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रॉड्रिग्स: मैंने बिल्कुल सही समय पर धैर्य दिखाया और फिर अपने गियर बदले

भारतीय बल्लेबाज़ ने अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय शतक के लंबे इंतज़ार को ख़त्म करने पर खु़शी व्यक्त की

Jemimah Rodrigues hit 12 boundaries to bring up her maiden century, India vs Ireland, 2nd Women's ODI, Rajkot, January 12, 2025

Jemimah Rodrigues ने जड़ा अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक  •  BCCI

भारत की बल्लेबाज़ जेमिमाह रॉड्रिग्स सात साल के लंबे इंतजार के बाद अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाकर काफ़ी ख़ुश हैं। उन्होंने कहा कि आयरलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने बिल्कुल सही समय पर धैर्य दिखाया और सही समय पर गियर बदला। इसी कारण से वह यह शतक लगाने में सफल हो पाईं।
आयरलैंड के ख़िलाफ़ राजकोट में खेले गए दूसरे वनडे में उनके मैच विजयी 102 रनों ने भारत को अपने वनडे इतिहास के अब तक के सर्वोच्च स्कोर (370) तक पहुंचने में भी मदद की।
रॉड्रिग्स ने कहा, "शतक लगाने के बाद बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। मैं इसका इंतज़ार लंबे समय से कर रही थी। मैंने इस पारी में छोटे-छोटे लक्ष्य बनाए और उन्हें हासिल करने की कोशिश की। मुझे पसंद आया कि मैंने आज सही समय पर गियर बदले। शुरुआत में मैंने काफ़ी धैर्य दिखाया, जो मेरे लिए आज की पारी की सबसे सकारात्मक बिंदु रहा। टिककर खेलना काफ़ी ज़रूरी था। पहले मैं रन तो बना रही थी, लेकिन उन्हें बड़े स्कोर में नहीं बदल पाती थी। इसलिए आज शतक बनाने के बाद मैं काफ़ी ख़ुश हूं।"
रॉड्रिग्स ने खुलासा किया कि तीन अंकों का स्कोर हासिल करने की प्रेरणा उन्होंने अपने अंडर-19 के दिनों से ली। 2017 में मुंबई की तरफ़ से खेलते हुए सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ अंडर-19 महिला वनडे टूर्नामेंट में बनाए गए उनके नाबाद 202 रनों ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया था।
उन्होंने कहा, "पहले वनडे में जिस तरह से आउट हुई, उससे मैं खु़द पर गुस्सा थी। मुझे अपने प्रति सकारात्मक रहना ज़रूरी था। अगर मैं खु़द के प्रति ज़्यादा सख्त हो जाऊं तो मेरा आत्मविश्वास बहुत गिर जाता है। इसलिए मेरे लिए यह ज़रूरी था कि मैं सकारात्मक रहूं और यह सोचूं कि 'ठीक है… मैं आउट हो गई, लेकिन अगले मैच में मैं क्या बेहतर कर सकती हूं। इस पर ध्यान दिया जाए।' मैंने अंडर-19 के दिनों को याद किया, जहां मैंने कई शतक लगाए थे और एक दोहरा शतक भी लगाया था। मैंने वही मानसिकता अपनाई और आज उसे लागू किया, और यह सफल रहा।"
नियमित कप्तान हरमनप्रीत कौर की अनुपस्थिति में रॉड्रिग्स के ऊपर अतिरिक्त जिम्मेदारी थी। उन्हें नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया। रॉड्रिग्स ने 62 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन अंतिम दस ओवरों में केवल 28 गेंदों पर अगले 50 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने हरलीन देओल (89) के साथ 183 रनों की साझेदारी भी की। इससे पहले स्मृति मांधना और प्रतीका रावल की सलामी जोड़ी ने 156 रनों की साझेदारी की थी।
रॉड्रिग्स ने कहा, "अगर आपके ओपनर आपको ऐसा शुरुआत दें, तो बीच के ओवर में पारी को संभालना और आसान हो जाता है। [हमारे] दो लगातार विकेट गिर गए थे। इसलिए हरलीन और मैंने थोड़ा समय लिया। मुझे लगता है कि उस समय आयरलैंड के गेंदबाज़ भी हावी थे। वनडे मैच की ख़ासियत है कि इसमें थोड़ा समय लिया जा सकता है, और हमने यही किया। हमने 40वें ओवर तक जोखिम मुक्त क्रिकेट खेली क्योंकि हमें पता था कि बाद में इसकी भरपाई की जा सकती है।"