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इसाम : नया दिन, नया देश, लेकिन फिर वही निराशाजनक बांग्लादेश

मेहमान टीम के शीर्ष चार बल्लेबाज़ों ने अब तक 2022 में 21.65 के औसत से 13 डक और छह अर्धशतक बनाए हैं

पहली पारी में बांग्लादेश की पूरी टीम 103 रनों पर आउट हो गई थी  •  Randy Brooks/AFP via Getty Images

पहली पारी में बांग्लादेश की पूरी टीम 103 रनों पर आउट हो गई थी  •  Randy Brooks/AFP via Getty Images

शाकिब अल हसन काफ़ी समय से इतने असहाय नहीं दिखे हैं। जब काइल मेयर्स ने एक ही मेडन ओवर में दो विकेट झटकते हुए बांग्लादेश के मध्य क्रम को नेस्तनाबूद कर दिया तब नए कप्तान शाकिब ने कोई भी गेंद नहीं खेला था और उनकी आंखों के सामने टीम का स्कोर 45 पर छह हो चुका था और टेस्ट मैच में सिर्फ़ एक घंटे का खेल ही हो पाया था।
अगर 2018 में एंटिगा टेस्ट को याद करें और बांग्लादेश के 2022 के फ़ॉर्म को ध्यान में रखें तो इस टेस्ट और सीरीज़ का फ़ैसला उस पहले घंटे में ही हो चुका है।
जब शाकिब को बांग्लादेश के दुरावस्था का संज्ञान हुआ तो वह आख़िर के डेढ़ घंटे तक स्लॉग करते हुए गेंदबाज़ों पर प्रहार करने लगे। यह आकर्षक बल्लेबाज़ी नहीं थी और ना ही ऐसा खेल जिसे टेस्ट के पहले दिन अपनाना चाहिए थे लेकिन फिर उनके पास विकल्प ही क्या था? उन्होंने 67 गेंदों पर 51 बनाए और कम से कम बांग्लादेश को तिहरे आंकड़ों तक ले गए। हालांकि एक टेस्ट टीम के लिए 103 उतना ही शर्मनाक स्कोर कहलाएगा जितना 99 होता।
अगर बांग्लादेश के गेंदबाज़ दूसरे दिन कोई जादू नहीं कर पाएं तो यह मैच पूरी तरह वेस्टइंडीज़ के कब्ज़े में जा चुका है। केमार रोच और जेडन सील्स ने अच्छी शुरुआत दिलाई और उसी पर मेयर्स और अल्ज़ारी जोसेफ़ ने चार चांद लगाते हुए अच्छी दिशा और चतुर और हल्के हरकतों से बांग्लादेश को चित किया।
वैसे सील्स, जोसेफ़, मेयर्स और स्लिप में दो कैच पकड़ने वाले एनक्रुमा बॉनर पाकिस्तान में वनडे सीरीज़ के बाद मुल्तान से सीधे इस टेस्ट मैच में ही लौटे थे। वर्तमान क्रिकेट में जेटलैग के बावजूद क्रिकेट खेलना असामान्य नहीं है लेकिन विपक्ष को इस बात का फ़ायदा उठाने की भी ज़रूरत पड़ती है।
बांग्लादेश ने ऐसा नहीं किया। बल्कि बांग्लादेश के लिए ऐसा लगा कि हाल में बल्लेबाज़ी में उनकी नाक़ामियां मानो हरे-भरे घाव की तरह फिर से दर्द देने लगे। हाल में घर पर उन्होंने एक टेस्ट में एक पारी में छह डक (शून्य का स्कोर) बनाने के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी और एंटिगा में उन्होंने पहले ही दिन ऐसा फिर से कर दिखाया।\
युवा प्रतिभाशाली सलामी बल्लेबाज़ महमूदुल हसन जॉय सात टेस्ट में पांचवीं बार बिना रन बनाए आउट हुए। इस बल्लेबाज़ ने न्यूज़ीलैंड में 78 बनाए और साउथ अफ़्रीका में 137 लेकिन ऑफ़ स्टंप के बाहर छेड़खानी करते हुए आउट होना एक आदत सी बन गई है। नंबर तीन पर नाजमुल हुसैन शांतो को हमेशा एक बड़ी प्रतिभा के रूप में देखा गया है लेकिन पिछले 17 पारियों में एक ही अर्धशतकीय पारी के चलते ऐसा कहना कठिन है।
टेस्ट कप्तानी त्यागने के बाद पहली पारी में मोमिनुल हक़ ने फिर से निराश किया। बुरा फ़ॉर्म किसी भी बल्लेबाज़ के जीवन में आम है लेकिन जिस तरह से मोमिनुल तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ असहज दिखते हैं उससे अंदाज़ा नहीं लगता की यही बल्लेबाज़ एक साल पहले अच्छी लय प्राप्त करते हुए नज़र आते थे।
2022 के पहले छह महीनों में बांग्लादेश के शीर्ष चार बल्लेबाज़ों का रिकॉर्ड काफ़ी निराशाजनक है। उन्होंने 21.65 के औसत के साथ 13 डक और केवल छह ऐसी पारियां खेलीं हैं जहां 50 का पड़ाव पार किया हो। इसमें मोमिनुल और शांतो का फ़ॉर्म एक बड़ा कारण रहा है।
एंटिगा में तमीम इक़बाल, महमूदुल, शांतो और मोमिनुल पहले 14 ओवर में ही आउट हो चुके थे। मुश्फ़िकुर रहीम और यासिर अली की ग़ैरमौजूदगी में यह अपने आप में एक बड़ा झटका था। फिर जब मेयर्स ने एक ही ओवर में फ़ॉर्म में चल रहे लिटन कुमार दास और नुरुल हसन को आउट किया तब उनकी मुश्किलें और बढ़ीं। लिटन ने मेयर्स को खेलने में संयम का परिचय नहीं दिखाया और घरेलू क्रिकेट में अच्छे फ़ॉर्म के ज़रिए टीम में लौट रहे नुरुल ने मेयर्स की अंदर आती गेंदबाज़ी को देखते हुए भी ठीक ऐसी एक गेंद को छोड़ दिया।
इसके बाद शाकिब के पास प्रत्याक्रमण के अलावा कोई चारा नहीं बचा। उन्होंने स्टंप्स से हटकर गेंदबाज़ को विचलित करने की कोशिश की। उन्होंने अच्छी स्लॉगिंग के साथ सूझबूझ से स्ट्राइक भी अपने पास रखा। सेट होने पर उन्होंने आसानी से फ़ील्डर्स के ऊपर भी मारना शुरू किया।
हालांकि बांग्लादेश के पुछल्ले बल्लेबाज़ों के लिए बचना कभी भी आसान नहीं होता। मेहदी हसन के बाद तैजुल इस्लाम के ना होने से बांग्लादेश का निचला क्रम वैसे भी और कमज़ोर था। इस क्रम से रन निकलवाने में रसल डॉमिंगो, जेमी सिडन्स और ख़ालिद महमूद को काफ़ी मेहनत करनी होगी। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने साउथ अफ़्रीका, श्रीलंका और अब वेस्टइंडीज़ सीरीज़ से पहले अभ्यास के लिए कैंप का आयोजन किया था लेकिन इससे बल्लेबाज़ों को ख़ास फ़ायदा नहीं मिल रहा है। तीनों विपक्षी टीमों ने लगभग एक ही रणनीति अपनाई है और वह है बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों द्वारा किए जाने वाली ग़लतियों की प्रतीक्षा करना।
शायद 21 साल में पहली बार बांग्लादेश क्रिकेट टीम का कोई अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच का घर पर टीवी में प्रसारण ना हो पाना उतनी ख़राब बात नहीं।

मोहम्मद इसाम ESPNcricinfo के बांग्लादेशी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन ने किया है।