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अपनी पुरानी आईपीएल टीमों के ख़िलाफ़ आग उगल रहे हैं खिलाड़ी

इस सूची में वॉर्नर, राशिद, कुलदीप और चहल जैसे नाम शामिल हैं

यश झा
07-May-2022
इस साल आईपीएल की बड़ी नीलामी के बाद अधिकतर खिलाड़ियों की पुरानी फ्रैंचाइज़ी बदल गई है। अब इनमें से कई खिलाड़ी अपनी पुरानी टीमों के ख़िलाफ़ आग उगल रहे हैं। आइए डालते हैं इनमें से कुछ पर नज़र-
डेविड वॉर्नर (दिल्ली कैपिटल्स) : 92* (58) बनाम सनराइज़र्स हैदराबाद, ब्रेबोर्न स्टेडियम
डेविड वॉर्नर के साथ 2021 आईपीएल सीज़न में जो हुआ, वह अब किसी से छिपा नहीं है, जैसा कि ख़ुद वॉर्नर भी कहते हैं। 2016 में जिस टीम को उन्होंने ट्रॉफ़ी दिलाई, छह में से तीन बार ऑरेंज कैप जीतकर टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे, उसी खिलाड़ी को सनराइज़र्स हैदराबाद ने बीच सीज़न में पहले कप्तानी से हटाया और फिर उन्हें एकादश से भी बाहर कर दिया। हालांकि इसमें कहीं न कहीं वॉर्नर के ख़राब फ़ॉर्म का भी योगदान था।
आईपीएल 2021 के बाद उन्होंने फ़ॉर्म में वापसी करते हुए विश्व कप में ज़ोरदार प्रदर्शन किया और प्लेयर-ऑफ़-द-टूर्नामेंट जीतकर बताया कि उन्हें एकादश से बाहर करने का फ़ैसला ग़लत था। उनके जैसे रुतबे वाला अनुभवी खिलाड़ी किसी भी मैच में फ़ॉर्म में वापसी कर सकता था। इस बार उन्हें उनकी एक और पुरानी टीम दिल्ली कैपिटल्स (तब दिल्ली डेयरडेविल्स) ने ख़रीदा और उन्होंने इस मौक़े को दोनों हाथों से लपका।
हैदराबाद के ख़िलाफ़ मैच में जहां एक तरफ़ एक छोर से विकेट गिरते जा रहे थे, वहीं दूसरी छोर पर वॉर्नर बिना इससे प्रभावित हुए अपनी पुरानी टीम के ख़िलाफ़ मनमर्ज़ी शॉट खेल रहे थे। उन्होंने उमरान मलिक और कार्तिक त्यागी की 25 गेंदों पर 47 रन बनाए और दिल्ली को 207 रन के बड़े स्कोर तक पहुंचा दिया।
राशिद ख़ान (गुजरात टाइटंस): 31*(11) बनाम सनराइज़र्स हैदराबाद, वानखेड़े स्टेडियम
जब सनराइज़र्स हैदराबाद ने 2022 के नीलामी से पहले राशिद ख़ान को रिटेन नहीं किया तो सबको हैरानी हुई। हालांकि नई टीम गुजरात टाइटंस ने इस मौक़े का फ़ायदा उठाते हुए उन्हें नीलामी से पहले ही अपनी टीम में शामिल किया।
जब वह हैदराबाद के ख़िलाफ़ मैदान पर उतरे, तो उन्होंने 40 से ऊपर रन दिए थे। यह आईपीएल इतिहास में सिर्फ़ तीसरा ही मौक़ा था, जब राशिद ने किसी मैच में इतना रन दिए हों। बल्लेबाज़ी में उन्होंने इसकी भरपाई करते हुए 11 गेंद में 31 रन ठोक डाले।
अंतिम चार ओवरों में गुजरात को 56 रन चाहिए थे, जो राहुल तेवतिया और राशिद की साझेदारी के कारण अंतिम चार गेंदों पर 15 रन हो गए। राशिद ने इसके बाद मार्को यानसन की गेंदों पर तीन छक्के लगाते हुए अपनी टीम को एक रोमांचक जीत दिला दी।
ऋद्धिमान साहा (गुजरात टाइटंस): 68 (38) बनाम सनराइज़र्स हैदराबाद, वानखेड़े स्टेडियम
सीज़न की शुरुआत में गुजरात टाइटंस के एकादश में ऋद्धिमान साहा की जगह सुनिश्चित नहीं थी। लेकिन मैथ्यू वेड के लगातार असफल होने के बाद उन्हें मौका मिला और उन्होंने इसे दोनों हाथ से लपका।
अपनी पुरानी टीम सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ खेलते हुए उन्होंने इस सीज़न का पहला अर्धशतक बनाया और 196 रनों का पीछा करने उतरी गुजरात को एक बढ़िया शुरुआत दी। पावरप्ले में उन्होंने 18 गेंदों में 39 रन बनाए, जबकि उनके साथी शुभमन गिल ने इस दौरान सिर्फ़ 15 रन बनाए। साहा ने सिर्फ़ 28 गेंदों में अपना अर्धशतक बनाया और तब आउट हुए जब उनकी टीम को 40 गेंदों में 74 रन चाहिए थे।
गुजरात के मैच-विनिंग फ़िनिशर्स को देखते हुए यह लक्ष्य अब आसान था।
कुलदीप यादव (दिल्ली कैपिटल्स) : 4/35, ब्रेबोर्न स्टेडियम और 4/14, वानखेड़े स्टेडियम, बनाम कोलकाता नाइटराइडर्स
2019 से 2021 के बीच कुलदीप यादव ने कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए सिर्फ़ 45 ओवर किए और पांच विकेट ली। लेकिन जब इस सीज़न वह उनके ख़िलाफ़ खेल रहे थे, तो उन्होंने सिर्फ़ दो ही मैच में आठ विकेट ले लिया। वह आईपीएल 2022 में इस समय दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं।
ब्रेबोर्न में हुए पहले मैच में उन्होंने पहले श्रेयस अय्यर (54) को स्टंप कराया और फिर चार गेंदों के भीतर ही पैट कमिंस, सुनील नारायण और उमेश यादव को पवेलियन भेज दिया।
18 गिन बाद जब दोनों टीमें एक दूसरे के ख़िलाफ़ उतरीं, तो उन्होंने अपने पहले ही ओवर में बाबा इंद्रजीत और सुनील नारायण को पवेलियन भेज दिया। इसके बाद उन्होंने फिर से विपक्षी टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर को आउट किया और फिर ख़तरनाक आंद्रे रसल को भी वापसी का रास्ता दिखाया। अगर कुलदीप को इस मैच में चौथा ओवर मिला होता तो शायद वह मैच का पांचवां विकेट भी ले लेते।
युज़वेंद्र चहल (राजस्थान रॉयल्स): 2/15 बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, वानखेड़े स्टेडियम
जब युज़वेंद्र चहल को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने रिटेन नहीं किया था, तो इस पर काफ़ी चर्चा हुई थी। 2014 से 2021 के बीच उन्होंने बेंगलुरु के लिए 113 मैचों में 139 विकेट लिए थे। इस दौरान कोई भी गेंदबाज़ उनके इस विकेट टैली को पार नहीं कर सका।
जब वह इस सीज़न अपनी पुरानी टीम बेंगलुरु के ख़िलाफ़ मिले, तो उन्होंने कहर ही ढा दिया। उन्होंने सिर्फ़ दो ही विकेट लिए, लेकिन चार ओवर में सिर्फ़ 15 रन देकर उन्होंने विपक्षी बल्लेबाज़ों को बांधे रखा। विराट कोहली को रन आउट कराने में भी उनकी अहम भूमिका रही।
राहुल त्रिपाठी (सनराइज़र्स हैदराबाद): 71 (37) बनाम कोलकाता नाइटराइडर्ड, ब्रेबोर्न स्टेडियम
पिछले साल 140 के स्ट्राइक रेट से 16 पारियों में 397 रन बनाकर अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स को फ़ाइनल तक पहुंचाने वाले राहुल त्रिपाठी को कोलकाता ने रिटेन नहीं किया। हालांकि इस साल हुई नीलामी में कोलकाता ने उन्हें ख़रीदने की कोशिश की, लेकिन हैदराबाद बाज़ी मार गया।
कोलकाता के ख़िलाफ़ 176 रन का पीछा करने उतरी हैदराबाद के लिए राहुल ने सिर्फ़ 23 गेंदों में 53 रन बनाए। वह वरुण चक्रवर्ती के ख़िलाफ़ सबसे अधिक आक्रामक थे, जब उन्होंने छह गेंदों में उनके ख़िलाफ़ 19 रन बनाया, इसमें ऑफ़ साइड में दो गगनचुंबी छक्के शामिल थे।
एडन मारक्रम और निकोलस पूरन (सनराइज़र्स हैदराबाद) बनाम पंजाब किंग्स, डीवाई पाटिल स्टेडियम
एडन मारक्रम और निकोलस पूरन 2021 में पंजाब किंग्स के हिस्सा थे, लेकिन इस साल दोनों खिलाड़ियों को सनराइज़र्स हैदराबाद ने ख़रीदा। जब ये दोनों अपनी पुरानी टीम के ख़िलाफ़ मैदान में उतरे तो अलग ही रंग में नज़र आए। जब पूरन, मारक्रम का साथ देने क्रीज़ पर आए तो हैदराबाद को 57 गेंदों में 75 रन की ज़रुरत थी। उनके बाद दो युवा बल्लेबाज़ शशांक सिंह और जगदीश सुचित बल्लेबाज़ी के लिए आने वाले थे।
हालांकि पूरन और मारक्रम दोनों ने यह नौबत ही नहीं आने दी और अपनी टीम को सात गेंद शेष रहते जीत दिला दी। मारक्रम ने 27 गेंदों में 41 और पूरन ने 30 गेंदों में 35 रन बनाए।