते हुए 35 से अधिक की औसत के साथ 150 से अधिक का स्ट्राइक रेट रखते हैं। इसके पीछे का राज़ है रूसो का दुनिया भर के टी20 फ़्रैंचाइज़ क्रिकेट का अनुभव, जहां उन्हें बेहतरीन स्पिन गेंदबाज़ों का सामना करते हुए विभिन्न स्वीप शॉट खेलने में महारथ हासिल हुई है।
रूसो ने कहा, "मैं ज़रूर कह सकता हूं कि भारतीय उपमहाद्वीप में खेलने की वजह से मेरे खेल में सुधार आया है। मैं अब क्रीज़ पर ज़्यादा सहज महसूस करता हूं, बजाय आज से पांच साल पहले। आपको वैसी परिस्थितियों से ख़ुद को अभ्यस्त करवाना पड़ता है।"
रूसो ने तस्कीन अहमद के चार गेंदों पर तीन चौके लगाकर 90 के आंकड़े को तेज़ी से पार किया लेकिन शतक तक पहुंचने में कुछ अतिरिक्त गेंद लगाए और ऐसे में ख़ुद के 48 गेंदों के शतक की बेहतरी नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, "जब आप अपने देश के लिए खेलने का अधिकार गंवा देते हैं तो आपको लगता है आपका आख़िरी मौक़ा आपके हाथ से चला गया है। ऐसे में आप देश के लिए हर बार खेलने के मौक़ों को भुनाना चाहते हैं। यह एक लंबा सफ़र रहा है और उम्मीद है इसमें कई पड़ाव अभी भी बचे हैं।"

ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo में डिप्‍टी एडिटर हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के प्रमुख देबायन सेन ने किया है