झारखंड 132 पर 2 (उत्कर्ष 50*, सिद्दकी 42, जॉनाथन 1-29) और 880 नागालैंड 289 (बिष्ट 122*, मुंढे 39, नदीम 3-70) 723 रन पीछे
नागालैंड के लिए इस मैच में केवल एक ही बात अच्छी हुई कि उनके विकेटकीपर बल्लेबाज़ चेतन बिष्ट ने ईड गार्डन्स की पिच पर नाबाद अर्धशतक लगाया। बिष्ट की 289 गेंद में 122 रनों की नाबाद पारी की बदौलत के बाद भी 591 रन बाक़ी हैं, जबकि झारखंड ने 880 रनों का स्कोर पहली पारी में बनाया था।
लेकिन उस बड़ी बढ़त के बावजूद, झारखंड ने चौथे दिन के खेल के दूसरे सत्र के दौरान आश्चर्यजनक रूप से फिर से बल्लेबाज़ी करने का विकल्प चुना, लेकिन अंत में दूसरी पारी में दो विकेट पर 132 रन बनाकर दिन का अंत किया। झारखंड इस चौथी पारी में हावी रही और नाज़िम सिद्दीकी और उनके साथी उत्कर्ष सिंह ने पहले विकेट के लिए 63 रन की साझेदारी की। नाज़िम ने 48 गेंद में 42 रन बनाए और उत्कर्ष सिंह 50 रन पर नाबाद रहे।
सिद्दीकी की तेज़ी से रन बनाने की मंशा दूसरे ओवर से ही स्पष्ट थी, क्योंकि उन्होंने चोपिसे होपोंगक्यु की गेंद पर तीन बार बाउंड्री लगाई : एक शॉर्ट बॉल को पुल ऑफ़ करने के बाद प्वाइंट फ़ील्डर को पंच की सहायता से धकेलने में कामयाब रहे और उसके बाद मिड ऑफ़ के दायीं ओर से एक बेहतरीन कवर ड्राइव। नागालैंड के कप्तान रोंगसेन जोनाथन 31 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए।
इससे पहले, बिष्ट ने अपनी बल्लेबाज़ी क्रम के साथ अकेले लड़ाई लड़ी, जहां पर वह नागालैंड के पुछल्ले बल्लेबाज़ों के साथ काम करते दिखे। उन्होंने 46 रनों पर दिन की शुरुआत की और छठे ओवर में अपना अर्धशतक पूरा किया। बिष्ट ने अंतिम चार साझेदारी 24, 25, 45 और 35 रनों की थी, यही वजह थी कि वह अपने सातवें प्रथम श्रेणी शतक तक पहुंच पाए।
बिष्ट का किस्मत ने भी साथ दिया जब वह 85 रन के निजी स्कोर पर नदीम की गेंद पर स्वीप करने गए और यह गेंद फ़ाइन लेग और स्क्वायर लेग के बीच में हवा में जा उठी, लेकिन वह बच गए। इसके बाद 88 रन के निजी स्कोर पर वह पुल करने गए और फ़ाइन लेग की दायीं ओर दौड़ इस कैच को लपक नहीं सकी।
झारखंड वैसे भी पहली पारी में बढ़त लेने के आधार पर क्वार्टर फ़ाइनल में पहुंच चुकी है।