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विश्व कप से पहले सबसे कठिन परीक्षा के लिए तैयार एशियाई धुरंधर

यूएई में मैच इतनी तेज़ गति से एक के बाद एक होते चले जाएंगे कि तापमान ठंडा तो नहीं पड़ेगा

Babar Azam practises in the nets ahead of the Asia Cup, August 25, 2022

एशिया कप से पहले नेट्स में अभ्यास करते बाबर आज़म  •  AFP/Getty Images

एशिया कप एक ऐसा टूर्नामेंट है जो भाग लेने वाली टीमों की ज़रूरतों के हिसाब से अपनी पहचान बार-बार बदलता है। यह एक ऐसा टूर्नामेंट है जो अधिक मौक़े दिए बिना एशिया के "छोटे" देशों के वित्तीय मामले में बहुत कुछ करता है।
उदाहरणस्वरूप, 2018 में खेले गए पिछले संस्करण और 2022 के एशिया कप के बीच हॉन्ग कॉन्ग ने एशिया के अन्य पूर्ण सदस्यीय टीमों के विरुद्ध कुल मिलाकर शून्य मैच खेले हैं। ओमान, कुवैत, सिंगापुर और नेपाल की स्थिति तो और भी ख़राब है।
इस विषय पर चर्चा किसी और दिन करेंगे। फ़िलहाल के लिए 2022 का संस्करण बड़ी टीमों को टी20 विश्व कप की तैयारी करने में मदद करेगा, वहीं हॉन्ग कॉन्ग उलटफेर करने का प्रयास करेगा। 2018 में भारत को हराने के क़रीब आने के बाद आश्चर्य होता है कि क्या होता अगर उन्हें खेलने के और मौक़े दिए जाते।
बड़ी टीमों के पास मौक़ों की कमी नहीं है। एशिया कप के बाद पाकिस्तान एक सीरीज़ में इंग्लैंड के विरुद्ध इतने टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलेगा जितने कुवैत एक साल में खेलता है। विश्व कप से पहले साउथ अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया, भारत आएंगे।
अफ़ग़ानिस्तान विश्व कप से पहले अभ्यास और मैच खेलने के लिए जल्दी ऑस्ट्रेलिया पहुंच जाएगा, वहीं बांग्लादेश को न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध त्रिकोणीय सीरीज़ खेलनी है। श्रीलंका सुपर 12 में पहुंचने के लिए प्रतियोगिता के पहले चरण में भाग लेगा।
यह टूर्नामेंट टीमों को विश्व कप के लिए अपनी एकादश को अंतिम रूप देने का अवसर देगा। भारत के लिए तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह चोट के चलते प्रतियोगिता से बाहर हो गए हैं। इससे अर्शदीप सिंह और आवेश ख़ान के पास अपनी दावेदारी को मज़बूत करने का मौक़ा है। पाकिस्तान को शाहीन शाह अफ़रीदी की अनुपस्थिति का सामना करना है, वहीं श्रीलंका के सभी तेज़ गेंदबाज़ों को टी20 अंतर्राष्ट्रीय में पदार्पण करना बाक़ी है।
नए कोच के साथ बांग्लादेश की चुनौती होगी कि वह जीत के मार्ग पर वापस लौटे। यह बांग्लादेश का सबसे कमज़ोर प्रारूप है और कठिन ग्रुप में होने के कारण उनके पास ग़लती करने की गुंजाइश ही नहीं है। एक ग़लती उनकी वापसी की टिकट कटा सकती है।
दौरे के पहले चार दिनों ने सभी टीमों के लिए अच्छा माहौल बना दिया है। शनिवार को अफ़ग़ानिस्तान के विरुद्ध मैच के साथ श्रीलंका मुख्य टूर्नामेंट की शुरुआत करेगा लेकिन जब भारत और पाकिस्तान रविवार को आमने-सामने होंगे तो हलचल काफी बढ़ जाएगी। इन दो टीमों के बीच दो और मुक़ाबले खेले जा सकते हैं। विराट कोहली और बाबर आज़म ने अपना खाता खोले बिना ही सुर्ख़ियां बटोर ली हैं। फ़ॉर्म के मामले में वह दो विपरित किनारों पर खड़े हैं लेकिन वे जो कुछ भी करते हैं या नहीं करते हैं, उस पर सभी का ध्यान जाता है।
सभी आलोचनाओं के बावजूद एशिया कप ने अपने अप्रत्याशित और शानदार गौरव के साथ ख़ुद को एक टूर्नामेंट के रूप में स्थापित किया है जो देता है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में मैच इतनी तेज़ गति से एक के बाद एक होते चले जाएंगे कि तापमान ठंडा तो नहीं होगा।
कोहली संभवतः ख़राब फ़ॉर्म को पीछे छोड़ सकते हैं या और बड़ी बहस को बढ़ावा दे सकते हैं, शाकिब अल हसन अपने प्रायोजक संबंधों की चिंता किए बिना मैदान पर अपना उत्तर दे सकते हैं और राशिद ख़ान और मुजीब उर रहमान की जोड़ी मेज़बान श्रीलंका का काम बिगाड़ सकती है।
अन्य खिलाड़ी विश्व कप के लिए अपनी दावेदारी को मज़बूत कर सकते हैं। अगर शाहीन की जगह टीम में आए मोहम्मद हसनैन, रोहित शर्मा को आउट कर दें? या अर्शदीप सिंह पांच यॉर्कर डालकर अंतिम ओवर में 10 रनों का बचाव कर लें? या रहमानउल्लाह गुरबाज़ टी10 का जादू टी20 में बरक़रार रखने में क़ामयाब हो जाएं?
यह बात पक्की है कि क्रिकेट उच्च कोटी का होगा। हवा में गर्मी हो या ना हो, प्रतियोगिता के प्रति सभी की रुचि बढ़ गई है। बायो-बबल के ना रहते खिलाड़ी अभ्यास मैदान पर आए समर्थकों के साथ घुल-मिल रहे हैं। यह सब इतना परिचित फिर भी इतना अलग लग रहा है। अगले दो सप्ताह, दो महीने बाद ऑस्ट्रेलिया में होने वाली ब्लॉकबस्टर फ़िल्म की छोटी सी झलक पेश करेंगे।

शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।