डेल स्टेन : हम 2015 की सेमीफ़ाइनल हार के सदमे से काफ़ी जल्दी उबर गए थे
स्टेन के अनुसार उनकी टीम 24 घंटे के भीतर ही हार के ग़म को भुला चुकी थी
श्रेष्ठ शाह
13-Nov-2023
2015 विश्व कप सेमीफ़ाइनल में साउथ अफ़्रीका को न्यूज़ीलैंड के हाथों हार मिली थी • Getty Images
इस विश्व कप से पहले साउथ अफ़्रीका आख़िरी बार 2015 के सेमीफ़ाइनल में पहुंची थी। हालांकि उन्हें न्यूज़ीलैंड के हाथों हार झेलनी पड़ी थी। उस हार के केंद्र में रहे साउथ अफ़्रीका के पूर्व क्रिकेटर डेल स्टेन ने कहा है कि तब उनकी टीम काफ़ी जल्दी ही हार के सदमे से उबर गई थी।
स्टेन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "मुझे लगता है हम 24 घंटे के भीतर ही इससे उबर चुके थे और अपने अपने रास्ते चल दिए थे। हालांकि एक टीम के रूप में दोबारा एकसाथ जुटने और ड्रेसिंग रूम में पहुंचने पर हमने इस बारे में चर्चा नहीं की थी कि कुछ महीनों पहले क्या हुआ था।"
ऑकलैंड में उस शाम को जब साउथ अफ़्रीका के वनडे क्रिकेटरों की एक गोल्डन जेनरेशन ने विश्व कप जीतने का अवसर गंवा दिया था तब स्टेन ने सबसे पहली चीज़ यही की थी कि वह पेशेवर होने के नाते अपने चेहरे पर मुस्कान ले आए थे।
स्टेन ने कहा, "मैंने ड्रेसिंग रूम में पहुंचने के बाद अपने आप से यही कहा कि यह वैसा अवसर है जहां मुझे एक पेशेवर की तरह बर्ताव करना चाहिए। मैं अपनी टीम के युवा खिलाड़ियों के पास गया। क्विंटन डिकॉक और मॉर्ने मॉर्केल काफ़ी हताश दिखाई दे रहे थे जो कि टीवी पर भी दिख रहा था। लेकिन मुझे लगा जब आप टीवी पर पब्लिक की नज़रों में होते हैं तो आपको अपनी पेशेवर छवि को बरकरार रखना चाहिए। हम सभी उस रात अपने अपने कमरों में चले गए थे और मुझे पता है कि हर एक खिलाड़ी हताश था।"
स्टेन ने आगे कहा, "अगली सुबह ग्रुप पर एक मेसेज आया और हम सभी एकसाथ नाश्ते के लिए गए और इसके बाद सबकुछ वैसा ही हो गया जैसे एक रात पहले कुछ हुआ ही नहीं है। हमने जितना जल्दी हो सके इसे सदमे से उबरने की कोशिश की।"
साउथ अफ़्रीका इस विश्व कप से पहले चार बार सेमीफ़ाइनल खेल चुकी है। 1992, 1999, 2007 और 2015 चारों बार साउथ अफ़्रीका को हार मिली। हालांकि स्टेन के अनुसार डिकॉक और डेविड मिलर को छोड़कर टीम के अन्य सदस्यों के ऊपर पिछली हारों का बोझ नहीं होगा। डिकॉक और मिलर दोनों ही 2015 विश्व कप दल का हिस्सा थे।
स्टेन ने कहा, "पहले हार चार साल में एक बार विश्व कप होता था लेकिन अब टी20 और वनडे दोनों विश्व कप खेले जाने के चलते ऐसा लगता है कि हर साल ही विश्व कप हो रहा है और इनमें से अधिकतर खिलाड़ी इन टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में मुझे लगता है कि उन्होंने हार मिलने के बाद उससे उबरना सीख लिया होगा। इस बार वे जितना हो सके तैयार हैं। ऐसा लगता होगा कि वे लंबे समय से एक बोझ को ढो रहे हैं लेकिन वह विश्व कप सिंपल चीज़ों के चलते हारे हैं, शायद नेट रन रेट लेकिन ख़राब क्रिकेट के चलते नहीं।"
श्रेष्ठ शाह ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं।