सुपर संडे के डबल हेडर का पहला मुक़ाबला दिल्ली कैपिटल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच होगा। आईपीएल 2022 का यह 45वां मुक़ाबला मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा, जिसे 'नॉर्थ इंडियन डर्बी' भी कहा जा रहा है। दोनों ही टीमों के सलामी बल्लेबाज़ फ़ॉर्म में हैं, तो कहीं न कहीं यह मुक़ाबला उनके ही प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। हालांकि दोनों ही टीमों में कुछ ऐसे गेंदबाज़ हैं, जो इन बल्लेबाज़ों का तोड़ रखते हैं। आइए डालते हैं इस मुक़ाबले से संबंधी ऐसे कुछ प्रमुख आंकड़ों पर नज़र :
क्या रवि बिश्नोई का तोड़ निकाल पाएंगे वॉर्नर?
शुरुआती कुछ मैचों को छोड़ दिया जाए तो डेविड वॉर्नर इस आईपीएल में ज़बरदस्त फ़ॉर्म में हैं। इस सीज़न छह पारियों में उनके नाम 52.18 की औसत और 158.18 के स्ट्राइक रेट से 261 रन हैं। हालांकि वॉर्नर के इस अच्छे दौर को समाप्त करने का माद्दा युवा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई रखते हैं। इस आईपीएल में अब तक शांत रहे बिश्नोई का वॉर्नर के ख़िलाफ़ कुछ रिकॉर्ड ही ऐसा है।
बिश्नोई, वॉर्नर को तीन पारियों में तीन बार आउट कर चुके हैं। इस सीज़न में लेग स्पिनरों के ख़िलाफ़ वॉर्नर का प्रदर्शन भी कुछ ख़ास नहीं रहा है और उन्हें कलाई के स्पिनरों ने दो बार उन्हें पवेलियन भेजा है। इस दौरान वॉर्नर उनके ख़िलाफ़ सिर्फ़ 19.5 की औसत से रन बना पाए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वॉर्नर को रोकने के लिए लखनऊ के कप्तान केएल राहुल अपने इस स्पिनर को पावरप्ले में लाते हैं या नहीं?
अक्षर कर सकते हैं कमाल
अगर दोनों टीमों के गेंदबाज़ों की बात की जाए तो अक्षर पटेल हेड-टू-हेड में सबसे सफल गेंदबाज़ नज़र आते हैं। उन्होंने शानदार फ़ॉर्म में चल रहे लखनऊ के कप्तान राहुल को चार पारियों में दो बार आउट किया है। इस दौरान राहुल उन पर सिर्फ़ आठ की औसत और 76 के स्ट्राइक रेट से रन बना पाए हैं। ऐसे में हैरानगी नहीं होगी कि ऋषभ पंत उन्हें नई गेंद सौंप दें। अक्षर ने इसके अलावा जेसन होल्डर को भी तीन पारियों में दो बार आउट किया है।
बाएं हाथ के पंत के लिए बाएं हाथ के क्रुणाल
बीच के ओवरों में दिल्ली के कप्तान और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ पंत को बाएं हाथ के स्पिनर क्रुणाल पंड्या परेशान कर सकते हैं। ऐसा क्रुणाल के हालिया फ़ॉर्म और पंत के ख़िलाफ़ उनके पुराने रिकॉर्ड को देखकर कहा जा सकता है। पिछले तीन मुक़ाबलों में सीनियर पंड्या ने फ़ॉर्म में वापसी करते हुए सिर्फ़ 4.91 की इकॉनमी से छह विकेट लिए हैं। वह इस सीज़न सुनील नारायण के बाद सबसे कंजूस गेंदबाज़ भी हैं और उनकी इकॉनमी सिर्फ़ 6.18 की है। वहीं पंत को भी वह टी20 मैचों में तीन बार आउट कर चुके हैं। तो अगर पंत के आने के बाद आपको सामने क्रुणाल दिखें तो आश्चर्य मत कीजिएगा।
क्या लॉर्ड कर पाएंगे फ़ॉर्म में वापसी?
पिछले एक साल में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में शानदार फ़ॉर्म में दिखने वाले शार्दुल ठाकुर के 'अच्छे दिन' लगता है ख़त्म हो गए हैं। यह मैं नहीं लॉर्ड ठाकुर के आंकड़े कह रहे हैं। दरअसल शार्दुल ने इस साल आठ मैच खेले हैं और उनके नाम सिर्फ़ चार विकेट हैं। इस दौरान पांच मैच ऐसे गए हैं, जिनमें उन्होंने एक भी विकेट नहीं लिया है। इस आईपीएल में उनकी औसत 64 और इकॉनमी 9.72 की रही है। पिछले तीन मैचों से तो वह लगातार कोई विकेट नहीं ले पाए हैं। ऐसे में लखनऊ के ख़िलाफ़ भी उनकी फ़ॉर्म वापसी मुश्किल ही दिख रही है।
दरअसल लखनऊ के दोनों सलामी बल्लेबाज़ों क्विंटन डिकॉक और राहुल के ख़िलाफ़ उनका रिकॉर्ड कुछ ख़ास नहीं है। जहां डिकॉक ने उनके ख़िलाफ़ 83 की औसत और 160 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, वहीं केएल राहुल के लिए यह आंकड़ा 59 और 190 का है। क्रमशः आठ और पांच पारियों में शार्दुल उन्हें सिर्फ़ एक-एक ही बार आउट कर पाए हैं, जबकि उनकी ख़ूब पिटाई हुई है। ऐसे में पंत उन्हें नई गेंद सौंपने से पहले दो बार सोचेंगे।
कुलदीप का फिर बजेगा डंका?
आप सोच रहे होंगे कि हमने अब तक इस सीज़न के हीरो रहे कुलदीप यादव की बात नहीं की तो आप बिल्कुल ठीक सोच रहे हैं। कुलदीप इस समय अपने आईपीएल करियर के सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म में हैं। उन्होंने इस सीज़न आठ मैचों में 10.5 के स्ट्राइक रेट से 17 विकेट लिए हैं, जो उनके दोस्त युज़वेंद्र चहल से मात्र एक विकेट कम है। यह कुलदीप का सर्वश्रेष्ठ आईपीएल प्रदर्शन भी है। इससे पहले उन्होंने 2018 के सीज़न में भी 17 विकेट लिए थे, लेकिन तब उन्होंने इसके लिए 16 मैच लिए थे। अभी इस सीज़न में कई मैच बाक़ी होने के कारण यह कहा जा सकता है कि वह इस रिकॉर्ड को आराम से तोड़ देंगे।
कुलदीप ने इस साल मध्य ओवरों (7-12 ओवर) में अपने 17 में से 12 विकेट लिए हैं, वहीं लखनऊ का मध्य क्रम लगातार लड़खड़ाता रहा है। आंकड़े बताते हैं कि लखनऊ की टीम अपने सलामी बल्लेबाज़ो राहुल और डिकॉक पर ज़रूरत से ज़्यादा निर्भर है और इन दोनों का योगदान टीम के स्कोर में 44.2% रहा है। दोनों सलामी बल्लेबाज़ों के 40 से कम रन बनाने पर लखनऊ की टीम ज़रूर अपना मैच हारती है। ऐसे में अगर दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ दोनों सलामी बल्लेबाज़ों को ज़ल्दी आउट कर देते हैं तो कुलदीप लखनऊ के अनुभवहीन और अनिरंतर मध्यक्रम के बल्लेबाज़ों पर टूट सकते हैं।