बिशप : सूर्यवंशी की यह पारी 'दूसरी दुनिया' वाली थी
बिशप ने कहा कि इस छोटे उम्र के लड़के को संभाले रखना द्रविड़ के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती होगी
ESPNcricinfo staff
29-Apr-2025
विशेषणों की बौछार- "शानदार," "अविश्वसनीय," "दूसरी दुनिया जैसी," "बेमिसाल," "असाधारण।"
अगर आपने मिस कर दिया हो, तो ये रहे बुनियादी तथ्य: बिहार के वैभव सूर्यवंशी, जिनकी उम्र IPL 2025 शुरू होने के बाद 14 साल हुई, ने राशिद ख़ान, मोहम्मद सिराज, ईशांत शर्मा, वॉशिंगटन सुंदर, प्रसिद्ध कृष्णा, करीम जनत और आर साई किशोर जैसे गेंदबाज़ों (जिनके पास कुल मिलाकर 694 अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है) को 38 गेंदों में 101 रन ठोक दिए। यह IPL इतिहास का दूसरा सबसे तेज़ शतक था।
यह कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात रही होगी, लेकिन राजस्थान रॉयल्स (RR) के बैटिंग कोच विक्रम राठौर के लिए नहीं, जो 1.1 करोड़ रुपए में ख़रीदे गए इस खिलाड़ी को पिछले कुछ महीनों से बहुत क़रीब से देख रहे थे।
"हमने उसे नेट्स में पिछले कुछ महीनों से देखा है। हमें पता था कि वह क्या कर सकता है और कैसे-कैसे शॉट्स उसके पास हैं," राठौर ने राजस्थान रॉयल्स द्वारा गुजरात टाइटंस को आठ विकेट से हराने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा। "लेकिन ऐसे माहौल में, इतनी भीड़ के सामने, इस तरह की गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ यह करना - यह वाक़ई ख़ास था।"
RR ने 210 रन का लक्ष्य 25 गेंदें शेष रहते हासिल कर लिया।
राठौड़ ने आगे कहा, "उन्हें हमने पहली बार क़रीब चार महीने पहले देखा, जब वह ट्रायल के लिए आए था। तभी हमें अंदाज़ा हो गया था कि उनके पास कुछ बेहद ख़ास है। अब उसे निखारना और इस स्तर तक लाना हमारी ज़िम्मेदारी थी। श्रेय उन्हें जाता है कि उन्होंने अपना संयम बनाए रखा। वह ज़मीन से जुड़े हैं और उन्होंने दिखा दिया कि वह क्या कर सकते हैं।"
उन्होंने सच में दिखाया और बिशप व वरुण ऐरन ESPNcricinfo के Time Out शो पर भी शब्द ढूंढते रह गए।
बिशप कहते हैं, "आजकल ज़्यादातर फ्रेंचाइज़ियां युवा खिलाड़ियों को खुलकर खेलने का मौक़ा दे रही हैं, उन्हें बेख़ौफ़ रहने को कहा जा रहा है। यह भारतीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव है, जैसा हमने यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ियों के साथ देखा। यह बड़ा कल्चरल शिफ्ट है। पहले की पीढ़ी में कहा जाता था, 'ठीक से खेलो, दो बार फेल हुए तो बाहर!' अब चीज़ें बदल रही हैं।"
IPL 2025 के दौरान इसी कल्चर ने हमें प्रियांश आर्य, शेख़ रशीद, आयुष म्हात्रे और अब सूर्यवंशी जैसे भविष्य के सितारे दिए हैं।
"मुझे परवाह नहीं GT ने गेंदबाज़ी में क्या किया, लेकिन यह बच्चा सिर्फ 14 साल का है! जो भी गेंदबाज़ी उनके सामने की गई, उन्होंने उसे ध्वस्त कर दिया। आप उसका श्रेय उनसे नहीं छीन सकते। अब देखना यह होगा कि अगली बार विपक्ष कैसे उन्हें चुनौती देता है और वह उसका कैसे सामना करते हैं। लेकिन आज की रात की बात करें तो मुझे परवाह नहीं गेंदबाज़ों ने उसे संतरे परोसे या कुछ और...
"मैं चाहता हूं कि हम उसकी तारीफ़ में अति न करें, लेकिन आज की रात वाक़ई चौंकाने वाली थी, दूसरी दुनिया जैसी।"
एक 14 साल का बच्चा इतनी ताक़त से कैसे मार सकता है?
सूर्यवंशी ने उस रात 11 छक्के और 7 चौके लगाए, जिसमें से ज़्यादातर छक्के काफी दूर तक गए। ESPNcricinfo पर हम पहले भी बता चुके हैं कि उसके बल्ले की स्विंग में एक अलग तरह का लय है, जो शायद उसकी ताक़त की वजह है।
ऐरन बताते हैं, "अगर आप देखें कि उसका बैकलिफ़्ट कहां से शुरू होता है। यह यहां कान के पीछे से शुरू होकर लगभग कोड़े जैसे लहराता है। इस वजह से शॉट्स में उसे अतिरिक्त व्हिप मिलती है, क्योंकि यह पारंपरिक ऊपर-नीचे वाली बैकलिफ्ट नहीं है। अगर हम उसके बैकलिफ़्ट को ट्रैक करने वाले किसी उपकरण से देखें, तो बहुत दिलचस्प होगा। यही उसकी शैली को अलग बनाता है और इतनी कम उम्र में भी उसे शॉट्स में इतनी ताक़त देता है।"
जैसा ऐरन ने बताया, अगर आप उसे कल्पना में लाएं - या बस सूर्यवंशी की बल्लेबाज़ी दोबारा देखें - तो जो नाम ज़हन में आता है, वह है युवराज सिंह। बिशप के दिमाग़ में भी वही नाम आया। "पेंडुलम स्विंग! जब युवराज क्रिकेट में आए थे, तब यही स्टाइल था - पूरे स्विंग का एक्सप्रेशन।"
'राहुल द्रविड़ के लिए यह एक चुनौती है'
अब बात भविष्य की। भारतीय क्रिकेट में कई बार जल्दी सफलता के बाद लड़खड़ाने की कहानियां देखी गई हैं। राहुल द्रविड़ और राठौर जैसे लोगों के साथ रहना सूर्यवंशी कीमदद कर सकता है।
ऐरन ने कहा, "वह भाग्यशाली हैं कि राजस्थान रॉयल्स में है और राहुल द्रविड़ जैसे व्यक्ति के साथ है, क्योंकि राहुल द्रविड़ ही वह खिलाड़ी हैं जो सादगी का प्रतीक हैं। वह शायद सूर्यवंशी को बेहतर ढंग से सीखा पाएं- 'यह तो बस शुरुआत है, आराम से चलो, सिर झुकाकर आगे बढ़ो।'"
लेकिन जैसा बिशप ने बताया, सूर्यवंशी की उम्र इस मामले को और भी पेचीदा बना देती है।
वह कहते हैं, "यह पहले कभी नहीं हुआ कि 14 साल की उम्र में कोई लड़का इस स्तर पर ऐसा किया हो। यह उनके माता-पिता के साथ-साथ राहुल के लिए भी चुनौती है। अगले मैच में अगर वह रन नहीं बना पाया, तो आलोचक सामने आएंगे। इस बच्चे को अगले पांच सालों तक सही लोगों के बीच रखना होगा, ताकि इतनी कम उम्र में मिली इस सफलता के बाद कोई गिरावट न आए। इसमें उनके माता-पिता, BCCI - सभी को मिलकर विशेष प्रयास करने होंगे।"