किस किस को 2010 के टी20 विश्व कप का सेमीफ़ाइनल याद है जहां माइकल हसी के हस्तक्षेप से पहले पाकिस्तान तीसरी बार लगातार फ़ाइनल में स्थान लेने की ओर अग्रसर था ? इस विश्व कप में भी पाकिस्तान पांच मैच में पांच जीत के साथ शानदार फ़ॉर्म में है। क्या ऑस्ट्रेलिया उनके यूएई में 16 लगातार जीत के सिलसिले को तोड़ पाएगा ? टॉस रहेगा बॉस?
इस विश्व कप में दुबई में 11 में 10 मैच दूसरी बल्लेबाज़ी करते हुए जीते गए हैं। इकलौता लक्ष्य का बचाव न्यूज़ीलैंड और स्कॉटलैंड के बीच दिन के मैच में देखने को मिला था। एक मैच के दूसरे अंश में पिच पर बड़ा परिवर्तन देखने को मिलता है। तो क्या इस सेमीफ़ाइनल का फ़ैसला भी पहली गेंद से लगभग आधे घंटे पहले सिक्के के उछाले जाने पर हो जाएगा? हालांकि बड़े मैचों में पहले बल्लेबाज़ी करके दबाव बनाने के भी अपने ही फ़ायदे होते हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने अपने इकलौते हार में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले बल्लेबाज़ी की थी। ऐसे में पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम की रणनीति दिलचस्प होगी।
ऑस्ट्रेलिया और उनका पांचवां गेंदबाज
ऑस्ट्रेलिया ने पांच में चार मैच जीते हैं और उस हार में उन्होंने मिचेल मार्श की जगह ऐश्टन एगार को खिलाया था। बाक़ी मुक़ाबलों में उन्होंने सात बल्लेबाज़ों के साथ चार विशेषज्ञ गेंदबाज़ों को खिलाना उचित समझा है। मार्श, ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टॉयनिस मिलकर पांचवे गेंदबाज़ की पूर्ती करते हैं।
अब तक मैक्सवेल ने आठ ओवर में 6.5 की इकॉनमी से गेंदबाज़ी की है और मार्श ने भी अपने तीन ओवर में केवल 16 रन लुटाए हैं। मैक्सवेल का उपयोग अक्सर विपक्षी टीम के खब्बू बल्लेबाज़ों के विरुद्ध होता है लेकिन पाकिस्तान की टीम में फ़ख़र ज़मान के अलावा ऐसा कोई विशेषज्ञ बल्लेबाज़ नहीं है। देखना दिलचस्प होगा कि मैक्सवेल से कुछ किफ़ायती ओवर पावरप्ले में निकाले जाएंगे या ऑस्ट्रेलिया शुरुआत में तेज़ गेंदबाज़ों से ही आक्रमण जारी रखेगा। अगर ऐसा होता है तो शायद मार्श से कुछ और ओवर निकालने की कोशिश रहेगी।
इमाद को कैसे खेलेगा ऑस्ट्रेलिया?
पाकिस्तान के गेंदबाज़ी क्रम का एक अहम हिस्सा हैं
इमाद वसीम। विश्व कप में उनकी इकॉनमी है 5.23 जो सभी स्पिन गेंदबाज़ों में सर्वश्रेष्ठ है।
वह भले ही विकेट नहीं झटकते लेकिन डॉट बॉल संचित करके दबाब बनाते हैं जिससे दूसरे छोर के गेंदबाज़ों का लाभ होता है। अगर डेविड वॉर्नर और ऐरन फ़िंच शाहीन शाह अफ़रीदी का पहले ओवर ठीक से खेल लेते हैं तो इमाद के विरुद्ध उनकी रणनीति देखने लायक़ होगी। वॉर्नर ने उनके ख़िलाफ़ 19 गेंदों पर 38 रन बनाए हैं लेकिन फ़िंच 13 गेंदों में सिर्फ़ आठ रन बना पाए हैं और दो बार आउट भी हुए हैं।
फ़िंच को वेस्टइंडीज़ के अक़ील हुसैन ने भी परेशान किया था जो बतौर स्पिनर इमाद से मिलते जुलते हैं। पिछले दो सालों में इमाद की इकॉनमी दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ 5.84 की है और यही आंकड़ा खब्बू बल्लेबाज़ों के विरुद्ध सात प्रति ओवर है। बड़े मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलिया के दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को इमाद और शादाब ख़ान की लेगस्पिन के ख़िलाफ़ निरंतरता से रन बनाना मुश्किल पड़ सकता है। एक उपाय है मैथ्यू वेड को ऊपर भेजना, हालांकि मैक्सवेल के रिवर्स हिट से भी इसका हल निकल सकता है।
"पावरप्ले" वाली पाकिस्तान
पाकिस्तान को इस विश्व कप का सर्वश्रेष्ठ टीम कहना अतिशोक्ति नहीं होगी। उन्होंने तीन मैच लक्ष्य का पीछा करते हुए जीता है तो दो में पहले बल्लेबाज़ी की है। पावरप्ले में 87.5 का औसत उन्हें इस मापदंड पर भी सर्वोपरि बनाता है लेकिन पहले छह ओवर में 5.83 का रन रेट इस टूर्नामेंट में सबसे कम है।
बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान एक मज़बूत नींव स्थापित करते हैं और उनमें से एक आख़िर तक टिकने का प्रयास करता है। ऐसे में उन्होंने डेथ ओवर्स में 14.58 के दर से रन बनाएं हैं। लेकिन की स्कॉटलैंड या नामीबिया से शक्तिशाली गेंदबाज़ी के विरुद्ध भी ऐसा हो पाएगा? क्या पाकिस्तान अपने परिचित अंदाज़ में ही बल्लेबाज़ी करेगा या बाबर और रिज़वान में से एक ज़्यादा आक्रामक रवैय्या अपनाएगा?
ऑस्ट्रेलिया की कोशिश यही रहेगी कि जल्दी विकेट झटककर पाकिस्तान को अपने प्लान में बदलाव करने पर मजबूर करें। ऐसे में दोनों टीमों की क़िस्मत का फ़ैसला पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी के पहले छह ओवरों में हो सकता है।
गौरव सुंदररमन ESPNcricinfo में सीनियर स्टैट्स एनलिस्ट हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।