पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ़ और विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी भेजी है जिसमें वनडे विश्व कप के लिए भारत दौरे की इजाज़त मांगी गई है। इस बार वनडे विश्व कप की मेज़बानी भारत को मिली है जो अक्तूबर-नंवबर में खेला जाना है। इस चिट्ठी में साफ़ तौर पर ये पूछा गया है कि क्या उन्हें भारत जाने की इजाज़त है और अगर है तो फिर पाकिस्तानी सरकार की तरफ़ से सुरक्षा की जांच के लिए भारत एक टीम भेजी जाए।
26 जून को पीसीबी ने ये चिट्ठी पाकिस्तान सरकार को लिखी है क्योंकि भारत जाने के लिए पहले सरकार की इजाज़त ज़रूरी है। हालांकि पीसीबी की तरफ़ से सरकार को किसी तरह की कोई डेडलाइन नहीं दी गई है लेकिन पाकिस्तान टीम बिना सरकार की इजाज़त के भारत का दौरा नहीं कर सकती है। पीसीबी ने वनडे विश्व कप का कार्यक्रम भी सरकार के साथ साझा किया है, जहां पाकिस्तान के अलग-अलग पांच शहरों में लीग स्टेज के नौ मुक़ाबले खेलने हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच 15 अक्तूबर को अहमदाबाद में मुक़ाबला प्रस्तावित है।
पीसीबी ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के साथ बातचीत में कहा, "विश्व कप के कार्यक्रम की घोषणा के बाद ही हमने मंगलवार को पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ़ को चिट्ठी लिखी है और इसे विदेश मंत्रालय के साथ-साथ इंटर-प्रोविंशियल को-ऑर्डिनेशन मंत्रालय (आईपीसी) को भी भेजा है ताकि जल्द से जल्द हमें इजाज़त मिल सके।"
भारत का दौरा और जिन मैदानों पर हमें खेलना है उसपर आख़िरी फ़ैसला पूरी तरह से पाकिस्तान सरकार को लेना है। हमें अपनी सरकार के फ़ैसले पर पूरा भरोसा है और वह जो कहेंगे हम वही करेंगे। ये पूरी तरह से पाकिस्तान सरकार पर निर्भर है कि आगे क्या और कैसे करना है। अगर वह चाहते हैं कि इसके लिए पहले एक टीम को भारत भेजा जाए जो वहां के हालातों का जायज़ा ले और आयोजकों के साथ मीटिंग करें, तो ये भी पूरी तरह से सरकार का ही फ़ैसला होगा।"
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड
मौजूदा पाकिस्तान सरकार का कार्यकाल इसी साल अगस्त में समाप्त हो रहा है, यानी भारत का दौरा होगा या नहीं ये पूरी तरह से नई सरकार के हाथों में होगा। ऐसा माना जा रहा है कि मौजूदा सरकार इस समय इस मसले पर कोई आधिकारिक घोषणा या फ़ैसला नहीं करना चाहेगी। ये ठीक उसी दिशा में जाता दिख रहा है जैसा 2016 टी20 विश्व कप में हुआ था जब आख़िरी मौक़े पर पाकिस्तान को भारत आने की इजाज़त सरकार से मिली थी।
2016 में तब की नवाज़ शरीफ़ सरकार ने पहले सुरक्षा का जायज़ा लेने के लिए एक टीम भारत भेजी थी और फिर बिल्कुल अंतिम समय पाकिस्तानी टीम को भारत जाने की हरी झंडी मिली थी। एक समय तो ऐसा भी आ गया था जब पीसीबी ने विश्व कप से नाम वापस लेने की धमकी भी दे दी थी और फिर भारतीय सरकार ने भारत-पाकिस्तान का मैच धर्मशाला की जगह कोलकाता में कराया था।