पोंटिंग का डबल, गांगुली और रोहित का जलवा : एक विश्व कप में सबसे ज़्यादा लगातार जीत का सिलसिला
लगातार नौ जीत के बाद 2003 और 2007 के ऑस्ट्रेलिया के ठीक पीछे रोहित की टीम का नाम आ चुका है

2007 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दूसरे विश्व कप में 11 मैच जीते • Getty Images
अब रोहित शर्मा की टीम को 15 नवंबर को मुंबई में न्यूज़ीलैंड का सामना करना होगा और अगर वह मैच जीते तो 19 नवंबर को उन्हें अहमदाबाद में चौथी बार वनडे विश्व कप फ़ाइनल खेलने का अवसर प्राप्त होगा।
भारत इस टूर्नामेंट में अब तक इकलौती अविजित टीम है और साथ ही अपने इतिहास में संयुक्त रूप से किसी एक टूर्नामेंट में लगातार जीतों के सिलसिले में भी सबसे आगे है। आईए पुरुष विश्व कप में सबसे बेहतरीन विनिंग स्ट्रीक पर नज़र डालते हैं।
पोंटिंग के धुरंधर (2003)
यहां से गतिशीलता को बरक़रार रखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने सुपर सिक्स में अपने तीनों मैच जीते, सेमीफ़ाइनल में एक धीमी पिच पर श्रीलंकाई स्पिनरों के विरुद्ध साइमंड्स ने फिर निर्णायक पारी खेली। आख़िरकार तीसरे विश्व कप ख़िताब पर मुहर लगाने में पोंटिंग ने ख़ुद फ़ाइनल में 140 रनों की शानदार पारी खेली। इस तरह से पहली बार पुरुष विश्व कप इतिहास में किसी टीम ने लगातार 11 मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाया।
फिर एक बार, पोंटिंग का हाहाकार (2007)
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के टूर्नामेंट के बाहर होने के बाद खेले गए सुपर 8 पड़ाव में ऑस्ट्रेलिया ने अपने छह मुक़ाबले इतने आसानी से जीते कि जीत का सबसे छोटा मार्जिन या तो सात विकेट का रहा या 103 रनों का। सेमीफ़ाइनल में अति आक्रामक होने के चक्कर में साउथ अफ़्रीका 149 पर ऑल आउट हो गया। फ़ाइनल में तब तक शांत चल रहे गिलक्रिस्ट ने अपने कोच की सलाह पर ग्लव्स में स्क्वॉश गेंद को रखकर 149 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया फिर से लगातार 11 मैच जीतकर विश्व कप जीता। हेडन (659 रन) और मैक्ग्रा (26 विकेट) इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक प्रदर्शनकर्ता रहे।
रोहित शर्मा और जीत का जश्न (2023*)
शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के साथ काफ़ी कठिन थी, ख़ासकर जब भारत जवाब में दो रन पर तीन विकेट गंवा चुका था। लेकिन वहां से विराट कोहली और के एल राहुल ने जीत की चिंगारी भड़काई, जो आगे चलते हुए सारी टीमों के लिए काफ़ी ख़ौफ़नाक साबित हुई है। न्यूज़ीलैंड से ज़रूर कड़ा मुक़ाबला मिला लेकिन कोहली और कप्तान रोहित शर्मा ने ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को आगे रखा है।
गेंदबाज़ों की भूमिका भी कम नहीं है। मोहम्मद शमी तो टूर्नामेंट में देर से शामिल हुए लेकिन आने के बाद उन्होंने सात के अविश्वसनीय औसत पर 16 विकेट झटकते हुए भारत के लिए विश्व कप का सर्वकालिक विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
जब न्यूज़ीलैंड पहुंचे टाइटल के क़रीब (2015)
इसके 23 साल बाद ब्रेंडन मक्कलम ने अपनी टीम को निर्भय अंदाज़ में क्रिकेट खेलने की प्रेरणा दी और टीम ने ज़बरदस्त तरीक़े से इसे अपनाया। ग्रुप स्टेज के छह मैच जीते गए, हालांकि ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक क़रीबी मैच में उन्होंने नौ विकेट गंवाए।
क्वार्टरफ़ाइनल में जब मार्टिन गप्टिल ने 237 नाबाद की पारी खेली और फिर सेमीफ़ाइनल में आख़िरी ओवर में ग्रांट एलियट ने छक्का लगाकर डेल स्टेन और साउथ अफ़्रीका के सपनों पर पानी फेर दिया।
फ़ाइनल में अति आक्रामक खेल के चक्कर में न्यूज़ीलैंड फ़ाइनल हार गया लेकिन इस विश्व कप में उन्होंने आठ लगातार जीत का कीर्तिमान बनाया।
दादा का वादा (2003)
देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख हैं @debayansen