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वह 12 गेंदें जब मुस्तफ़िज़ुर और त्यागी ने हारा हुआ मैच राजस्थान की झोली में डाल दिया

पंजाब को आख़िरी दो ओवर में आठ रन चाहिए थे और आठ विकेट हाथ में ही, वहां से भी हार गए

कार्तिक त्यागी ने हार के मुंह से राजस्थान को जीत तक पहुंचाया  •  BCCI

कार्तिक त्यागी ने हार के मुंह से राजस्थान को जीत तक पहुंचाया  •  BCCI

पंजाब किंग्स को आख़िरी दो ओवर में आठ रन चाहिए थे और उनके हाथ में आठ विकेट शेष थे, इसके बावजूद पंजाब मैच हार जाती है। उनके पास एडन मारक्रम भी थे जो टीम के साथ रिप्लेसमेंट के तौर पर जुड़े थे, और उन्होंने हाल ही में श्रीलंका में कमाल का प्रदर्शन किया था। साथ ही निकोलस पूरन भी मौजूद थे जिन्हें मौजूदा समय में क्लीन हिटर के तौर पर जाना जाता है। इन दोनों ने 28 गेंदों पर अर्धशतकीय साझेदारी भी कर दी थी। उस समय राजस्थान रॉयल्स की हार तय लग रही थी। राजस्थान ने शायद ही सोचा होगा कि अब भी कोई चमत्कार हो सकता है। हालांकि पंजाब के लिए ये नया भी नहीं था। इससे पहले भी ये टीम ऐसी परिस्तिथियों में मैच गंवा चुकी है।
मुस्तफ़िज़ुर रहमान के ख़िलाफ़ कई बार आसानी से रन बनाना आसान नहीं होता और ये ऐसी पिच थी जहां गेंदबाज़ों को ग्रिप मिल रही थी। इसका फ़ायदा उठाते हुए इस बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने धीमी गेंदों का बेहतरीन प्रयोग किया। लेंथ को खींचा फिर तेज़ी से पटकी हुई गेंद डाला और फिर चार शानदार यॉर्कर डाले और वह भी अलग-अलग रिलीज़ प्वाइंट से। तो क्या हुआ अगर उन्होंने अपने पहले तीन ओवर में 27 रन दिए थे और कोई विकेट भी नहीं ली थी? इसी तरह का मास्टरक्लास उन्होंने सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ 2016 में भी दिखाया था, जब वह डेनिड वॉर्नर के ख़ास बन गए थे और उन्हें मोस्ट वैल्यूबल प्लेयर (एमवीपी) के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था।
इसके बाद भी पंजाब को आख़िरी ओवर में सिर्फ़ चार रन की ही ज़रूरत थी और आठ विकेट हाथ में थे। तय लग रहा था कि यहां से पंजाब सफल चेज़ को अंजाम देंगे, बस एक शॉट की दरकार थी और मुक़बला अपने नाम। आख़िरी ओवर में चार रन डिफ़ेंड करने की ज़िम्मेदारी थी युवा कार्तिक त्यागी पर, एक ऐसा गेंदबाज़ जो अपनी रफ़्तार के लिए जाना जाता है।
कोविड-19 की वजह से कार्तिक त्यागी पहले सत्र में कुछ मैचों से बाहर भी रहे थे, और जब वह फ़िट हुए तो टीम में एक और युवा तेज़ गेंदबाज़ का आगमन हो चुका था और वह थे चेतन साकरिया। यानी एक तरह से देखा जाए तो मंगलवार की रात त्यागी वापसी कर रहे थे, साफ़ दिख रहा था कि वह नर्वस हैं। एक फ़ुलटॉस भी इसी क्रम में उन्होंने डाला और फिर चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान थी जो शायद बताना चाह रही थी कि बच गया। अब भी पांच गेंदों पर चार रनों की दरकार थी, तभी कैमरा अनिल कुंबले के चेहरे पर पैन होता है, जो हंस रहे थे और यही सोच रहे होंगे कि बस एक शॉट की बात है।
त्यागी ने यहां से अपनी लाइन बदली और अब ऑफ़ स्टंप के बाहर और पूरी लंबाई वाली गेंद डाली, मारक्रम ने इसे किसी तरह लेग साइड में खेलते हुए एक रन ले लिया। अब चार गेंदों पर तीन रन चाहिए थे और स्ट्राइक पर पूरन थे, जो 21 गेंदों पर 32 रन बनाकर खेल रहे थे। उनका वह फ़ॉर्म वापस आ चुका था जो आईपीएल के पहले हाफ़ में नहीं दिखा था, उनपर टीम कितना विश्वास करती है उसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार बार शून्य पर आउट होने के बावजूद वह टीम का हिस्सा थे। अब पूरन को उसी विश्वास पर खरा उतरना था, और मैच को जीत के साथ ख़त्म करना था।
त्यागी ने इस बार फिर यॉर्कर डाली जो ऑफ़ स्टंप के बाहर थी, पूरन ने खेलने की कोशिश की और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर कीपर के दस्तानों में चली गई। अभी भी पंजाब को यही लग रहा था कि जीत अभी भी उनकी झोली में ही जाएगी। अब तीन गेंदों पर तीन रनों की दरकार रह गई थी और स्ट्राइक दीपक हुड्डा के पास थी। पिछली छ: पारियों में दीपक हुड्डा के नाम मात्र एक 20+ का स्कोर था, इसलिए उन्हें शाहरुख़ ख़ान के ऊपर तरजीह देना भी एक चर्चा का विषय था। उन्होंने इस सीज़न का आग़ाज़ राजस्थान के ही ख़िलाफ़ 28 गेंदों पर 64 रनों की नाबाद पारी के साथ किया था, लेकिन यहां बस ज़रूरत थी कि बल्ले से गेंद लगे। दीपक ने ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंद को खेलने की कोशिश तो की पर गेंद और बल्ले का संपर्क नहीं हुआ।
अब दो गेंदों पर तीन रनों की थी ज़रूरत, एक बार फिर त्यागी की गेंद ऑफ़ स्टंप के बाहर क़रीब क़रीब वाइड जी, जिसे हुड्डा ने खेलने की कोशिश की और नतीजा हुआ कि बल्ले का किनारा लेकर गेंद संजू सैससन के दस्तानों में चली गई यानी एक और डॉट गेंद।
अब एक गेंद पर तीन रनों की ज़रूरत हो गई थी। कुंबले अब काफ़ी नाराज़ दिख रहे थे, राहुल भी अपने माथे से पसीना पोछते नज़र आए। दूसरी ओर त्यागी के चेहरे पर अद्भुत शांति दिख रही थी, वह अपने रन-अप पर थे, लंबी सांस ली और दौड़ना शुरू किया। उन्होंने एक बेहतरीन वाइड यॉर्कर डाली, और फ़ेबियन ऐलेन का बल्ला गेंद को नहीं छू सका, त्यागी ने लगातार चार डॉट गेंद फेंकते हुए पंजाब की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
राहुल और मयंक के बीच वह शतकीय साझेदारी हो या अर्शदीप का वह पांच शिकार या फिर मोहम्मद शमी के आख़िरी लम्हों में लिए गए विकेट - ये सब के सब ज़ाया हो गए। अब पंजाब के पास नौ मैचों में महज़ छ: अंक हैं, यहां से उन्हें अब हर एक मैच में जीत चाहिए, यानी उन्होंने ख़ुद के लिए रास्ते कठिन कर दिए हैं।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब-एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है।