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सरफ़राज़ अहमद : यह मेरे करियर का सर्वश्रेष्ठ शतक है

विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने ड्रॉ हुए कराची टेस्ट में पाकिस्तान को जीत की दहलीज़ पर ला खड़ा किया था

Sarfaraz Ahmed celebrates his fantastic fourth-innings century, Pakistan vs New Zealand, 2nd Test, Karachi, 5th day, January 6, 2022

सरफ़राज़ ने मैच की चौथी पारी में शतक जड़ा  •  AFP/Getty Images

पाकिस्तान के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज़ सरफ़राज़ अहमद का कहना है कि न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध शुक्रवार को कराची टेस्ट के अंतिम दिन खेली 118 रनों की पारी उनके टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी है।
ख़राब रोशनी के कारण रोमांचक मैच के ड्रॉ होने के बाद पोस्ट मैच प्रेज़ेंटेशन में सरफ़राज़ ने कहा कि चौथी पारी में बल्लेबाज़ी करना एक कठिन चुनौती होती है। 319 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही पाकिस्तान को अंतिम विकेट शेष रहते 15 रन बनाने थे, जब अंपायरों ने खेल समाप्त करने का निर्णय लिया।
सरफ़राज़ ने कहा, "बेशक़ मैंने बहुत शतक बनाए हैं लेकिन यह चौथी पारी का शतक था। विश्व में कहीं भी चौथी पारी में बल्लेबाज़ी करना आसान नहीं होता है। इसलिए मुझे लगता है कि यह मेरा सर्वश्रेष्ठ शतक है।"
77 के स्कोर पर कप्तान बाबर आज़म के रूप में चौथा विकेट गंवाने के बाद सरफ़राज़ क्रीज़ पर आए। दो ओवर और तीन रन बाद शान मसूद भी पवेलियन लौट गए।
लगभग पांच घंटे बल्लेबाज़ी करते हुए सरफ़राज़ ने 118 रन बनाए। माइकल ब्रेसवेल की गेंद पर लेग स्लिप पर कैच आउट होने से पहले उन्होंने पाकिस्तान को जीत की दहलीज़ पर ला खड़ा किया था।
इस शतक ने सरफ़राज़ की वापसी में चार चांद लगा दिए। जनवरी 2019 में एकादश से बाहर होने के बाद वह चार वर्षों तक अपनी जगह पाने का इंतज़ार करते रहे। मोहम्मद रिज़वान से ऊपर तरजीह दिए जाने के बाद उन्होंने 86, 53 और 78 का स्कोर दर्ज करने के बाद अपना चौथा टेस्ट शतक बनाया।
सरफ़राज़ ने कहा, "मैं चार वर्षों तक टीम के साथ रहा हूं और दुर्भाग्यवश मुझे मौक़ा नहीं मिला। जो भी क्रिकेट मेरी ओर आया, मेरा उद्देश्य था कि मैं खेलते रहूं और प्रदर्शन करता रहूं। मैं सोचता था कि अगर अल्लाह चाहेगा तो मुझे मौक़ा मिलेगा और मुझे वह मौक़ा मिला।"
सरफ़राज़ ने बताया कि वह इतने समय बाद बल्लेबाज़ी करने को लेकर थोड़ा नर्वस थे लेकिन कप्तान बाबर और अन्य साथी खिलाड़ियों ने उन्हें आत्मविश्वास दिया।
उन्होंने कहा, "जब मैं (सीरीज़ में) पहली बार बल्लेबाज़ी करने आया तब मेरी मानसिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। मैं नर्वस था लेकिन कप्तान और टीम के अन्य लड़कों ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया। मैंने घरेलू क्रिकेट की अपनी फ़ॉर्म पर विश्वास जताया और अच्छा प्रदर्शन किया।"
सऊद शकील के साथ 123 रनों की साझेदारी में सरफ़राज़ ने आक्रामक रुख़ अपनाया। शकील के आउट होने पर उन्होंने आग़ा सलमान के साथ 70 रनों की साझेदारी निभाई लेकिन जब वह आउट हुए, तो उन्हें बैकफ़ुट पर जाना पड़ा।
अंतिम दिन टीम की रणनीति के बारे में विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने बताया, "जब 140 रन बचे हुए थे तब टीम प्रबंधन और कप्तान का संदेश यह था कि आप रनों के लिए जाओ। लेकिन जब दो विकेट और गिरे, तब मुझे बैकफ़ुट पर जाना पड़ा। अगर वे विकेट नहीं गिरे होते तो नतीजा हमारे लिए और बेहतर हो सकता था।"