मैच (12)
IPL (2)
PAK v WI [W] (1)
RHF Trophy (4)
WT20 WC QLF (Warm-up) (5)
फ़ीचर्स

युवा ब्रूक और पोप के लिए टेस्ट क्रिकेट में सिक्का जमाने का बेहतरीन मौक़ा

बेयरस्टो के चोट के चलते ब्रूक को तीसरे टेस्ट में डेब्यू मिल सकता है, वहीं पोप अपने 30वें टेस्ट में ख़ुद को तीसरे नंबर पर स्थापित करना चाहेंगे

स्लिप कैचिंग का अभ्यास करते हैरी ब्रूक  •  Getty Images

स्लिप कैचिंग का अभ्यास करते हैरी ब्रूक  •  Getty Images

गुरुवार को टी20 अंतर्राष्ट्रीय खेल चुके हैरी ब्रूक इंग्लैंड के लिए टेस्ट खिलाड़ी नंबर 707 बन सकते हैं। वह चोटिल जॉनी बेयरस्टो की जगह एकादश में लेंगे।
यॉर्कशायर का यह खिलाड़ी प्रतिभावान तो है ही लेकिन उनके आंकड़े भी एक अच्छी तस्वीर बनाते हैं। 2021 सीज़न की शुरुआत से इस 23-वर्षीय बल्लेबाज़ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 1,782 रन बनाए हैं और अपने करियर के सात शतकों में से पांच शतक इस दौरान ही ठोके हैं। इस सीज़न 12 पारियों में उनका औसत 107.44 का है और ओवल में तीसरे टेस्ट में जिन साउथ अफ़्रीकी गेंदबाज़ों से उनका सामना होगा, उन्हीं के ख़िलाफ़ ब्रूक ने इंग्लैंड लायंस के लिए 140 रन की पारी खेली थी। फ़रवरी में उन्होंने लाहौर क़लंदर्स के लिए 48 गेंदों पर शतक मारा था जो पाकिस्तान सुपर लीग के इतिहास में दूसरा सबसे तेज़ शतक है।
वह इंग्लैंड के साथ टी20 सीरीज़ की टीम का हिस्सा बनकर पाकिस्तान लौटेंगे, फिर टी20 विश्व कप भी खेलेंगे और अब काफ़ी संभव है कि पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज़ खेलने के लिए भी उन्हें याद किया जाएगा। उनका हालिया प्रदर्शन जितना भी यादगार रहा है, उसमें उन्हें कुछ नई यादें जोड़ने का बेहतरीन मौक़ा मिलने वाला है।
फ़िलहाल उन्होंने अभ्यास सत्र में विशेषज्ञों को काफ़ी प्रभावित किया है। ब्रूक एक ख़ास प्रतिभा तो हैं लेकिन इंग्लैंड क्रिकेट में आदत सी है कि किसी नए खिलाड़ी पर वक़्त से पहले ही अपेक्षाओं के बोझ तले दबाव बनाया जाए। यह जिस बल्लेबाज़ के साथ पिछली बार हुआ था, वह ब्रूक से केवल 13 महीने बड़े हैं और उनका नाम ऑली पोप है।
पोप ने कहा, "हैरी एक ज़बरदस्त प्लेयर हैं।" दोनों खिलाड़ी अंडर-19 स्तर तक साथ थे और 2018 में जब ब्रूक अंडर-19 विश्व कप टीम के कप्तान नियुक्त हुए तो उसी साल भारत के विरुद्ध पोप पहली बार सीनियर क्रिकेट भी खेले। पोप चार साल से इंग्लैंड की योजनाओं का हिस्सा रहे हैं लेकिन गुरुवार उनके लिए भी काफ़ी महत्वपूर्ण दिन होगा। उनका 30वां टेस्ट उनके व्यक्तिगत घरेलू मैदान में केवल दूसरा ही टेस्ट होगा। साथ ही इंग्लैंड के नंबर तीन के तौर पर यह केवल उनका सातवां मैच होगा।
ट्रेंट ब्रिज में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ शतक की सहायता से उनके सीज़न का औसत (34.36), उनके वर्तमान करियर औसत (30) से कहीं बेहतर है। जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ों के बीच पोप को अब एक वरिष्ठ खिलाड़ी के रूप में देखा जाएगा और वह इससे काफ़ी ख़ुश हैं।
पोप ने कहा, "अगर आप हर समय अपनी आवाज़ धीमी करके रखेंगे तो आप को ही परेशानी होगी। 30 टेस्ट एक अच्छा तजुर्बा है और मैंने कुछ मुश्किल दौरे भी देखे हैं। मैं उन सब को सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा मानता हूं। ब्रूकी जैसे किसी युवा खिलाड़ी के लिए क्या चुनौतियां हो सकती हैं, मैं उन्हें बता सकता हूं। यह बल्लेबाज़ी करने के बारे में बात नहीं होगी लेकिन मैं उन्हें बता सकता हूं कि बतौर इंग्लैंड क्रिकेटर मेरे लिए क्या तैयारी कारगर साबित हुई है। टेस्ट क्रिकेट के उतार चढ़ाव कैसे संभाले जाए, यही नसीहत उन्हें दी जा सकती है।"
पोप जब लॉर्ड्स में भारत के ख़िलाफ़ पहली बार बल्लेबाज़ी करने उतरे थे तो उन्होंने उससे पहले केवल 15 प्रथम-श्रेणी मैचों का अनुभव देखा था। अगस्त 2018 में उस टेस्ट में अपने लाल-गेंद क्रिकेट करियर में पहली बार उन्हें पारी के पहले 10 ओवरों में ही उतरना पड़ा था। काफ़ी हद तक ब्रूक उनसे कहीं ज़्यादा तैयार हैं। 56 प्रथम-श्रेणी मुक़ाबलों के अलावा वह पीएसएल और बिग बैश लीग दोनों में खेल चुके हैं।
बेयरस्टो की चोट के कारण यह संभव है कि ब्रूक को पांचवें नंबर पर साल के अंत तक चार लगातार टेस्ट मैच ज़रूर मिलेंगे। क्या पता शायद उस समय भी पोप ख़ुद को नंबर तीन पर स्थापित करने के संघर्ष में व्यस्त हों। हालांकि उन्हें जानने वालों के अनुसार पोप में इस स्थान में सफल होने के सारे गुण हैं। सरी में वह कुमार संगकारा के साथ खेल चुके हैं और पिछले हफ़्ते उन्होंने अपने पुराने टीममेट से कुछ देर बात भी की। काउंटी के मौजूदा तीन नंबर बल्लेबाज़ हैं हाशिम अमला और उनसे भी पोप की बातचीत चलती है।
इस साउथ अफ़्रीकी दिग्गज पर पोप ने कहा, "वह तो एक प्रेरणास्रोत हैं, सिर्फ़ खिलाड़ी ही नहीं इंसान के तौर पर भी। इतनी सफलता के बावजूद वह ज़मीन से जुड़े रहते हैं। आप उनसे मिलकर नहीं विश्वास करेंगे कि इस व्यक्ति ने साउथ अफ़्रीका के लिए इतना कुछ किया है। हम तकनीकी बातों पर चर्चा करते हैं और मैं जब भी इंग्लैंड के लिए रन बनाता हूं तो उनका संदेश ज़रूर आता है।"
पोप की परिपक्वता नए टेस्ट कोच ब्रेंडन मक्कलम के बनाए माहौल की तरफ़ भी इशारा करता है, जहां नए खिलाड़ियों को बोलने की छूट दी जाती है। पोप यही ऊर्जा मैदान पर भी लाते हैं और शॉर्ट लेग पर अपना स्थान ब्रूक को नहीं देना चाहते। स्टोक्स और मक्कलम को यह अंदाज़ा भी है कि पोप ख़ुद ज़िम्मेदारी लेने से कतराते नहीं। जब कप्तान बनने के बाद स्टोक्स ने रूट को चौथे नंबर पर भेजने की घोषणा की थी तो पोप ने फ़ोन के ज़रिए तीन पर बल्लेबाज़ी करने की अपनी इच्छा जताई थी।
स्टोक्स की प्रतिक्रिया पर पोप ने कहा, "मुझे नहीं पता उन्हें पहले कैसा लगा होगा। मैंने बस यह सोचा कि एक स्थान उपलब्ध है और मेरे काउंटी क्रिकेट अनुभव और परिश्रम को देखते हुए मैं इस में सफल हो सकता हूं। मैं कॉल करके काफ़ी संतुष्ट था और जब बैज़ [मक्कलम] ने मुझे बताया कि मैं टीम में हूं तो मैं बहुत उत्साहित था। नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी एक लाजवाब मौक़ा है और मैं इसे छोड़ना नहीं चाहता था।"

विदूशन अहंतराजा ESPNcricinfo में एसोसिएट एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर असिस्टेंट एडिटर देबायन सेन ने किया है