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क्या स्नेह राणा और पूजा वस्त्रकर वह ऑलराउंडर हैं जिनकी भारत को तलाश थी?

दोनों की प्राथमिक कला गेंदबाज़ी है लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी से टीम को कई बार फ़ायदा मिला है

Pooja Vastrakar and Sneh Rana put on a record stand for the seventh wicket, Pakistan vs India, Women's World Cup 2022, March 6, 2022

पूजा वस्त्रकर और स्नेह राणा ने सातवीं विकेट के लिए रिकॉर्ड तोड़ साझेदारी की  •  AFP/Getty Images

2021 से पहले स्नेह राणा और पूजा वस्त्रकर दोनों कई दिनों के लिए भारतीय टीम से अलग रहीं। स्नेह चोट और ख़राब फ़ॉर्म के चलते वैसे ही पांच साल तक बाहर थीं, वहीं पूजा 2018 में पदार्पण के बाद ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अर्धशतक लगाने के बावजूद अक्सर चोटिल होती रहीं और टीम में निरंतर नहीं रह पाईं।
फिर आया सन 2021, जहां भारत की महिला टीम ने टी20 विश्व कप खेलने के ठीक 364 दिन बाद पहली बार साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सीरीज़ में मैदान पर क़दम उतारे। तब से लेकर 2022 विश्व कप तक भारत ने चार सीरीज़ में वनडे सीरीज़ हारी, और ऐसा लगा कि शायद विश्व कप की तैयारी अधूरी रह गई है।
लेकिन वरिष्ठ खिलाड़ी, जैसे मिताली राज और झूलन गोस्वामी, और मुख्य कोच रमेश पवार कहते रहे कि हर हार में टीम को कुछ सीखने को मिल रहा है। उनके अनुसार घर पर साउथ अफ़्रीका और विदेशी धरती पर क्रमश: इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से हारते हुए भी उन्हें पता चलता रहा कि विश्व कप में अहम भूमिका कौन से खिलाड़ी निभाएंगे।
स्नेह इंग्लैंड दौरे की "खोज" साबित हुई जब उन्होंने इकलौते टेस्ट में सातवें नंबर पर आते हुए नाबाद 80 रन बनाकर मैच को बचाया। पूजा नियमित तौर पर इन दौरों में बल्ले से योगदान देतीं रहीं और ऑस्ट्रेलिया में स्नेह ने भी ऐसा कर दिखाया। दोनों की कुशलता गेंदबाज़ी में है लेकिन निचले क्रम में आते हुए क़ीमती रन भारत के लिए अमृत से कम नहीं।
दरअसल भारत के लिए कई सालों से दीप्ति शर्मा को छोड़ कर कोई विशेषज्ञ ऑलराउंडर नहीं उभर कर आई थी, जिससे टीम छठे या सातवें स्थान से तेज़ रन की उम्मीद लगा सके। फलस्वरूप टीम के संतुलन को बनाने में मध्यक्रम में कई प्रयोग हुए और 2017 से 2022 के विश्व कप साइकल में स्मृति मांधना के सलामी जोड़ीदार और नंबर तीन के बल्लेबाज़ में कोई निरंतरता नहीं आ सकी।
इन सारी समस्याओं का संग्रह माउंट मॉन्गानुई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत के सामने पहली पारी में आता दिखा। भारत ने टॉस जीतकर स्पिनरों के विरुद्ध रास्ता खो दिया था और 17 ओवर रहते हुए स्कोर था छः विकेट पर 114। इस मुक़ाबले के लिए फ़ॉर्म में चल रहीं यास्तिका भाटिया को बाहर रखते हुए शेफ़ाली वर्मा को खिलाया गया था।
लेकिन यह रविवार रहा स्नेहा और पूजा के नाम। दोनों ने एक संभावित 200 से कम स्कोर को 244 तक पहुंचाया, और साथ ही कई रिकॉर्ड तोड़े। और आख़िर में आसानी से भारत ने इस प्रारूप में पाकिस्तान पर अपनी बादशाहत क़ायम रखते हुए अपनी 11वीं लगातार जीत दर्ज की।
प्लेयर ऑफ़ द मैच रहीं पूजा ने कहा, "जब मैं मैदान पर आई तो चारु दी (स्नेह) ने मुझसे कहा कि अब हम ही बचे हैं और हमें 50वे ओवर तक खेलना है। मुझे ऐसा लगा हमें 180-200 के स्कोर तक पहुंचना है और मैं उस लक्ष्य से खेलने लगी। लेकिन हमें पता था कि अगर हम सेट हो गए तो हम और भी रन बना सकेंगे। हमारे पास बहुत विकेट नहीं थे तो हमने तय किया कि हम 45 ओवर तक एक-दो रन लेने की कोशिश करेंगे और फिर अंत में प्रहार करेंगे।"
इस जोड़ी ने 122 में से 69 रन दौड़कर पूरे किए और साथ 12 चौके भी मारे। पूजा को तो पारी के दौरान पिंडली की मांसपेशी में ऐंठन भी होने लगी और वह बाद में मैदान पर वापस नहीं आईं। लेकिन स्नेह ज़रूर आईं और उन्होंने ओमाइमा सोहैल और नश्रा संधू दोनों को आउट किया। पाकिस्तान की पारी आख़िरकार 137 पर ही सिमट गई।
स्नेह ने कहा, "इतने साल क्रिकेट में परिश्रम के बाद आज भारत के लिए विश्व कप के मंच पर मौक़ा पाना मेरे लिए एक भावुक पल था। और जब आपकी टीम को आपसे एक अच्छे प्रदर्शन की ज़रूरत होती है और आप ऐसा कर के देते हैं तो और गर्व की बात होती है।"
पाकिस्तान शायद इस आठ टीम की प्रतियोगिता में सबसे मज़बूत टीम नहीं है लेकिन भारत स्नेह और पूजा के खेल से काफ़ी संतुष्ट होगा। साथ ही अब सबकी निगाहें उनके विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों पर जाएगी। ख़ास कर चयन के मामले में।

ऑन्नेशा घोष (@ghosh_annesha) ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।