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नस्लवाद के ख़िलाफ़ क्रिकेट साउथ अफ़्रीका को एक सामूहिक फ़ैसला लेना होगा : बवूमा

"डिकॉक विवाद की चर्चा हर तरफ़ थी और इसका दबाव पूरी टीम पर था"

Temba Bavuma takes a knee, England vs South Africa, T20 World Cup 2021, Sharjah, November 6, 2021

'हमें आगे इस तरह के रवैये और संदेश से बचना होगा'  •  Alex Davidson/Getty Images

साउथ अफ़्रीका के कप्तान तेम्बा बवूमा ने साउथ अफ़्रीका क्रिकेट से गुज़ारिश की है कि नस्लवाद के ख़िलाफ़ मैदान पर कैसे और क्या संदेश दिया जाए, इसको लेकर एक सामूहिक फ़ैसला लेना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि टीम पर मैदान में घुटने टेककर संदेश देने का फ़ैसला कभी कभी दबाव लेकर आता है।
"मेरे लिए ज़रूरी है कि हम अपनी रोज़ाना ज़िंदगी में इसे कैसे देखते हैं और क्या करते हैं। हम सभी साथ जा सकते हैं, हवा में हाथ लहरा सकते हैं, घुटने के बल बैठ भी सकते हैं लेकिन इन सबके बावजूद अगर आप ये दिल से नहीं कर रहे तो फिर इसका क्या फ़ायदा। साउथ अफ़्रीकी टीम होने के नाते हम इस विवाद की वजह से दबाव में थे, इतना न तो किसी और अंतर्राष्ट्रीय टीम पर दबाव था और न ही किसी स्थानीय टीम को इस स्थिति से गुज़रना पड़ा। इसे देखते हुए मुझे लगता है कि क्रिकेट साउथ अफ़्रीका को एक सामूहिक फ़ैसला लेना होगा, ताकि भविष्य में हम इस तरह की चीज़ों से बच सकें।"
तेम्बा बवूमा, कप्तान, साउथ अफ़्रीका
सीएसए की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है जिसमें कहा गया है कि वह सभी खिलाड़ियों के साथ इस मुद्दे पर बात करेंगे और वह चाहते हैं कि इसपर सभी की राय एक हो।
"इस मसले पर क्रिकेट साउथ अफ़्रीका की सोच और रवैया बिल्कुल साफ़ है कि हम सभी एक साथ और एक ही तरह से नस्लवाद के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं। हम सभी को इसमें साथ रखना चाहते हैं और एक पारदर्शी और बेहतर रवैये के साथ।"
बवूमा ने पुरानी बात को याद करते हुए कहा कि, "वह कुछ ऐसा था जिसके लिए आप तैयार नहीं थे, और कुछ हद तक उसने हमारे विश्वकप अभियान पर भी असर डाला। मैदान के बाहर हुई घटना जब आपको मैदान के अंदर भी दबाव में डाल देती है तो आपके लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है। हालांकि मैं ख़ुशक़िस्मत हूं कि इस परिस्थिति से बाहर निकल पाया।"
"हालांकि इसके बाद भी हर तरफ़ से नज़रें मुझपर ही थीं, क्योंकि मैं टीम का कप्तान था। अगर आप मेरे करियर पर नज़र डालें तो शायद ही कभी मैंने कोई दबाव महसूस किया होगा। लेकिन अब मैं तैयार हूं और बतौर अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी आपको इन हालातों से गुज़रना होता है। मैं कोशिश करूंगा कि आगे भी अपनी भावनाओं को पीछे छोड़कर सही फ़ैसला ले सकूं।"

फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है।