टी20 विश्व कप 2021 में अपने पहले दो मैचों में दो हार के साथ भारत टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर है। रविवार को न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टीम अपने 20 ओवरों में मात्र 111 रनों का लक्ष्य दे पाई जिसे न्यूज़ीलैंड ने 5.3 ओवर शेष रहते पूरा कर लिया। टीम के कप्तान विराट कोहली ने महसूस किया कि टीम "बहादुर" नहीं थी और यहीं उनके बल्लेबाज़ों के दोहरे मन में फंसने के पीछे का बड़ा कारण था।
कोहली ने मैच के बाद प्रेज़ेंटेशन में कहा, "(मैच) काफ़ी विचित्र था। सच कहूं तो हम बल्ले और गेंद के साथ बहादुर नहीं थे। गेंद के साथ हमारे पास ज़्यादा प्रयास करने के लिए पर्याप्त रन नहीं थे लेकिन जब हम मैदान पर उतरे तब अपने शारीरिक हाव-भाव में हम सहमे हुए थे। न्यूज़ीलैंड की तीव्रता और बॉडी लैंग्वेज हमसे बेहतर थी और उन्होंने पहले ओवर से हम पर दबाव बनाया और उसे अंत तक बरक़रार रखा।"
उन्होंने आगे कहा, "जब भी हम कोई बड़े शॉट के लिए जाना चाहते थे, हमने विकेट खोया। टी20 क्रिकेट में आम तौर पर ऐसा होता है लेकिन इस बार इन शॉट के लिए जाने में हमने झिझक दिखाई।"
एक वैश्विक टूर्नामेंट में भारत के लिए खेलना प्रशंसकों की उम्मीदों के दबाव के साथ आता है और कोहली के अनुसार भारतीय टीम पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अब तक अपने दो मैचों में उस दबाव को दूर करने में क़ामयाब नहीं हो पाई है।
कोहली ने कहा, "जब आप भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं तो ज़ाहिर तौर पर लोगों को आपसे काफ़ी उम्मीदें होती हैं। यह बात सभी जानते हैं कि सिर्फ़ प्रशंसक ही नहीं बल्कि ख़ुद खिलाड़ी भी आपसे उम्मीदें लगाए बैठे हैं। हम जहां भी खेलते हैं, लोग हमारा समर्थन करने के लिए स्टेडियम में आते हैं, तो हमारे मैचों में अतिरिक्त दबाव तो होगा ही। हमने लंबे समय से इस बात को अपनाया है और जो कोई भी भारतीय टीम के लिए खेलता है, उसे इस चीज़ का सामना करना सीखना होगा। जब आप साथ मिलकर एक टीम के तौर पर उस दबाव का सामना करते हैं, तब चीज़ें आसान होने लगती है। पिछले दो मैचों में हमने ऐसा नहीं किया है जिस वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा है।"
भारत सुपर 12 चरण में अपने तीन और मुक़ाबले शेष रहते टूर्नामेंट से बाहर होने की अजीब स्थिति में पहुंच गया है। कोहली ने कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन तीन मैचों में सकारात्मक विचारधारा के साथ मैदान पर उतरे।
कोहली ने आगे कहा, "टी20 क्रिकेट खेलने का एक ही तरीक़ा है। आपको आशावादी होना होगा, सकारात्मक होना होगा, जोख़िम उठाना होगा और यही इस प्रारूप के नियम है। सिर्फ़ इसलिए कि आप भारतीय क्रिकेट टीम हैं और आपसे लोगों को उम्मीदें हैं, आप अलग तरह से इस प्रारूप को खेलना शुरू कर नहीं सकते हैं।"
"मुझे लगता है कि हमें कुछ समय के लिए ख़ुद को क्रिकेट से दूर करना होगा और टीम के लिए प्रदर्शन करने के मौक़े पर गर्व करना होगा। जब तक टीम के सदस्य ऐसा करना चाहेंगे, तो हम ठीक हो जाएंगे। इस टूर्नामेंट में खेलने के लिए बहुत सारा क्रिकेट बाक़ी है। कुछ ऐसा जिसके लिए हम सभी को और निश्चित रूप से पूरी टीम को पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए और सकारात्मक सोच के साथ मैदान पर उतरना चाहिए।"