कोच के रूप में अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में
राहुल द्रविड़ को एक कठिन निर्णय लेना है। भारतीय टीम के पूर्णकालिक कप्तान
विराट कोहली की टीम में वापसी हो चुकी है। उनके और नए कोच के सामने सवाल यह है कि वह किसकी जगह पर खेलेंगे?
पहले टेस्ट में श्रेयस अय्यर ने 105 और 65 की शानदार पारियों को खेलकर ना सिर्फ़ भारत को संकट से उबारा बल्कि उन्हें जीत के दहलीज तक पहुंचाया। इसलिए उन्हें बाहर करना काफ़ी कठिन होगा, ख़ासकर तब जब भारत के तीन प्रमुख मध्यक्रम बल्लेबाज़ों का पिछले दो साल का औसत सिर्फ़ 27.3 है।
भारतीय टीम प्रबंधन के पास तीन विकल्प हैं।
रहाणे की जगह लें कोहली
भारतीय टीम प्रबंधन के लिए यह सबसे आसान विकल्प होगा कि वह रहाणे को बाहर करें, कोहली अपने पुराने बल्लेबाज़ी क्रम नंबर चार पर आएं और अय्यर कानपुर टेस्ट की ही तरह नंबर पांच पर उतरें।
यह भी एक विचार है कि अगर आप गेंदबाज़ों को आराम देते हैं, उन्हें रोटेट करते हैं, कुछ गेंदबाज़ों को घरेलू ज़मीन पर और कुछ को विदेश में खिलाते हैं तो क्यों ना
रहाणे को भी उनका रिकॉर्ड देखकर सिर्फ़ विदेशों में ही खिलाया जाए।
कोहली, पुजारा की जगह आएं
चेतेश्वर पुजारा ने 2014-15 में मेलबर्न टेस्ट में मैच बचाने वाली पारी खेली थी, लेकिन अगले सिडनी टेस्ट में वह टीम में नहीं थे। 2015 में उन्होंने श्रीलंका में एक हरी-भरी कठिन पिच पर शतक बनाया लेकिन एक घरेलू सीरीज़ में अच्छा ना करने के कारण उन्हें अगले वेस्टइंडीज़ दौरे पर टीम में जगह नहीं मिली।
लेकिन अब पुजारा को शतक लगाए हुए लगभग तीन साल हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने 23 मैचों में सिर्फ़ 28.61 की औसत से रन बनाए हैं। हां, उन्होंने बीच-बीच में कुछ अच्छी पारियां ज़रूर खेली हैं लेकिन उनके कद को देखते हुए वे नाकाफ़ी हैं।
मयंक अग्रवाल को कोहली के लिए जगह खाली करना पड़े
अगर ऐसा होता है तो यह
मयंक के साथ अन्याय जैसा होगा। 15 टेस्ट में उनका औसत 43.28 का है। उन्होंने घर पर साउथ अफ़्रीका और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दोहरा शतक भी बनाया है। वहीं विदेशों में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैच खेलने के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया में रोहित शर्मा के लिए जगह खाली करना पड़ा। इसके बाद वह इंग्लैंड दौरे पर चोटिल हो बैठे। इसलिए अगर एक टेस्ट के बाद ही उन्हें बाहर बैठाया जाता है तो उनके साथ यह अन्याय होगा।
अब सवाल यह उठता है कि अगर मयंक बाहर जाते हैं तो गिल के साथ ओपन कौन करेगा?
फ़िलहाल
ऋद्धिमान साहा का फ़िटनेस संदेह के घेरे में है। अगर वह पूरी तरह फ़िट नहीं होते हैं तो
केएस भरत उनकी जगह लेंगे, जो कि अपनी 123 प्रथम श्रेणी परियों में 77 बार ओपनिंग कर चुके हैं। उनके नाम ओपनर के तौर पर एक तिहरा शतक और तीन शतक शामिल है।
अगर साहा फ़िट भी होते हैं तो भी टीम प्रबंधन यह निर्णय ले सकती है। हालांकि उन्होंने दूसरी पारी के दौरान गर्दन के दर्द के बाद भी एक बेहतरीन पारी खेली थी और उन्हें बाहर बैठाना आसान नहीं होगा।"
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट ए़डिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है