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अहम बिंदु : बल्लेबाज़ कोहली, राहुल की पोज़िशन और भारत के गेंदबाज़ी संतुलन पर रहेंगी नज़रें

क्या धवन के लिए सीमित ओवर क्रिकेट में स्थान पक्का करने का आख़िरी मौक़ा? बुमराह के कार्य प्रबंधन भी देखना होगा

अक्‍तूबर 2016 के बाद पहली बार बल्‍लेबाज के तौर पर वनडे खेलेंगे कोहली  •  AFP/Getty Images

अक्‍तूबर 2016 के बाद पहली बार बल्‍लेबाज के तौर पर वनडे खेलेंगे कोहली  •  AFP/Getty Images

भारत ने साउथ अफ़्रीका में अपनी पहली टेस्ट सीरीज़ जीतने का मौक़ा गंवा दिया, लेकिन नए कप्तान के नेतृत्व में भारतीय टीम 19 जनवरी से शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में इसको भुलाने की कोशिश करेगी। पढ़िए इस सीरीज़ में उन अहम बिंदुओं के बारे में जिनपे रहेंगी सभी की नज़रें।
बल्लेबाज़ कोहली
भारत जब बुधवार को पार्ल के मैदान पर उतरेगी तो 2016 अक्तूबर के बाद से ऐसा पहली बार होगा जब कोहली एक कप्तान नहीं, एक बल्लेबाज़ के रूप में मैदान पर उतरेंगे। नज़रें अभी भी कोहली पर होंगी कि वह कैसे ख़ुद को नए रोल में सटीक बैठाते हैं। कोहली ख़ुद भी यह उम्मीद कर रहे होंगे कि टीम का नेतृत्व करने की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी नहीं होने पर वह अपना खोया फ़ॉर्म पा सकेंगे। टेस्ट क्रिकेट में उनके नंबर ज़रूर कम हुए हैं, लेकिन वनडे क्रिकेट में वह लगातार अच्छा कर रहे हैं। 2020 की शुरुआत से उन्होंने 12 वनडे में 46.66 की औसत और 90.90 के स्ट्राइक रेट से 560 रन बनाए हैं, तो यह एक अच्छा संकेत है।
धवन के लिए बड़ी सीरीज़
पिछले साल जुलाई में जब भारत की दूसरे दर्जे की टीम ने श्रीलंका का दौरा किया था, तो शिखर धवन उस टीम के कप्तान थे और वह 2021 टी20 विश्व कप टीम में अपने होने की मज़बूत दावेदारी पेश कर रहे थे। हालांकि चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा और केएल राहुल को ओपनर चुना और उनके बैकअप के रूप में इशान किशन को जगह दी गई। ऐसे में वनडे ही अब ऐसा प्रारूप है जहां पर धवन अपने स्थान को लेकर सुनिश्चित हैं। हालांकि, उनकी 36 साल की उम्र उनके साथ नहीं है। इसके अलावा वह इस सीरीज़ में विजय हजारे ट्रॉफ़ी की ख़राब फ़ॉर्म से वापसी कर रहे हैं, जहां पर उन्होंने पांच मैचों में केवल 56 रन बनाए थे। दूसरी ओर ऋतुराज गायकवाड़ हैं, जो उस टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर रहे थे। उन्होंने उस टूर्नामेंट में पांच मैचों में 603 रन बनाए थे, जिसमें चार शतक शामिल थें अब जब टी20 विश्व कप अगले नौ महीनों में है तो भारत का फ़ोकस अब जल्द ही टी20 पर आ जाएगा। ऐसे में धवन इस मौक़े का भरपूर फ़ायदा उठाना चाहेंगे।
राहुल कहां पर बल्लेबाज़ी करेंगे?
पिछले दो सालों से राहुल ज़्यादातर वनडे क्रिकेट में मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी कर रहे थे और वहां पर उनके आंकड़े बेहतरीन हैं। उन्होंने 69.25 की औसत और 109.92 के स्ट्राइक रेट से 554 रन बनाए हैं। लेकिन अब क्योंकि रोहित शर्मा अनुपलब्ध हैं तो ओपनिंग का स्थान ख़ाली है, तो क्या राहुल ओपनिंग करेंगे? अगर वह ऐसा करते हैं तो अभी भी भारत के पास मध्य क्रम में श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव और ऋषभ पंत हैं। लेकिन राहुल के मध्य क्रम में आंकड़ों को देखते हुए टीम प्रबंधन उनके रोल को नहीं बदलना पसंद करेगा। ऐसे में धवन के साथ किशन या गायकवाड़ ओपनिंग कर सकते हैं। चयनकर्ताओं की निगाहें राहुल की कप्तानी पर भी होगी, क्योंकि अब लाल गेंद क्रिकेट के कप्तान की भी घोषणा की जानी है।
ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर
वेंकटेश अय्यर ने पहली बार विजय हजारे ट्रॉफ़ी में पंजाब के ख़िलाफ़ 198 रन बनाकर ध्यान खींचा था। इसके बाद आईपीएल 2021 के यूएई लेग में कोलकाता नाइट राइडर्स की किस्मत वेंकटेश के सहारे बदली। लेकिन वह सभी रन ओपनिंग करते हुए आए थे। 50 ओवर क्रिकेट में अपने फ़िनिशर के कौशल को दिखाने के लिए वेंकटेश ने विजय हजारे ट्रॉफ़ी में इस सीज़न मध्य ओवर में बल्लेबाज़ी भी की। परिणाम यहां पर भी बेहतरीन रहे। उन्होंने छह मैचों में 63.16 की औसत और 133.92 के स्ट्राइक रेट से 379 रन बनाए, जिसमें दो शतक और एक अर्धशतक शामिल थे। गेंद से भी उन्होंने 5.75 के इकॉनमी से छह विकेट झटके। लेकिन सबसे ज़्यादा अहम यह था कि एक मैच के अलावा उन्होंने सभी में अपने कोटे के दस ओवर किए। हार्दिक पंड्या के टीम में नहीं होने पर वेंकटेश के पास ख़ुद को ऑलराउंडर के रूप में साबित करने का मौक़ा है।
भारत का गेंदबाज़ी संतुलन क्या होगा?
वेंकटेश के नंबर देखने के बावजूद भारत अभी भी उन्हें छठे गेंदबाज़ी विकल्प के तौर पर देखेगी। और यह पूरी अंतिम 11 का संतुलन बिगाड़ सकता है। अगर वेंकटेश खेलते हैं तो चार प्रमुख गेंदबाज़ों को भारत खिलाना चाहेगा। इसका मतलब होगा कि शार्दुल ठाकुर को समायोजित करने के लिए एक बल्लेबाज़ का त्याग करना। जहां तक चार प्रमुख गेंदबाज़ों का सवाल है, भारत तीन सीमर और एक स्पिनर के साथ या हर तरह के दो गेंदबाज़ों के साथ जा सकता है।
एक और विकल्प है कि वेंकटेश अय्यर को बाहर बैठाया जाए और पांच मुख्य बल्लेबाज़, एक विकेटकीपर और पांच प्रमुख गेंदबाज़ों के साथ जाया जाए, जिसमें दीपक चाहर नंबर सात पर गेंदबाज़ी ऑलराउंडर हो सकते हैं। इससे कप्तान को विकल्प भी मिलेंगे।
अश्विन की वनडे में वापसी
अश्विन ने अपना पिछला वनडे जून 2017 में खेला था। उन्होंने पिछले साल टी20 विश्व कप से सफ़ेद गेंद क्रिकेट में वापसी की, जहां पर उन्होंने तीन मैचों में छह विकेट लिए, लेकिन वनडे की चुनौती अलग होती है। टी20 में अगर कोई गेंदबाज़ चार ओवर अच्छे डाल देता है तो उसका काम पूरा हो जाता है। लेकिन यहां टीम को उनसे मध्य ओवरों में विकेट दिलाने की उम्मीद होगी, लेकिन क्या वह कर सकते हैं? वहीं, अगर टीम में एक ही स्पिनर की जगह होती है तो उन्हें युज़वेंद्र चहल से कड़ी टक्कर मिलेगी।
बुमराह का कार्य प्रबंधन
जसप्रीत बुमराह इस सीरीज़ में उप कप्तान हैं, लेकिन टीम प्रबंधन उनके कार्य प्रबंधन पर भी नज़र रखेगा। यह सीरीज़ विश्व कप सुपर लीग का हिस्सा नहीं है और और अगर होती भी तो भी भारत मेज़बान होने की वजह से 2023 विश्व कप में जगह बना चुकी है। बुमराह खेल सकते हैं, लेकिन क्योंकि पांच दिनों के अंदर तीन मैच खेले जाने हैं तो अगर भारत उन्हें आराम देने का निर्णय ले तो इसमें ज़्यादा हैरानी भी नहीं होगी।

हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।